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उत्तराखंड में यूसीसी का असर, बिल पास होने के बाद बढ़ी मैरिज रजिस्ट्रेशनों की संख्या, आप भी जानें प्रक्रिया

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 2, 2024, 3:08 PM IST

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उत्तराखंड में यूसीसी का असर

Marriage registration increased in Uttarakhand,Impact of UCC in Uttarakhand​उत्तराखंड में यूसीसी का असर दिखने लगा है. यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल विधानसभा में पास होने के बाद से ही प्रदेश के अलग अलग जनपदों में शादी का रजिस्ट्रेशन करने वालों की संख्या अचानक बढ़ गई है. इसमें हरिद्वार, हल्द्वानी, देहरादून रजिस्टार ऑफिस में शादी का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए तांता लग रहा है.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में ऐतिहासिक यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल पास हो चुका है. विधानसभा में ऐतिहासिक यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल पास करवाने के लिए बाद धामी सरकार इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई है. उत्तराखंड के राज्यपाल ने भी यूसीसी को मंजूरी दे दी है. इसके बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया है. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल पास हो जाएगा, मगर यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल पास होने से पहले ही उत्तराखंड में इसका असर दिखने लगा है. राजधानी देहरादून के साथ-साथ हरिद्वार, हल्द्वानी सहित तमाम जनपदों में शादी के बाद रजिस्ट्रेशन करवाने वालों की संख्या अचानक से बढ़ गई है. आलम यह है कि जो रजिस्ट्रेशन एक महीने में 20 से 25 हुआ करते थे वह यूसीसी बिल पास होने के बाद ही एक जनपद में डेढ़ सौ से अधिक होने लगे हैं.

सरकारी दफ्तरों में शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए लगा रहा तांता: यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल पास होने से पहले ही इसका असर दिखने लगा है. सरकारी दफ्तरों में शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए लगने वाली भीड़ इसका जीता जागता उदाहरण है. देहरादून और हरिद्वार में इसका असर सबसे अधिक देखा जाने लगा है. समान नागरिक संहिता में 2010 के बाद हुई शादी के रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिए गए हैं. ऐसे में हमने सबसे पहले हरिद्वार के रजिस्ट्रार ऑफिस में पूछताछ की.

एक महीने में 150 शादी के रजिस्ट्रेशन: हरिद्वार रजिस्ट्रार ऑफिस में सब रजिस्ट्रार नन्द किशोर लोहिया ने बताया हरिद्वार में दो दफ्तर हैं. दोनों में रजिस्ट्रेशन का कार्य किया जाता है. इसमें सभी तरह के रजिस्ट्रेशन होते हैं. जमीन जायदाद से लेकर शादी ब्याह और अन्य तरह के रजिस्ट्रेशन हमारे यहां किए जाते हैं. उन्होंने बताया उत्तराखंड विधानसभा जब से समान नागरिक संहिता बिल पास हुआ है तब से शादी को लेकर रजिस्ट्रेशन करवाने वालों की संख्या अचानक बढ़ गई है. पहले यह संख्या एक महीने में लगभग 20 से 25 लोगों की हुआ करती थी. बिल पास होने के बाद से अब तक दोनों दफ्तरों में 150 से ज्यादा लोग रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं. उन्होंने कहा हमें इस बात की खुशी है की शादी के बाद रजिस्ट्रेशन करवाने लोग आ रहे हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोग इस कानून के प्रति जागरूक हैं. उन्होंने बताया ऑफिस में आने वाले लोगों को इस कानून के बारे में भी जानकारी दी जा रही है. उन्होंने कहा आने वाले समय में रजिस्ट्रेशन जरूरी हो जाएगा. कई शादी वाले जोड़े तो ऐसे हैं जो बच्चे होने के बाद अब अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए पहुंच रहे हैं.


देहरादून में भी बढ़े रजिस्ट्रेशन: राजधानी देहरादून में भी कुछ ऐसा ही हाल है. जिलाधिकारी सोनिका सिंह कहती हैं देहरादून में चार रजिस्टर ऑफिस हैं. चारों में शादी का रजिस्ट्रेशन करवाने वालों की संख्या बढ़ रही है. इसके लिए हमने अलग से डेस्क बनाने के लिए कहा है. अपने स्तर से भी हम लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं.

शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए कौन-कौन से पेपर जरूरी: अगर आप शादी का रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको registration.uk.gov.in पर जाना होगा. इसमें न्यू मैरिज ऑप्शन पर क्लिक करें. इसके बाद एक फॉर्म डाउनलोड होगा. उसे भरकर रजिस्ट्रार ऑफिस में जमा करवाना होगा. अपने साथ आपको दो गवाह भी ले जाने होंगे. जिनका बायोमेट्रिक किया जायेगा. इसके साथ ही अगर आपकी शादी को दो साल हुए हैं तो शादी का कार्ड या दोनों की उम्र का प्रूफ और एक शपथ पत्र देना होगा. इसके बाद आसानी से आपका शादी का रजिस्ट्रेशन हो जायेगा. इसमें आपको 10 रुपए का एक स्टाम्प भी देना होगा.

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