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कम उम्र के डायबिटीज पीड़ितों को बाद में इस बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है - Early Diabetes Effects

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 22, 2024, 7:35 AM IST

Updated : May 31, 2024, 6:34 AM IST

Early Diabetes Effects : हाल ही में मेडिकल जर्नल "एंडोक्राइन" में प्रकाशित हुए एक अध्ययन में पता चल है कि बचपन से ही टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित किशोरों में जीवन के बाद के चरणों में अल्जाइमर रोग (एडी) के विकास का जोखिम हो सकता है. इसलिए उम्र के बाद के पड़ावों में अल्जाइमर से बचने या उसके प्रभावों को कम करने के लिए बचपन से ही मधुमेह का सही तरह से प्रबंधन जरूरी है. Diabetes In Children , Alzheimer Risk , Diabetes Alzheimer Risk .

Children suffering from diabetes type1 type 2 may increase Alzheimer risk
कॉन्सेप्ट इमेज (Getty Images)

हैदराबाद : हाल ही में हुई एक रिसर्च से पता चला है कि डायबिटीज से पीड़ित किशोरों और युवा वयस्कों में उम्र के बाद के पड़ाव में अल्जाइमर रोग के उच्च जोखिम नजर आ सकते हैं. गौरतलब है कि डायबिटीज को पहले से ही अल्जाइमर का एक जोखिम कारक माना जाता है तथा इसके और अल्जाइमर के बीच के संबंध को जांचने के लिए कई शोध किए जा चुके हैं. लेकिन ज्यादातर शोधों में वयस्कों में डायबिटीज के चलते अल्जाइमर के बढ़ते जोखिम से जुड़े कारकों को लेकर शोध किए गए हैं. लेकिन यह पहला शोध हैं जिसमें मधुमेह से पीड़ित किशोरों में उम्र के बाद के पड़ाव में अल्जाइमर के जोखिम को जानने का प्रयास किया गया है.

शोध का उद्देश्य : डायबिटीज और अल्जाइमर के बीच के संबंध को जानने के लिए पहले किए गए कई शोधों में इस बात की पुष्टि हुई है कि डायबिटीज में उच्च रक्त शर्करा स्तर स्वास्थ्य संबंधी कई जटिलताओं का कारण बन सकती है, जिसमें रक्त वाहिकाओं और नसों को नुकसान शामिल है. ये जटिलताएं मस्तिष्क कोशिकाओं के अध: पतन में योगदान देकर अल्जाइमर के विकास में भूमिका निभा सकती हैं. वहीं इस प्रकार के ज्यादातर शोधों में जांच व विश्लेषण के बाद पाया गया हैं कि 40 व उससे अधिक उम्र वाले वे लोग जो टाइप 1 या टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित हैं, उनमें से लगभग 60-80% लोगों में जीवन के बाद के चरणों में अल्जाइमर रोग (एडी) के विकास का जोखिम हो सकता है.

Children suffering from diabetes type1 type 2 may increase Alzheimer risk
कॉन्सेप्ट इमेज (Getty Images)

गौरतलब है कि पहले हुए अधिकांश शोधों में ज्यादा उम्र के लोगों को विषय बनाया गया था. लेकिन "एंडोक्राइन्स" में प्रकाशित हुए इस शोध में पहली बार डायबिटीज से पीड़ित किशोरों में अल्जाइमर से जुड़े बायोमार्कर्स जानने के लिए आंकड़ों का विश्लेषण किया गया था. इस शोध के नतीजों के आधार पर शोध के निष्कर्ष में शोधकर्ताओं ने ऐसे युवा किशोरों में जो टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित हैं, जीवन के प्रारंभिक चरण से ही मधुमेह के प्रबंधन को बेहद जरूरी बताया है. जिससे बाद के वर्षों में अल्जाइमर के जोखिम को संभावित रूप से कम किया जा सके.

Children suffering from diabetes type1 type 2 may increase Alzheimer risk
कॉन्सेप्ट इमेज (IANS ETV Bharat)

कैसे हुआ शोध

इस शोध में कोलोराडो विश्वविद्यालय के एंशुट्ज़ मेडिकल कैंपस के शोधकर्ताओं ने पहली बार किशोरों और युवा वयस्कों में अल्जाइमर के मधुमेह से जुड़े पूर्व-नैदानिक संकेतों की उपस्थिति की जांच की थी . इस शोध में शोधकर्ताओं ने औसतन 15 से 27 वर्ष के ऐसे किशोरों, युवा वयस्कों तथा वयस्कों से जुड़े आंकड़ों का विश्लेषण किया था जिन्हे टाइप 1 तथा टाइप 2 डायबिटीज था. अलग-अलग समूहों में हुए इस शोध में कुल विषयों में से 59% महिलाएं थीं . शोध के लिए चुने गए विषयों में से 25 लोगों को टाइप 1 डायबिटीज था और 25 को टाइप 2 डायबिटीज था. इनमें सबसे छोटी उम्र के समूह की औसत आयु 15 वर्ष थी, जबकि युवा वयस्कों की आयु लगभग 27 वर्ष थी. इस तुलनात्मक शोध में इन विषयों के स्वास्थ्य से जुड़ी जटिलताओं की तुलना एक स्वस्थ नियंत्रण समूह के विषयों से की गई थी जिनमें 15 वर्ष की आयु के 25 किशोर और लगभग 25 वर्ष की औसत आयु वाले 21 युवा वयस्क शामिल थे.

इन सर्च समूह में अल्जाइमर बायोमार्कर्स की उपस्थिति जानने के लिए रक्त प्लाज्मा का विश्लेषण तथा मधुमेह रोगियों और स्वस्थ नियंत्रण समूह के प्रतिभागियों में पीईटी मस्तिष्क स्कैन भी किया गया था. जिनमें युवावस्था में डायबिटीज से पीड़ित लोगों में अल्जाइमर से जुड़े उच्च स्तर के रक्त बायोमार्कर देखे गए थे. शोध के दौरान डायबिटीज पीड़ितों में किए गए स्कैन में उन लोगों के अल्जाइमर से संबंधित मस्तिष्क क्षेत्रों में एमिलॉइड और टाऊ प्रोटीन के उच्च स्तर में उपस्थिति का पता चला जिन्हे अल्जाइमर के जोखिमों से जोड़ कर देखा जाता है.

शोध की सीमाएं

शोध के निष्कर्ष में कोलोराडो विश्वविद्यालय में बाल चिकित्सा एंडोक्रिनोलॉजी की सहायक प्रोफेसर तथा अध्ययन की लेखिका, डॉ. एलिसन एल. शापिरो ने बताया है कि चूंकि इस शोध में विषयों की संख्या तथा जांच व विश्लेषण का दायरा सीमित था ऐसे में इसके निष्कर्षों को पूर्ण रूप से सिद्ध नहीं माना जा सकता है. वह बताती हैं कि भले ही इस शोध के नतीजों से इस बात को बल मिलता है कि बचपन से किसी भी प्रकार के डायबिटीज का सामना करने वालों में लोगों में उम्र के बाद के पड़ाव में अल्जाइमर के ज्यादा जोखिम नजर आ सकते हैं, लेकिन चूंकि यह एक छोटा शोध था तथा इसका दायरा सीमित था ऐसे में इसके नतीजों के आधार पर इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकती है कि किस प्रकार के डायबिटीज में अल्जाइमर के जोखिम ज्यादा बढ़ सकते है या क्या उम्र बढ़ने के साथ युवावस्था में डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति में अल्जाइमर से संबंधित बायोमार्कर हमेशा नजर आते रहेंगे या नहीं.

इस शोध के निष्कर्ष में कम उम्र में डायबिटीज के अल्जाइमर के उच्च जोखिमों के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए अधिक लोगों पर अन्य शोध तथा उनके लंबी अवधि तक फॉलो-अप की आवश्यकता की बात कही गई है. शोध में यह भी कहा गया है कि ना सिर्फ संयुक्त राज्य अमेरिका में बल्कि वैश्विक स्तर पर मोटापे की दरें बढ़ने के साथ, डायबिटीज का प्रचलन बढ़ने की भी आशंका है. ऐसे में इस विषय पर जल्दी विस्तृत जांच तथा अध्ययन की जरूरत और भी ज्यादा बढ़ जाती है. Children Suffering From Diabetes , Diabetes In Children , Alzheimer Risk , Diabetes Alzheimer Risk .

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शोध का उद्देश्य : डायबिटीज और अल्जाइमर के बीच के संबंध को जानने के लिए पहले किए गए कई शोधों में इस बात की पुष्टि हुई है कि डायबिटीज में उच्च रक्त शर्करा स्तर स्वास्थ्य संबंधी कई जटिलताओं का कारण बन सकती है, जिसमें रक्त वाहिकाओं और नसों को नुकसान शामिल है. ये जटिलताएं मस्तिष्क कोशिकाओं के अध: पतन में योगदान देकर अल्जाइमर के विकास में भूमिका निभा सकती हैं. वहीं इस प्रकार के ज्यादातर शोधों में जांच व विश्लेषण के बाद पाया गया हैं कि 40 व उससे अधिक उम्र वाले वे लोग जो टाइप 1 या टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित हैं, उनमें से लगभग 60-80% लोगों में जीवन के बाद के चरणों में अल्जाइमर रोग (एडी) के विकास का जोखिम हो सकता है.

Children suffering from diabetes type1 type 2 may increase Alzheimer risk
कॉन्सेप्ट इमेज (Getty Images)

गौरतलब है कि पहले हुए अधिकांश शोधों में ज्यादा उम्र के लोगों को विषय बनाया गया था. लेकिन "एंडोक्राइन्स" में प्रकाशित हुए इस शोध में पहली बार डायबिटीज से पीड़ित किशोरों में अल्जाइमर से जुड़े बायोमार्कर्स जानने के लिए आंकड़ों का विश्लेषण किया गया था. इस शोध के नतीजों के आधार पर शोध के निष्कर्ष में शोधकर्ताओं ने ऐसे युवा किशोरों में जो टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित हैं, जीवन के प्रारंभिक चरण से ही मधुमेह के प्रबंधन को बेहद जरूरी बताया है. जिससे बाद के वर्षों में अल्जाइमर के जोखिम को संभावित रूप से कम किया जा सके.

Children suffering from diabetes type1 type 2 may increase Alzheimer risk
कॉन्सेप्ट इमेज (IANS ETV Bharat)

कैसे हुआ शोध

इस शोध में कोलोराडो विश्वविद्यालय के एंशुट्ज़ मेडिकल कैंपस के शोधकर्ताओं ने पहली बार किशोरों और युवा वयस्कों में अल्जाइमर के मधुमेह से जुड़े पूर्व-नैदानिक संकेतों की उपस्थिति की जांच की थी . इस शोध में शोधकर्ताओं ने औसतन 15 से 27 वर्ष के ऐसे किशोरों, युवा वयस्कों तथा वयस्कों से जुड़े आंकड़ों का विश्लेषण किया था जिन्हे टाइप 1 तथा टाइप 2 डायबिटीज था. अलग-अलग समूहों में हुए इस शोध में कुल विषयों में से 59% महिलाएं थीं . शोध के लिए चुने गए विषयों में से 25 लोगों को टाइप 1 डायबिटीज था और 25 को टाइप 2 डायबिटीज था. इनमें सबसे छोटी उम्र के समूह की औसत आयु 15 वर्ष थी, जबकि युवा वयस्कों की आयु लगभग 27 वर्ष थी. इस तुलनात्मक शोध में इन विषयों के स्वास्थ्य से जुड़ी जटिलताओं की तुलना एक स्वस्थ नियंत्रण समूह के विषयों से की गई थी जिनमें 15 वर्ष की आयु के 25 किशोर और लगभग 25 वर्ष की औसत आयु वाले 21 युवा वयस्क शामिल थे.

इन सर्च समूह में अल्जाइमर बायोमार्कर्स की उपस्थिति जानने के लिए रक्त प्लाज्मा का विश्लेषण तथा मधुमेह रोगियों और स्वस्थ नियंत्रण समूह के प्रतिभागियों में पीईटी मस्तिष्क स्कैन भी किया गया था. जिनमें युवावस्था में डायबिटीज से पीड़ित लोगों में अल्जाइमर से जुड़े उच्च स्तर के रक्त बायोमार्कर देखे गए थे. शोध के दौरान डायबिटीज पीड़ितों में किए गए स्कैन में उन लोगों के अल्जाइमर से संबंधित मस्तिष्क क्षेत्रों में एमिलॉइड और टाऊ प्रोटीन के उच्च स्तर में उपस्थिति का पता चला जिन्हे अल्जाइमर के जोखिमों से जोड़ कर देखा जाता है.

शोध की सीमाएं

शोध के निष्कर्ष में कोलोराडो विश्वविद्यालय में बाल चिकित्सा एंडोक्रिनोलॉजी की सहायक प्रोफेसर तथा अध्ययन की लेखिका, डॉ. एलिसन एल. शापिरो ने बताया है कि चूंकि इस शोध में विषयों की संख्या तथा जांच व विश्लेषण का दायरा सीमित था ऐसे में इसके निष्कर्षों को पूर्ण रूप से सिद्ध नहीं माना जा सकता है. वह बताती हैं कि भले ही इस शोध के नतीजों से इस बात को बल मिलता है कि बचपन से किसी भी प्रकार के डायबिटीज का सामना करने वालों में लोगों में उम्र के बाद के पड़ाव में अल्जाइमर के ज्यादा जोखिम नजर आ सकते हैं, लेकिन चूंकि यह एक छोटा शोध था तथा इसका दायरा सीमित था ऐसे में इसके नतीजों के आधार पर इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकती है कि किस प्रकार के डायबिटीज में अल्जाइमर के जोखिम ज्यादा बढ़ सकते है या क्या उम्र बढ़ने के साथ युवावस्था में डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति में अल्जाइमर से संबंधित बायोमार्कर हमेशा नजर आते रहेंगे या नहीं.

इस शोध के निष्कर्ष में कम उम्र में डायबिटीज के अल्जाइमर के उच्च जोखिमों के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए अधिक लोगों पर अन्य शोध तथा उनके लंबी अवधि तक फॉलो-अप की आवश्यकता की बात कही गई है. शोध में यह भी कहा गया है कि ना सिर्फ संयुक्त राज्य अमेरिका में बल्कि वैश्विक स्तर पर मोटापे की दरें बढ़ने के साथ, डायबिटीज का प्रचलन बढ़ने की भी आशंका है. ऐसे में इस विषय पर जल्दी विस्तृत जांच तथा अध्ययन की जरूरत और भी ज्यादा बढ़ जाती है. Children Suffering From Diabetes , Diabetes In Children , Alzheimer Risk , Diabetes Alzheimer Risk .

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Last Updated : May 31, 2024, 6:34 AM IST
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