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यूपी की इन 14 सीटों पर किसकी लग सकती है लाॅटरी, कौन मुश्किल में? एक क्लिक में जानिए- चुनावी गणित - sp congress may dent bjp in up

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 21, 2024, 3:44 PM IST

Updated : May 22, 2024, 12:08 PM IST

यूपी में छठे चरण के लोकसभा चुनाव में 14 सीटों पर मतदान होगा. इन सीटों के रण में 7 दिग्गज नेताओं की साख दांव पर लगी है. आईए जानते हैं ये दिग्गज कौन हैं और किस सीट पर कौन-कौन चुनाव लड़ रहा.

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लोकसभा चुनाव 2024 के छठवें चरण का रण. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 की लड़ाई अब छठवें चरण में पहुंच गई है. पांच चरण का मतदान हो गया है और छठवें चरण का 25 मई को होगा. बात यूपी की करें तो यहां पर छठे चरण में 14 सीटों पर मतदान होना है. इन 14 सीटों पर कुल 162 प्रत्याशी ताल ठोंक रहे हैं. इनमें 7 दिग्गज नेता भी शामिल हैं.

फूलपुर सीट के प्रत्याशी.
फूलपुर सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

दिग्गजों में मेनका गांधी, कृपाशंकर सिंह, जगदंबिका पाल, दिनेश लाल यादव निरहुआ, धर्मेंद्र यादव, भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी, लालजी वर्मा जैसे नेताओं की किस्मत का फैसला मतदाता 25 मई को करेंगे. बात पिछले चुनाव की करें यानी लोकसभा चुनाव 2019 की तो इस चरण की 14 में से 9 सीटें भाजपा के पास हैं. 4 पर बसपा और एक पर सपा का कब्जा था. लेकिन, उपचुनाव में सपा के हाथ से आजमगढ़ सीट भी छिटक गई.

लालगंज सीट के प्रत्याशी.
लालगंज सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

एक दिन के मुख्यमंत्री डुमरियागंज से ठोंक रहे ताल: डुमरियागंज संसदीय सीट सबसे बड़े दिग्गज जो चुनाव लड़ रहे हैं वो हैं जगदंबिका पाल, जिनके नाम एक दिन का मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड है. जगदंबिका पाल लगातार तीन बार भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं. इस बार लगातार पांचवीं बार जीत दर्ज करने के लिए प्रयासरत हैं. 2009 में जगदंबिका पाल कांग्रेस के टिकट पर जीते थे. लोकसभा चुनाव 2024 में उनके सामने पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के बेटे और संतकबीर नगर से दो बार सांसद रहे भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी हैं. जो सपा के प्रत्याशी हैं. जबकि बसपा ने नदीम मिर्जा को प्रत्याशी बनाया है. बसपा मुस्लिम प्रत्याशी उतारकर मतों के ध्रुवीकरण को रोकने का प्रयास कर रही है.

डुमरियागंज सीट के प्रत्याशी.
डुमरियागंज सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

ममता बनर्जी की पार्टी भदोही में लड़ रही चुनाव: भाजपा ने भदोही में डॉ. विनोद बिंद को उतारा है. जबकि, इंडी गठबंधन ने ये सीट ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) को दी है. टीएमसी ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र ललितेशपति त्रिपाठी को उतारा है. ललितेशपति विधायक रहे हैं और पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. जबकि, बसपा ने हरिशंकर चौहान को चुनावी मैदान में उतारा है. विनोद बिंद और ललितेशपति के बीच कांटे की टक्कर देखी जा रही है.

सुलतानपुर सीट के प्रत्याशी.
सुलतानपुर सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

क्या लालगंज में चौथी पर खिलेगा कमल: लालगंज सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. भाजपा ने 2014 में सांसद रहीं नीलम सोनकर पर चौथी बार भरोसा जताया है. जबकि, सपा ने दो बार सांसद रहे दरोगा प्रसाद सरोज को उतारा है. दोनों पूर्व सांसदों के बीच इस बार की लड़ाई रोचक होने का अनुमान लगाया जा रहा है. लालगंज से बसपा ने इंदु चौधरी को मैदान में उतारकर रण को त्रिकोणीय कर दिया है. इंदु चौधरी बीएचयू में अंग्रेजी की असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. वैसे, मतदान के ठीक पहले बसपा की वर्तमान सांसद संगीता आजाद ने पार्टी को तगड़ झटका दिया है. वह भाजपा में शामिल हो गईं. बता दें कि लालगंज में सबसे ज्यादा संख्या यादव, मुस्लिम और दलित वोटरों की है.

आंबेडकरनगर सीट के प्रत्याशी.
आंबेडकरनगर सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

श्रावस्ती में बसपा ने मुस्लिम उतारकर भाजपा-सपा की मुश्किलें बढ़ाईं: श्रावस्ती लोकसभा सीट पर वैसे तो भाजपा और सपा के बीच में सीधी टक्कर दिख रही है. लेकिन, बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशी उतारकर खेल बिगाड़ने की कोशिश की है. भाजपा ने यहां से राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान सचिव रहे नृपेंद्र मिश्र के बेटे एमएलसी साकेत मिश्र को प्रत्याशी बनाया है. वहीं, सपा ने 2019 के चुनाव में बसपा के टिकट से जीते रामशिरोमणि वर्मा को उतारा है. रामशिरोमणि बसपा छोड़कर सपा में आ गए थे. बसपा ने मुइनुद्दीन अहमद खान उर्फ हाजी दद्दन खान को उम्मीदवार बनाया है.

जौनपुर सीट के प्रत्याशी.
जौनपुर सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

आंबेडकरनगर के प्रमुख तीन प्रत्याशी रहे हैं बसपाई: आंबेडकरनगर लोकसभा सीट पर इस बार खास बात यह है कि भाजपा और सपा के प्रत्याशियों का इतिहास बसपाई रहा है. मतलब कि दोनों बसपा से भाजपा और सपा में शामिल हुए हैं. ऐसे में दोनों की नजर बसपा के कैडर वोटों पर है. भाजपा ने बसपा छोड़कर आए सांसद रितेश पांडेय को प्रत्याशी बनाया है. वहीं सपा ने लालजी वर्मा को मैदान में उतारा है. जबकि, बसपा ने कमर हयात को प्रत्याशी बनाया है. मौजूदा हलचल देखते हुए यहां पर भाजपा और सपा में मुकाबला बताया जा रहा है.

बस्ती सीट के प्रत्याशी.
बस्ती सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

आजमगढ़ भाजपा और सपा के लिए नाक की लड़ाई: 2019 में यहां से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सांसद बने थे. लेकिन, विधानसभा चुनाव जीतने के बाद अखिलेश यादव ने 2022 में यहां से इस्तीफा दे दिया था. उपचुनाव में सपा के हाथ से यह सीट छिन गई थी. भोजपुरी फिल्म स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ ने अखिलेश के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को हरा दिया था. भाजपा ने दिनेश लाल निरहुआ पर एक बार फिर से भरोसा जताया है तो वहीं सपा ने भी धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारा है. धर्मेंद्र पर मुलायम और अखिलेश की विरासत को बचाए रखने की जिम्मेदारी है. बसपा ने यहां से मशहूद अहमद को उतारकर मुकाबले को और रोचक बना दिया है.

संतकबीरनगर सीट के प्रत्याशी.
संतकबीरनगर सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

बस्ती में इंडी गठबंधन ने खेला जाति कार्ड: बस्ती संसदीय सीट पर भाजपा ने लगातार तीसरी बार हरीश द्विवेदी पर दांव लगाया है. पिछले दो चुनाव 2014 और 2019 में हरीश ने बहुत ही कम वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी. इनको टक्कर देने के लिए सपा ने जातिगत कार्ड खेला है. बस्ती को चौधरी बहुल सीट माना जाता है. इसलिए सपा ने बिरादरी के छत्रप कहे जाने वाले पूर्व मंत्री रामप्रसाद चौधरी को प्रत्याशी बनाया है. जबकि, बसपा ने लवकुश पटेल को प्रत्याशी बनाया है.

भदोही सीट के प्रत्याशी.
भदोही सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

संतकबीरनगर में भाजपा सपा ने निषाद पर खेला दांव: संतकबीरनगर संसदीय सीट पर भाजपा और सपा निषाद उम्मीदवार उतार कर जीत दर्ज करने की पूरी कोशिश में लगे हुए हैं. भाजपा ने पिछले चुनाव में बहुत ही कम अंतर से जीते प्रवीण निषाद को ही प्रत्याशी बनाया है. प्रवीण निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद के बेटे हैं. जबकि, सपा ने पूर्व राज्यमंत्री लक्ष्मी उर्फ पप्पू निषाद को प्रत्याशी बनाया है. सपा मुस्लिम, यादव गठजोड़ के साथ निषाद वोटों में सेंधमारी करके जीत के दावे कर रही है. वहीं, बसपा ने नदीम अशरफ को प्रत्याशी बनाया है. बसपा दलित और मुस्लिम वोटों के गठजोड़ को लेकर रण में उतरी है.

मच्छलीशहर सीट के प्रत्याशी.
मच्छलीशहर सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

क्या सुलतानपुर मेनका गांधी फिर खिलाएंगी कमल: भाजपा ने अपनी वर्तमान सांसद और पूर्व मंत्री मेनका गांधी को मैदान में उतारा है. जबकि, सपा ने रामभुआल निषाद और बसपा ने उदयराज वर्मा को टिकट दिया है. यहां पर त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं. मेनका गांधी सरकार की योजनाओं, अपने कार्यों, विकास, क्षेत्र में सक्रियता को लेकर मैदान में उतरी हैं. वहीं, रामभुआल निषाद बेरोजगारी, महंगाई के जरिए समर्थन जुटाने की जुगत में हैं. जबकि, बसपा ने स्थानीय बनाम बाहरी को मुद्दा बनाया है.

आजमगढ़ सीट के प्रत्याशी.
आजमगढ़ सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

फूलपुर भाजपा ने सांसद पटेल का टिकट काटकर दूसरे पटेल को दिया: फूलपुर संसदीय सीट पर भाजपा ने सांसद केसरी देवी पटेल का टिकट काटकर प्रवीण पटेल को मैदान में उतारा है. प्रवीण पटेल फूलपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं. वह तीन बार इस सीट से विधायक रह चुके हैं. सपा ने अमरनाथ मौर्य पर दांव खेला है, जबकि बसपा ने जगन्नाथ पाल को मैदान में उतारा है. इस सीट पर जातियों की गोलबंदी देखने को मिलती है. वैसे सीधी टक्कर तो भाजपा-सपा में ही मानी जा रही है. लेकिन, ये तो 4 जून को ही पता चलेगा कि कौन कितने पानी में है.

प्रतापगढ़ सीट के प्रत्याशी.
प्रतापगढ़ सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

मछलीशहर के मैदान में 3 सरोज: भाजपा ने अपने सांसद बीपी सरोज पर ही भरोसा जताया है. वैसे पिछले चुनाव में वह बसपा के त्रिभुवन राम से मात्र 181 वोटों से ही जीते थे. अब इस बार देखना होगा कि वह हैट्रिक लगा पाते हैं या नहीं. सपा ने तीन बार के सांसद रहे तूफानी सरोज की बेटी और सुप्रीम कोर्ट में वकील प्रिया सरोज को मैदान में उतारा है. जबकि, बसपा ने पूर्व आइएएस अफसर कृपाशंकर सरोज पर भरोसा जताया है.

श्रावस्ती सीट के प्रत्याशी.
श्रावस्ती सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

जौनपुर में धनंजय सिंह के ऐलान से बदले समीकरण: बाहुबली धनंजय सिंह के प्रभाव वाली जौनपुर सीट पर भाजपा ने कृपाशंकर सिंह को मैदान में उतारा है. वैसे इस सीट पर बसपा ने पहले धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी को उतारा था. उन्होंने नामांकन भी दाखिल कर दिया. लेकिन, बाद में मायावती ने अपना प्रत्याशी बदल दिया. श्रीकला की जगह बसपा ने अपने मौजूदा सांसद श्याम सिंह यादव पर दांव खेला है. वहीं सपा ने बाबू सिंह कुशवाहा को मैदान में उतारा है. वैसे इस सीट पर दलित, मुस्लिम, यादव, ठाकुर और ब्राह्मण वोट निर्णायक होते हैं. लेकिन, धनंजय सिंह का भाजपा को खुलकर सपोर्ट करने के ऐलान से यहां समीकरण बदल गए हैं.

श्रावस्ती सीट के प्रत्याशी.
श्रावस्ती सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

इलाहाबाद में दो पिता की साख दांव पर: संगम नगरी प्रयागराज की इलाहाबाद लोकसभा सीट पर दो पिता की साख भी दांव पर लगी हुई है. भाजपा की तरफ से जहां केशरी नाथ त्रिपाठी के बेटे नीरज त्रिपाठी मैदान में हैं. वहीं, सपा के संस्थापक सदस्य कुंवर रेवती रमण सिंह के बेटे उज्ज्वल रमण सिंह को कांग्रेस ने टिकट देकर प्रत्याशी बनाया है. वहीं, बसपा ने रमेश पटेल को मैदान में उतारा है.

इलहाबाद सीट के प्रत्याशी.
इलहाबाद सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

ये भी पढ़ेंः मायावती के पसंदीदा IPS Officer ने ज्वाइन की बीजेपी, बोले- नौकरशाह चलाते थे बसपा सरकार, सपाई मनबढ़

ये भी पढ़ेंः यूपी में मानसून से पहले तेज बारिश का अलर्ट; 30-40 किमी/घंटे से चलेंगी हवाएं, गरजेंगे बादल

लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 की लड़ाई अब छठवें चरण में पहुंच गई है. पांच चरण का मतदान हो गया है और छठवें चरण का 25 मई को होगा. बात यूपी की करें तो यहां पर छठे चरण में 14 सीटों पर मतदान होना है. इन 14 सीटों पर कुल 162 प्रत्याशी ताल ठोंक रहे हैं. इनमें 7 दिग्गज नेता भी शामिल हैं.

फूलपुर सीट के प्रत्याशी.
फूलपुर सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

दिग्गजों में मेनका गांधी, कृपाशंकर सिंह, जगदंबिका पाल, दिनेश लाल यादव निरहुआ, धर्मेंद्र यादव, भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी, लालजी वर्मा जैसे नेताओं की किस्मत का फैसला मतदाता 25 मई को करेंगे. बात पिछले चुनाव की करें यानी लोकसभा चुनाव 2019 की तो इस चरण की 14 में से 9 सीटें भाजपा के पास हैं. 4 पर बसपा और एक पर सपा का कब्जा था. लेकिन, उपचुनाव में सपा के हाथ से आजमगढ़ सीट भी छिटक गई.

लालगंज सीट के प्रत्याशी.
लालगंज सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

एक दिन के मुख्यमंत्री डुमरियागंज से ठोंक रहे ताल: डुमरियागंज संसदीय सीट सबसे बड़े दिग्गज जो चुनाव लड़ रहे हैं वो हैं जगदंबिका पाल, जिनके नाम एक दिन का मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड है. जगदंबिका पाल लगातार तीन बार भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं. इस बार लगातार पांचवीं बार जीत दर्ज करने के लिए प्रयासरत हैं. 2009 में जगदंबिका पाल कांग्रेस के टिकट पर जीते थे. लोकसभा चुनाव 2024 में उनके सामने पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के बेटे और संतकबीर नगर से दो बार सांसद रहे भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी हैं. जो सपा के प्रत्याशी हैं. जबकि बसपा ने नदीम मिर्जा को प्रत्याशी बनाया है. बसपा मुस्लिम प्रत्याशी उतारकर मतों के ध्रुवीकरण को रोकने का प्रयास कर रही है.

डुमरियागंज सीट के प्रत्याशी.
डुमरियागंज सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

ममता बनर्जी की पार्टी भदोही में लड़ रही चुनाव: भाजपा ने भदोही में डॉ. विनोद बिंद को उतारा है. जबकि, इंडी गठबंधन ने ये सीट ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) को दी है. टीएमसी ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र ललितेशपति त्रिपाठी को उतारा है. ललितेशपति विधायक रहे हैं और पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. जबकि, बसपा ने हरिशंकर चौहान को चुनावी मैदान में उतारा है. विनोद बिंद और ललितेशपति के बीच कांटे की टक्कर देखी जा रही है.

सुलतानपुर सीट के प्रत्याशी.
सुलतानपुर सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

क्या लालगंज में चौथी पर खिलेगा कमल: लालगंज सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. भाजपा ने 2014 में सांसद रहीं नीलम सोनकर पर चौथी बार भरोसा जताया है. जबकि, सपा ने दो बार सांसद रहे दरोगा प्रसाद सरोज को उतारा है. दोनों पूर्व सांसदों के बीच इस बार की लड़ाई रोचक होने का अनुमान लगाया जा रहा है. लालगंज से बसपा ने इंदु चौधरी को मैदान में उतारकर रण को त्रिकोणीय कर दिया है. इंदु चौधरी बीएचयू में अंग्रेजी की असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. वैसे, मतदान के ठीक पहले बसपा की वर्तमान सांसद संगीता आजाद ने पार्टी को तगड़ झटका दिया है. वह भाजपा में शामिल हो गईं. बता दें कि लालगंज में सबसे ज्यादा संख्या यादव, मुस्लिम और दलित वोटरों की है.

आंबेडकरनगर सीट के प्रत्याशी.
आंबेडकरनगर सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

श्रावस्ती में बसपा ने मुस्लिम उतारकर भाजपा-सपा की मुश्किलें बढ़ाईं: श्रावस्ती लोकसभा सीट पर वैसे तो भाजपा और सपा के बीच में सीधी टक्कर दिख रही है. लेकिन, बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशी उतारकर खेल बिगाड़ने की कोशिश की है. भाजपा ने यहां से राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान सचिव रहे नृपेंद्र मिश्र के बेटे एमएलसी साकेत मिश्र को प्रत्याशी बनाया है. वहीं, सपा ने 2019 के चुनाव में बसपा के टिकट से जीते रामशिरोमणि वर्मा को उतारा है. रामशिरोमणि बसपा छोड़कर सपा में आ गए थे. बसपा ने मुइनुद्दीन अहमद खान उर्फ हाजी दद्दन खान को उम्मीदवार बनाया है.

जौनपुर सीट के प्रत्याशी.
जौनपुर सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

आंबेडकरनगर के प्रमुख तीन प्रत्याशी रहे हैं बसपाई: आंबेडकरनगर लोकसभा सीट पर इस बार खास बात यह है कि भाजपा और सपा के प्रत्याशियों का इतिहास बसपाई रहा है. मतलब कि दोनों बसपा से भाजपा और सपा में शामिल हुए हैं. ऐसे में दोनों की नजर बसपा के कैडर वोटों पर है. भाजपा ने बसपा छोड़कर आए सांसद रितेश पांडेय को प्रत्याशी बनाया है. वहीं सपा ने लालजी वर्मा को मैदान में उतारा है. जबकि, बसपा ने कमर हयात को प्रत्याशी बनाया है. मौजूदा हलचल देखते हुए यहां पर भाजपा और सपा में मुकाबला बताया जा रहा है.

बस्ती सीट के प्रत्याशी.
बस्ती सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

आजमगढ़ भाजपा और सपा के लिए नाक की लड़ाई: 2019 में यहां से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सांसद बने थे. लेकिन, विधानसभा चुनाव जीतने के बाद अखिलेश यादव ने 2022 में यहां से इस्तीफा दे दिया था. उपचुनाव में सपा के हाथ से यह सीट छिन गई थी. भोजपुरी फिल्म स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ ने अखिलेश के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को हरा दिया था. भाजपा ने दिनेश लाल निरहुआ पर एक बार फिर से भरोसा जताया है तो वहीं सपा ने भी धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारा है. धर्मेंद्र पर मुलायम और अखिलेश की विरासत को बचाए रखने की जिम्मेदारी है. बसपा ने यहां से मशहूद अहमद को उतारकर मुकाबले को और रोचक बना दिया है.

संतकबीरनगर सीट के प्रत्याशी.
संतकबीरनगर सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

बस्ती में इंडी गठबंधन ने खेला जाति कार्ड: बस्ती संसदीय सीट पर भाजपा ने लगातार तीसरी बार हरीश द्विवेदी पर दांव लगाया है. पिछले दो चुनाव 2014 और 2019 में हरीश ने बहुत ही कम वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी. इनको टक्कर देने के लिए सपा ने जातिगत कार्ड खेला है. बस्ती को चौधरी बहुल सीट माना जाता है. इसलिए सपा ने बिरादरी के छत्रप कहे जाने वाले पूर्व मंत्री रामप्रसाद चौधरी को प्रत्याशी बनाया है. जबकि, बसपा ने लवकुश पटेल को प्रत्याशी बनाया है.

भदोही सीट के प्रत्याशी.
भदोही सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

संतकबीरनगर में भाजपा सपा ने निषाद पर खेला दांव: संतकबीरनगर संसदीय सीट पर भाजपा और सपा निषाद उम्मीदवार उतार कर जीत दर्ज करने की पूरी कोशिश में लगे हुए हैं. भाजपा ने पिछले चुनाव में बहुत ही कम अंतर से जीते प्रवीण निषाद को ही प्रत्याशी बनाया है. प्रवीण निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद के बेटे हैं. जबकि, सपा ने पूर्व राज्यमंत्री लक्ष्मी उर्फ पप्पू निषाद को प्रत्याशी बनाया है. सपा मुस्लिम, यादव गठजोड़ के साथ निषाद वोटों में सेंधमारी करके जीत के दावे कर रही है. वहीं, बसपा ने नदीम अशरफ को प्रत्याशी बनाया है. बसपा दलित और मुस्लिम वोटों के गठजोड़ को लेकर रण में उतरी है.

मच्छलीशहर सीट के प्रत्याशी.
मच्छलीशहर सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

क्या सुलतानपुर मेनका गांधी फिर खिलाएंगी कमल: भाजपा ने अपनी वर्तमान सांसद और पूर्व मंत्री मेनका गांधी को मैदान में उतारा है. जबकि, सपा ने रामभुआल निषाद और बसपा ने उदयराज वर्मा को टिकट दिया है. यहां पर त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं. मेनका गांधी सरकार की योजनाओं, अपने कार्यों, विकास, क्षेत्र में सक्रियता को लेकर मैदान में उतरी हैं. वहीं, रामभुआल निषाद बेरोजगारी, महंगाई के जरिए समर्थन जुटाने की जुगत में हैं. जबकि, बसपा ने स्थानीय बनाम बाहरी को मुद्दा बनाया है.

आजमगढ़ सीट के प्रत्याशी.
आजमगढ़ सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

फूलपुर भाजपा ने सांसद पटेल का टिकट काटकर दूसरे पटेल को दिया: फूलपुर संसदीय सीट पर भाजपा ने सांसद केसरी देवी पटेल का टिकट काटकर प्रवीण पटेल को मैदान में उतारा है. प्रवीण पटेल फूलपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं. वह तीन बार इस सीट से विधायक रह चुके हैं. सपा ने अमरनाथ मौर्य पर दांव खेला है, जबकि बसपा ने जगन्नाथ पाल को मैदान में उतारा है. इस सीट पर जातियों की गोलबंदी देखने को मिलती है. वैसे सीधी टक्कर तो भाजपा-सपा में ही मानी जा रही है. लेकिन, ये तो 4 जून को ही पता चलेगा कि कौन कितने पानी में है.

प्रतापगढ़ सीट के प्रत्याशी.
प्रतापगढ़ सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

मछलीशहर के मैदान में 3 सरोज: भाजपा ने अपने सांसद बीपी सरोज पर ही भरोसा जताया है. वैसे पिछले चुनाव में वह बसपा के त्रिभुवन राम से मात्र 181 वोटों से ही जीते थे. अब इस बार देखना होगा कि वह हैट्रिक लगा पाते हैं या नहीं. सपा ने तीन बार के सांसद रहे तूफानी सरोज की बेटी और सुप्रीम कोर्ट में वकील प्रिया सरोज को मैदान में उतारा है. जबकि, बसपा ने पूर्व आइएएस अफसर कृपाशंकर सरोज पर भरोसा जताया है.

श्रावस्ती सीट के प्रत्याशी.
श्रावस्ती सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

जौनपुर में धनंजय सिंह के ऐलान से बदले समीकरण: बाहुबली धनंजय सिंह के प्रभाव वाली जौनपुर सीट पर भाजपा ने कृपाशंकर सिंह को मैदान में उतारा है. वैसे इस सीट पर बसपा ने पहले धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी को उतारा था. उन्होंने नामांकन भी दाखिल कर दिया. लेकिन, बाद में मायावती ने अपना प्रत्याशी बदल दिया. श्रीकला की जगह बसपा ने अपने मौजूदा सांसद श्याम सिंह यादव पर दांव खेला है. वहीं सपा ने बाबू सिंह कुशवाहा को मैदान में उतारा है. वैसे इस सीट पर दलित, मुस्लिम, यादव, ठाकुर और ब्राह्मण वोट निर्णायक होते हैं. लेकिन, धनंजय सिंह का भाजपा को खुलकर सपोर्ट करने के ऐलान से यहां समीकरण बदल गए हैं.

श्रावस्ती सीट के प्रत्याशी.
श्रावस्ती सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

इलाहाबाद में दो पिता की साख दांव पर: संगम नगरी प्रयागराज की इलाहाबाद लोकसभा सीट पर दो पिता की साख भी दांव पर लगी हुई है. भाजपा की तरफ से जहां केशरी नाथ त्रिपाठी के बेटे नीरज त्रिपाठी मैदान में हैं. वहीं, सपा के संस्थापक सदस्य कुंवर रेवती रमण सिंह के बेटे उज्ज्वल रमण सिंह को कांग्रेस ने टिकट देकर प्रत्याशी बनाया है. वहीं, बसपा ने रमेश पटेल को मैदान में उतारा है.

इलहाबाद सीट के प्रत्याशी.
इलहाबाद सीट के प्रत्याशी. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

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Last Updated : May 22, 2024, 12:08 PM IST
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