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सीमांत जिले में शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल, 183 स्कूल हुए बंद, कैसे बदलेगी पहाड़ की तस्वीर?

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 19, 2024, 7:11 AM IST

Updated : Feb 19, 2024, 10:20 AM IST

Pithoragarh Government School प्रदेश में स्कूलों की छात्र संख्या बढ़ाना हमेशा शिक्षा विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती रही है. वहीं बेहद कम छात्र संख्या वाले स्कूल अब शिक्षा विभाग के लिए बोझ हो गए हैं. जिन विद्यालयों में बच्चों की संख्या कम हो रही है, ऐसे स्कूलों को बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. जिस कारण पिथौरागढ़ में 183 स्कूल बंद कर दिए गए हैं.

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सीमांत जिले में शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल

पिथौरागढ़:सरकार जहां एक ओर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने का दावा और वादा कर रही है, वहीं सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में कई विद्यालयों पर ताला लटक चुका है. साथ ही कई और विद्यालय बंदी की कगार पर हैं. छात्र संख्या शून्य होने से जनपद में 158 प्राथमिक विद्यालय और 25 उच्च प्राथमिक विद्यालय बंद हो चुके हैं.

गौर हो कि प्रदेश सरकार शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने की बात तो करती है, लेकिन जमीनी हकीकत ठीक उलट दिखाई दे रहे है. पिथौरागढ़ जनपद के विद्यालयों की हालात दिनों दिन बद से बदत्तर होती नजर आ रही है. सीमांत जिला मुख्यालय में छात्र संख्या शून्य होने से जनपद में 158 प्राथमिक विद्यालय और 25 उच्च प्राथमिक विद्यालय बंद हो चुके हैं.अभिभावकों का रुझान भी निजी स्कूलों की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है.
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निजी स्कूलों में जहा छात्र संख्या बढ़ती जा रही है, वही सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या लगातार गिर रही है, जिस कारण विद्यालय बंद होते जा रहे हैं. कई विद्यालय तो ऐसे हैं, जहां छात्र तो हैं, लेकिन छात्रों को पढ़ाने के लिए शिक्षक तक नहीं हैं. मुख्य शिक्षा अधिकारी अशोक जुकरिया का कहना कि बीते तीन सालों में छात्र संख्या शून्य होने से जनपद में 158 प्राथमिक विद्यालय 25 उच्च प्राथमिक विद्यालय बंद हो चुके हैं. कई और दूरस्थ क्षेत्रों में जैसे धारचूला, मुनस्यारी, बेरीनाग, गंगोलीहाट में 445 एकल अध्यापक वाले विद्यालय संचालित हो रहे हैं.
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जिसमें से भी 28 विद्यालय में कोई भी अध्यापक कार्यरत नहीं हैं. जहां की शिक्षण व्यवस्था इधर उधर के अध्यापकों से चलाई जा रही है. वहीं 20 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 2 उच्च प्राथमिक विद्यालय भी व्यवस्थापक शिक्षकों के सहारे चल रहे हैं. वहीं कांग्रेस जिलाध्यक्ष अंजू लूंठी ने स्कूल बंद होने पर सवाल खड़े किए हैं. कहा कि सरकार बेहतर शिक्षा देने के बजाय स्कूलों को बंद करा रही है. एक ओर पलायन को कम करने की बात होती है, वहीं दूसरी ओर शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं होने के कारण स्कूलों को बंद करना चिंताजनक बना हुआ है.

Last Updated :Feb 19, 2024, 10:20 AM IST

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