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PM मोदी ने हरिद्वार के किसान जसबीर का बढ़ाया हौसला, जैविक खेती की तारीफ की

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Published : Jan 1, 2022, 4:17 PM IST

Updated : Jan 1, 2022, 9:26 PM IST

साल 2022 के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Scheme) की 10वीं किस्त रिलीज की. इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड के लाभार्थी किसान जसबीर सिंह से भी बातचीत की.
PM Modi talk to Uttarakhand farmer Jasbir
पीएम मोदी ने उत्तराखंड के किसान से की बा

देहरादून: नए साल के पहले ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 10.09 करोड़ किसानों को बड़ा तोहफा दिया है. उन्होंने शनिवार को पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम (Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Scheme) की 10वीं किस्त रिलीज की. इसके तहत किसानों के बैंक अकाउंट में 20,900 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए. प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आयोजित कार्यक्रम में लाभार्थियों को यह राशि जारी की. इस दौरान पीएम मोदी ने उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के रहने वाले लाभार्थी किसान जसबीर सिंह बात भी की.

पीएम मोदी ने उत्तराखंड के लाभार्थी किसान जसबीर सिंह से बातचीत करते हुए उनके प्राकृतिक खेती के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि पिछले सात साल में हमारी कोशिश रही है कि हम प्राकृतिक और ऑर्गेनिक खेती को कैसे बढ़ावा दे सकें. इसके लिये कई तरह की कोशिशें की जा रही हैं. पीएम मोदी ने जसबीर सिंह से सवाल किया का उन्होंने प्राकृतिक और आर्गेनिक फार्मिंग का ही क्यों चयन किया?

PM मोदी ने हरिद्वार के किसान जसबीर का बढ़ाया हौसला

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इस पर जसबीर सिंह ने कहा कि जब उन्होंने जैविक खेती की शुरुआत की थी तो सबसे बड़ी पहले उन्हें फर्टिलाइजर और केमिकल बंद करने पड़े. इसके बाद उन्होंने जीवा अमृत खाद को घर पर ही बनाया और खेती में इसका इस्तेमाल किया गया तो उसका अच्छा रिज्लट मिला.

जसबीर सिंह ने बताया कि जीवा अमृत से पहले उनके खेत में कार्बन की मात्रा .24 थी, जो अब बढ़कर 1.13 से ज्यादा हो गई है. इसीलिए उन्होंने अपनी कंपनी का नाम भी जीवा अमृत रखा. जसबीर ने पीएम मोदी को बताया कि उनके क्षेत्र में सबसे ज्यादा गन्ने की खेती होती है, वो सबसे ज्यादा गन्ने की ही जैविक खेती करते है. साथ ही उनके सभी जैविक उत्पाद भारत और राज्य सरकार की जो एजेंसियां उनके द्वारा प्रणामित किए जाते है.

जसबीर सिंह ने बताया कि शुरुआत में उन्होंने 10 से 15 किसानों से साथ अपना काम शुरू किया था, उस समय उनकी उत्पादन की कैपिसिटी 10 से 15 टन ही थी. साथ ही लोकल मार्केट में उन्हें भाव भी नहीं मिलता है. हालांकि बाद उन्हें मार्केट की और प्रोडेक्ट की डिमाड़ बढ़ी. साथ ही उन्होंने दाम भी अच्छा मिलने लगा.

Last Updated :Jan 1, 2022, 9:26 PM IST
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