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काशी में गंगा ने धारण किया विकराल रूप, सड़कों के किनारे हो रहा पिंडदान

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Published : Sep 20, 2019, 12:43 PM IST

सड़कों के किनारे पर पिंडदान.

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा और सहायक नदियों ने रौद्र रूप धारण कर लिया है, जिसके चलते नदी के किनारे बसे घाट और मंदिर नदी में समा चुके हैं. जिले में पितृपक्ष के उपलक्ष्य में अपने पितरों का पिंडदान करने आए श्रद्धालु पिंडदान घाट के किनारे नहीं बल्कि सड़कों के किनारे कर रहे हैं.

वाराणसीः धर्म की नगरी काशी में गंगा और सहायक नदियां उफान पर हैं, जिससे काशी नगरी के घाट और घाट किनारे बने मंदिर को मां गंगा ने अपनी जद में ले लिया है. गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर है तो वहीं तटवर्ती लोग पूरी तरह सहमे हुए हैं. इसी क्रम में गंगा का जलस्तर बढ़ने से अपने पितरों का पिंडदान करने आए श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

सड़कों के किनारे हो रहा पिंडदान.

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गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के पार
गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. इस समय गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बढ़ते जलस्तर के चलते अपने पितरों को पिंडदान करने आए श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस समय श्रद्धालु पितृपक्ष पर मोक्षदायिनी मां गंगा तट पर पितरों का पिंडदान करते हैं. जिले में देश के कोने-कोने से श्रद्धालु पिंडदान करने के लिए यहां आते हैं. जलस्तर बढ़ने की वजह से लोगों को पिंडदान का काम घाट के किनारे नहीं बल्कि सड़कों के किनारे करना पड़ा रहा है.

मां गंगा के बढ़ने से श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतें हो रही हैं, क्योंकि पितृपक्ष चल रहा है. देश के कोने-कोने से लोग पिंडदान के लिए काशी आते हैं. ऐसे में इस समय अस्सी घाट पर मां गंगा का पानी रोज बढ़ रहा है. पिंडदान घाट के किनारे नहीं बल्की सड़क पर करना पड़ रहा है.
सुरेंद्र दुबे, पंडा

Intro:धर्म की नगरी काशी में गंगा और सहायक नदियां जैसे गुण उफान पर वाराणसी के घाट पूरी तरह गंगा की आगोश में समा चुके हैं वहीं घाट किनारे मंदिर को भी मां गंगा ने अपनी जद में ले लिया है। गंगा का जलस्तर खतरे की निशान के ऊपर है तो वही तटवर्ती लोग पूरी तरह सहमे हुए है।


Body:मां गंगा के जल स्तर मिला तारे भर्ती श्रद्धालुओं को दी काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा रहा है। इस समय पितृ पक्ष तुम मोक्ष दायनी मां गंगा की तट पर लूट अपनी पितरो को पिंड दान करते हैं। ऐसे धार्मिक कार्य किए जाते हैं लेकिन गंगा का जल स्तर बढ़ने की वजह से अब लोगों को पिंडदान का काम घाट किनारे नहीं बल्कि सड़कों किनारे करना पड़ा है। बनारस में देश की कोने कौने से श्रद्धालु पिंडदान करने के लिए आते हैं ऐसे मैं मा गंगा रौद्र रूप देख कर वो भी काप जा रहे है। यह नजारा वाराणसी अस्सी घाट का है और तमाम घाटो का भी यही हाल है क्योंकि जब गंगा ही सड़क पर चली आई है तो पिंडदान भी तो सड़क पर ही होगा।


Conclusion:पंडा सुरेंद्र दुबे ने बताया कि मां गंगा के बढ़ने से सबसे ज्यादा दिक्कत हमको और यहां आने वाले श्रद्धालुओं को हो रही है क्योंकि यहां पितृपक्ष चल रहा है देश की कोने कोने से लोग पिंडदान के लिए काशी आते हैं।ऐसे में हम इस समय अस्सी घाट पर हैं और मां गंगा का पानी रोज बड़ा है जैसे पिंडदान घाट किनारे और घाट के ऊपर नही बल्की हमको सड़क पर करना पड़ रहा है। यहां बैठने की जगह और नही है। ठीक से खड़े होने में भी दिक्कत ह। यही सड़कों के किनारों पर हमें पिण्ड दान करना पड़ रहा है। देखिये कब माँ गंगा शांत होती है।
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