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गाजीपुर में गंगा का दिखा रौद्र रूप, हजारों परिवार हुए बेघर

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Published : Sep 20, 2019, 7:57 AM IST

बाढ़ का कहर

इन दिनों लगातार हो रही बारिश से नदियां उफान पर हैं. गंगा गाजीपुर में अपना रौद्र रूप दिखा रही हैं, जिसकी वजह से हजारों परिवार बेघर हो गए हैं. अभी गंगा के और तबाही मचाने के आसार दिख रहे हैं.

गाजीपुर: उत्तर प्रदेश में नदियां लगातार उफान पर हैं, जिससे पूर्वी उत्तर प्रदेश के हजारों गांव बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं. जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें लगातार राहत बचाव कार्य में जुटी हैं. गाजीपुर में गंगा नदी खतरे निशान से तककरीबन एक मीटर ऊपर बह रही हैं.

जानकारी देते एसडीएम.

बाढ़ पीड़ितों का पलायन जारी
बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों का पलायन लगातार जारी है. बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत कैंप ले जाया जा रहा है. वहीं बाढ़ पीड़ितों की मानें तो जिला प्रशासन के द्वारा उन्हें कोई सुविधा नहीं मिल रही है. उनके पशुओं को चारा तक नहीं उपलब्ध कराया जा रहा है. जिला प्रशासन का दावा है की बाढ़ पीड़ितों को जिला प्रशासन के द्वारा हर सुविधा मुहैया कराई जा रही है. हालांकि जिला प्रशासन के अधिकारी बाढ़ प्रभावित सभी इलाकों में नजर बनाए हुए हैं.

गंगा के तटवर्ती इलाकों में हाई अलर्ट
गंगा और यमुना के सभी तटवर्ती जिलों को हाई अलर्ट किया गया है. चंबल नदी के बढ़े जलस्तर के कारण आगे आने वाले दो से तीन दिनों में गंगा और यमुना में जलस्तर बढ़ना तय है. चंबल नदी में बाढ़ को देखते हुए युमना में आगामी तीन दिन के भीतर 16,00000 क्यूसेक जल छोड़ा जाएगा, जिससे यमुना के जलस्तर 86 से 87 मीटर के बीच हो जाएगा, जो खतरे के निशान से अधिक है. यमुना का जलस्तर बढ़ने से गंगा नदी में पानी छोड़े जाने की पूरी संभावना है.

ये भी पढ़ें:- बाढ़ राहत कार्य के लिए 24×7 संचालित हों कंट्रोल रूम, सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी

जमानियां में 16 नाव राहत बचाव कार्य में लगाई गई हैं. अस्थाई बसेरा बनाकर रह रहे लोगों को निकाला जा चुका है. गंगा का पानी आबादी के किनारे पानी आ चुका है. वहां से भी लोगों को निकालने का काम किया जा रहा है.
-रमेश मौर्य, एसडीएम जमानियां

Intro:आगामी 2 दिनों में और कहर बरपा सकती है जीवनदायिनी गंगा, हजारों परिवार हुए बेघर

कहर बन गई जीवनदायिनी गंगा, हजारों परिवार हुए बेघर


गाजीपुर । उत्तर प्रदेश की नदियां के लगातार उफान पर हैं। जिससे पूर्वी उत्तर प्रदेश के हजारों गांव बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं। जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम लगातार राहत बचाव कार्य में जुटी हैं। गाजीपुर में गंगा नदी खतरे निशान से तककरीबन एक मीटर ऊपर बह रही है। जिससे करीब दो दर्जन से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में है। गंगा वाराणसी गाजीपुर और बलिया में आने वाले 2 दिनों में और कहर बरपा सकती है।




Body:बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों का पलायन लगातार जारी है। बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत कैंप ले जाया जा रहा है। वहीं बाढ़ पीड़ितों की माने तो जिला प्रशासन के द्वारा उन्हें कोई सुविधा ना उनके पशुओं को चारा तक उपलब्ध कराया जा रहा है। जिला प्रशासन का दावा है की बाढ़ पीड़ितों को जिला प्रशासन के द्वारा हर सुविधा मुहैया कराई जा रही है। हालांकि जिला प्रशासन के अधिकारी बाढ़ प्रभावित सभी इलाकों में नजर बनाए हुए हैं।

वही गंगा और यमुना के सभी तटवर्ती ज़िलों को हाई अलर्ट किया गया है। चंबल नदी के बढ़े जलस्तर के कारण आगे आने वाले दो से तीन दिनों में गंगा, यमुना में जलस्तर बढ़ना तय है।
चंबल नदी में बाढ़ को देखते हुए युमना में आगामी 3 दिन के भीतर 1600000 क्यूसेक जल छोड़ा जाएगा जिससे यमुना के जलस्तर 86 से 87 मीटर के बीच हो जाएगा। जो खतरे के निशान से अधिक है। यमुना का जलस्तर बढ़ने से गंगा नदी में पानी छोड़े जाने की पूरी संभावना है।

यदि ऐसा होता है तो 2013 का मंजर दोबारा गाजीपुर में देखने को मिलेगा। इसलिए यूपी सरकार द्वारा जिला प्रशासन को बाढ़ की स्थिति पर सतर्क दृष्टि रखने बचाव एवं राहत कार्य युद्ध स्तर पर करने के निर्देश दिए गए हैं। बाढ़ की स्थिति जानने के लिए टीवी की टीम ने जमानिया के बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया भाई लोगों ने बताया कि उन्हें मिलने वाली सुविधा ना काफी है।




Conclusion:इस मामले में हम नहीं एसडीएम जमानिया रमेश मौर्य से बात की जमानियां में 16 नाव राहत बचाव कार्य में लगाई गई हैं। अस्थाई बसेरा बनाकर रह रहे लोगों को निकाला जा चुका है। गंगा का पानी आबादी के किनारे पानी आ चुका है। वहां से भी लोगों को निकालने का काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशन में कल देर रात बैठक हुई। जिसमें निर्देश दिया गया है कि 16 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जो आगामी 2 दिनों में निश्चित रूप अपना प्रभाव दिखाएगा। जिसको लेकर हम अलर्ट है। बाढ़ पीड़ितों को कोई समस्या नहीं होने दी जाएगी।



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