ETV Bharat / state

मुरादाबाद में नहीं है ध्वनि प्रदूषण, UNEP की रिपोर्ट है गलत : क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी

author img

By

Published : Mar 29, 2022, 5:23 PM IST

यूनाइटेड नेशंस एनवायरमेंट प्रोग्राम (UNEP) की एक हालिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया कि दुनिया के 61 सबसे ध्वनि प्रदूषित शहरों में मुरादाबाद का दूसरे स्थान पर है. वहीं, मुरादाबाद जिला प्रदूषण विभाग ने इस रिपोर्ट का खंडन किया.

etv bharat
क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी विकास मिश्र

मुरादाबाद. यूनाइटेड नेशंस एनवायरमेंट प्रोग्राम (UNEP) की एक हालिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया कि दुनिया के 61 ध्वनि प्रदूषित शहरों में मुरादाबाद का दूसरा स्थान है. मुरादाबाद जिला प्रदूषण विभाग ने इस रिपोर्ट का खंडन किया है. प्रदूषण विभाग के अधिकारी का कहना है कि सोशल मीडिया के माध्यम से यह जानकारी मिली थी कि मुरादाबाद ध्वनि प्रदूषण में दुनिया का दूसरा शहर है.

मुरादाबाद में 114 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण दर्ज कर दिखाया गया था. मुरादाबाद में रोजाना 60 से 70 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण दर्ज किया जाता है. मुरादाबाद में जिला प्रदूषण विभाग की तरफ से वायु व ध्वनि प्रदूषण मापने के लिए शहर में चारों तरफ सिविल लाइन, बुधबाजार, बुद्धिविहार और लाकड़ी फाजलपुर में ध्वनि मीटर लगे हुए है.

क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी विकास मिश्र

रोजाना प्रदूषण विभाग की टीम जाकर ध्वनि का डेसीमल चैक करती है. इन चारों जगह पर 60 से 70 ध्वनि डेसीमल आता है. अभी दो दिन पहले सोशल मीडिया पर यूनाइटेड नेशंस एनवायरोमेंट प्रोग्राम (UNEP) की एक हालिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि मुरादाबाद ध्वनि प्रदूषण में दुनिया के 61 शहरों में दूसरे नंबर पर है. इस पर क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी विकास मिश्र ने बताया कि यूनाइटेड नेशंस एनवायरोमेंट प्रोग्राम (UNEP) की रिपोर्ट में मुरादाबाद को दुनिया में ध्वनि प्रदूषण के मामले में दूसरे नंबर पर दिखाया गया है.

पढ़ेंः यूपी का यह जिला बना दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण वाला शहर

क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी विकास मिश्र कहा, 'यूनाइटेड नेशंस एनवायरमेंट प्रोग्राम (UNEP) ने किस तरह से ध्वनि प्रदूषण को 114 डेसीमल मापा, इस बात की जानकारी मुझे नहीं है. इनके द्वारा किस तरह से मापन किया गया, न तो इनके द्वारा कोई सेंसेक्स, न ही कोई स्टेशंस और न ही कोई कैंप लगाया गया. वहीं, मुरादाबाद में ध्वनि प्रदूषण औसतन 60 से 70 डेसीमल ही रहता है. यूनाइटेड नेशंस एनवायरोमेंट प्रोग्राम (UNEP) की हालिया रिपोर्ट बिल्कुल गलत है'.

क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी ने दावा किया कि इस रिपोर्ट के मुताबिक यदि वाकई में मुरादाबाद में इतना प्रदूषण होता तो यहां के लोगों को सुनने के अलावा अन्य गंभीर बीमारियों से भी जूझना पड़ता जबकि शहर में ऐसी कोई स्थिति नहीं है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.