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अफगानियों का दर्द: हमें यहां मिली पनाह मगर हमारा मुल्क तालिबानी दशहतगर्दों के पास...

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Published : Aug 16, 2021, 6:06 PM IST

Updated : Aug 16, 2021, 11:00 PM IST

ETV Bharat talk with Afghan people living in Delhi
अफगानी लोगों की बढ़ी चिंता

हमारा मुल्क अब दशहतगर्दों के कब्जे में हैं. ये तो हिन्दुस्तान सरकार की मेहरबानी है कि सभी के लिए एक जैसा कानून है. हमनें तालिबान का वो दौर भी देखा है जब जुल्म की इंतेहा थी. अफगानी आर्मी इतनी कमजोर नहीं, कुछ न कुछ खेल हुआ है. ये कहना है दिल्ली के भोगल में रह रहे उन अफगानियों का जो अपने मुल्क के हाल से फिक्रमंद है. ईटीवी भारत टीम ने दिल्ली के भोगल इलाके में रह रहे कुछ अफगानियों से बात की तो देश के हालात पर उनका दर्द छलक उठा...ज़रूर पढ़िए और देखिए...अफगानियों का दर्द ...

नई दिल्ली: कुछ न कुछ ऐसा खेल हुआ कि अचानक तालिबान बढ़ता चला गया. हमें अपने मुल्क की आर्मी पर पूरा भरोसा था. हमारी आर्मी बहुत अच्छी थी. पाकिस्तान,चीन,ईरान सारी ताक़तें हमारे मुल्क का माहौल खराब करने में लग गई. इसीलिए हमारे मुल्क में तालिबान फिर आ गया.

- कदीर खान, अफगानी शरणार्थी, दिल्ली

भले ही क़दीर खान अब दिल्ली के भोगल में अपनी जिंदगी फिर संवार रहे हों लेकिन उनकी आंखों में काबुल का दर्द और डर दोनों एक साथ नजर आता है. ईटीवी भारत की टीम दिल्ली के भोगल इलाके में पहुंची, जहां एक तरह से मिनी अफगानिस्तान बसता है. अफगानिस्तान से सात साल पहले दिल्ली आए कदीर ने अफगानिस्तान में तालिबान का वो दौर देखा है जिसमें कई पाबंदियां थी. नमाजी मुसलमान को भी जबरन कई बार सिर्फ इसीलिए नमाज पढ़वाई जाती थी ताकि तालिबान का शक दूर हो सके. कदीर कहते हैं कि 20 साल पहले तालिबान के वक्त महिलाओं और बच्चियों पर तो जुल्म की इतनी इंतेहा थी कि न खुली हवा नसीब थी और न ही पढ़ाई. उनके कई परिचित और परिजन पाकिस्तान में हैं, उनसे लगातार बात हो रही है. पाकिस्तान में बसे अपने लोगों से वो अफगानिस्तान का सूरत-ए-हाल समझ रहे हैं. फिर तालिबान लौट आया है, हालात चिंताजनक है. लोग घरों में बंद हैं.

अफगानी लोगों की बढ़ी चिंता

कदीर ही नहीं, उनके जैसे कई लोग कई तरह की वीजा पर हिन्दुस्तान आए हैं. कोई ट्यूरिस्ट वीजा, किसी का स्टड़ी वीजा तो कोई मेडीकल वीजा पर आकर हिन्दुस्तान में शरण लिए हुए हैं. ईटीवी टीम को अपने यहां देखकर कई अफगानी आगे आए. दरअसल, उन्हें उम्मीद है कि दुनिया उनका दर्द सुनेगी, उनकी व्यथा समझेगी. वे यह भी कहते हैं कि ये मामला सिर्फ उनके मुल्क अफगानिस्तान का नहीं. तालिबान मजबूत होगा तो पूरी दुनिया पर खतरा है. पाकिस्तान में कट्टरपंथी ताकतें आगे आएंगी और हिन्दुस्तान की सरहदें भी महफूज़ नहीं रह पाएंगी. अफगानी लोगों ने बताया कि वे भारत में लंबे समय से रह रहे हैं.

अफगानी लोगों की बढ़ी चिंता

दिल्ली में अपना छोटा-मोटा कारोबार कर रहे अफगानी परेशान तो हैं लेकिन खुद को खुशकिस्मत भी मानते हैं कि वो इस वक्त हिन्दुस्तान में हैं. यहां सबसे ज्यादा सुकुन देने वाली बात उन्हें यह लगती है कि कानून सबके लिए एक है. अफगानियों का दर्द ये है कि हिन्दुस्तान जैसे मुल्क ने उन्हें पनाह दी और उनका अपना ही मुल्क अब दशहतगर्दों की पनाह में जा रहा है और इसे रोकने वाला कोई नहीं.

अफगानिस्तान में तालिबान से उन लोगों में ज्यादा डर हैं जिन्होनें 20 साल पहले अफगानिस्तान पर तालिबान की तानाशाही को महसूस किया.

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Last Updated :Aug 16, 2021, 11:00 PM IST
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