नई दिल्ली : अफगानिस्तान के रणनीतिक रूप से अहम समांगन प्रांत की राजधानी को भी तालिबान ने अपने कब्जे में ले लिया है. इसी दौरान अफगानिस्तान सरकार समर्थित एक कमांडर ने भी तालिबान के पक्ष में जाने का फैसला किया है. उत्तरी अफगानिस्तान में तालिबान तेजी से बढ़ रहा है. कहा जा रहा है कि अशरफ गनी देश छोड़कर चले गए हैं. साथ ही उनके सरकार पर इस्तीफ़े का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है.
वहीं भारत में रह रहे अफगानिस्तान के लोगों का कहना है कि सभी देशों को इस मामले में इंटरफेयर करना चाहिए. हम भारत में रह रहे हैं. यहां सुरक्षित हैं, लेकिन हमारे परिवार के लोग अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं. हमारी उनसे बात भी नहीं हो पाती है. कई दिनों से हमारे रिश्तेदार फंसे हुए हैं. एक घर में ही कैद हैं. लगता है अब पूरी तरीके से तालिबान अफगानिस्तान पर कब्जा कर लेगा. यह सब पाकिस्तान करा रहा है. पाकिस्तान की मिलीभगत से यह सब होता है.
दिल्ली में हौजरानी में काफी संख्या में अफगानी लोग रहते हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए अफगानी लोगों ने बताया कि हम भारत में रह रहे हैं. भारत एक अच्छा देश है. हमें अपने देश की तरह लगता है. यहां कोई अपना पराया नहीं है, लेकिन जो अफगानिस्तान में हालात हो गए हैं शायद ऐसा हमारे जीवन में कभी नहीं हुआ. तालिबान वहां पर हमारी बच्चियों को उठा कर ले जा रहे हैं. जबरन उनसे शादी कर रहे हैं और पाकिस्तान भी लेकर जा रहे हैं, लेकिन हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं. हम और हमारे लोग बेबस हैं.
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दिल्ली में दुकान चला रहे अफगानिस्तान के लोग अपील कर रहे हैं कि भारत इसमें उनकी मदद करे. हमारे लोग जो फंसे हुए हैं उन्हें वीजा पर भारत में बुलाया जाए. क्योंकि आज पाकिस्तान ने तालिबान के जरिए अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है. आज काबुल पर भी इन्होंने कब्जा कर लिया है. अब लगता है पूरा अफगानिस्तान इनके कब्जे में आ चुका है. हम मदद की गुहार लगा रहे हैं. वहां पर हमारे लोग फंसे हुए हैं. लोगों पर बड़ा अत्याचार किया जा रहा है.
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अफगानिस्तान के लोगों ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान से 31 अगस्त तक अपने सभी सैनिकों को वापस बुलाने की घोषणा की है. तभी से तालिबान का अफगानिस्तान में प्रभाव लगातार बढ़ा है. अब तक 90 फीसदी से ज्यादा अमेरिकी सैनिक वापस जा चुके हैं.