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लखनऊ: वकीलों का प्रदर्शन, प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग

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Published : Nov 5, 2019, 4:06 PM IST

जगह-जगह वकीलों का प्रदर्शन

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में हुए बवाल के बाद यूपी के शामली और वाराणसी में वकीलों ने प्रदर्शन किया. सभी ने दोषी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की मांग उठाते हुए अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की.

लखनऊ: देश की राजधानी दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में हुए बवाल के बाद उत्तर प्रदेश के शामली और पीएम मोदी के संसंदीय क्षेत्र वाराणसी मे वकीलों ने प्रदर्शन किया. सभी वकीलों ने दोषी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की मांग उठाते हुए अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की.

जगह-जगह वकीलों का प्रदर्शन.

शामली में जिला बार एसोसिएशन महासचिव अरविंद कुमार ने कहा कि तीस हजारी कोर्ट में निहत्थे अधिवक्ताओं पर जानलेवा हमला किया गया. उनपर गोलियां भी चलाई गई. चेंबरों में घुसकर उन्हें पीटा गया, गाड़ियां भी तोड़ दी गई. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जिस तरह ब्रिटिश शासन में एक तरफा कार्रवाई होती थी. ऐसा ही तीस हजारी कोर्ट में हुआ है. हम दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई और गिरफ्तारी की मांग करते हैं.

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सेंट्रल बार एसोसिएशन वाराणसी के पूर्व अध्यक्ष हरिशंकर सिंह ने कहा कि दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में अधिवक्ताओं पर घटी इस घटना की हम सभी अधिवक्तागण निंदा करते हैं. साथ ही गंभीर रूप से घायल अधिवक्ताओं को 50 लाख रुपये और अन्य पीड़ित अधिवक्ताओं को 25 लाख रुपये मुआवजा दिलाने की मांग करते हैं.

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दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में हुए बवाल के बाद उत्तर प्रदेश के शामली में वकीलों ने प्रदर्शन किया. वकीलों ने दोषी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की मांग उठाते हुए अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की. Body:
शामली: तीस हजारी कोर्ट बवाल मामले में जिले के अधिवक्ता न्यायिक कार्यों से विरत रहे. वकीलों ने पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी की मांग की गई. वकीलों के हितों के लिए प्रोटेक्शन एक्ट लागू किए जाने की मांग भी उठाई गई.

एडीएम को सौंपा ज्ञापन
. जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने बार भवन में बैठक की.

. तीस हजारी कोर्ट में वकीलों के साथ हुए व्यवहार की निंदा की गई.

. दिल्ली पुलिस के कृत्य की निंदा कर पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की.

. वकीलों ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एडीएम को सौंपा.

. ज्ञापन में अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग उठाई गई.
Conclusion:
इन्होंने कहा—
तीस हजारी कोर्ट में निहत्थे अधिवक्ताओं पर जानलेवा हमला किया गया. उनपर गोलियां भी चलाई गई. चेंबरों में घुसकर उन्हें पीटा गया, गाडियां भी तोड़ दी गई. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जिस तरह ब्रिटिश शासन में एक तरफा कार्रवाई होती थी. ऐसा ही तीस हजारी कोर्ट में भी हुआ है. हम दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई और गिरफ्तारी की मांग करते हैं. अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट की मांग भी की गई है.
—अरविंद कुमार जावला, महासचिव, जिला बार एसोसिएशन कैराना

नोट: खबर रैप से भेजी गई है

रिपोर्टर: सचिन शर्मा
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