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सुखाड़िया विश्वविद्यालय का 30वां दीक्षांत समारोह: लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ एवं देवेन्द्र झाझड़िया को डी.लिट की मानद उपाधि

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Published : Dec 20, 2022, 6:50 PM IST

MLSU 30th convocation: D.Litt to Devendra Jhajharia and Lakshyaraj Singh Mewar
सुखाड़िया विश्वविद्यालय का 30वां दीक्षांत समारोह: लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ एवं देवेन्द्र झाझड़िया को डी.लिट की मानद उपाधि

मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के मंगलवार को आयोजित 30वें दीक्षांत समारोह में पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ एव भारतीय पैरालंपिक खिलाड़ी देवेन्द्र झाझड़िया को डॉक्टर ऑफ लिटरेचर (डी.लिट) की मानद उपाधि प्रदान की (Honorary D Litt awarded to Devendra Jhajharia) गई. इसके साथ ही राज्यपाल कलराज मिश्र ने 107 गोल्ड मेडल और 187 पीएचडी की डिग्रियों प्रदान कीं.

उदयपुर. मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय का 30वां दीक्षांत समारोह मंगलवार को विवेकानंद सभागार में आयोजित हुआ. राज्यपाल कलराज मिश्र ने 107 गोल्ड मेडल और 187 पीएचडी डिग्रियों का वितरण किया. पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ (Honorary D Litt awarded to Lakshyaraj Singh Mewar) एवं भारतीय पैरालंपिक खिलाड़ी देवेन्द्र झाझड़िया को डॉक्टर ऑफ लिटरेचर (डी.लिट) की मानद उपाधि प्रदान की गई.

दीक्षांत समारोह की शुरुआत राज्यपाल कलराज मिश्र के नेतृत्व में सभी डीन डायरेक्टर एवं विभाग अध्यक्षों का अकादमिक प्रोसेशन निकालने से हुई. इसके बाद सभागार में गोल्ड मेडल एवं डिग्रियों का वितरण किया गया. इस अवसर पर एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले भारतीय पैरालंपिक देवेंद्र झाझरिया तथा समाज सेवा में अग्रणी कार्य करने वाले पूर्व राज परिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को डी.लिट की मानद उपाधि प्रदान की गई.

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इस अवसर पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षण में नवाचारों का संवाहक बने, क्योंकि नवाचारों का अर्थ है, शिक्षा को और अधिक अर्थवत्ता प्रदान करना. उन्होंने कहा कि आज के दौर में शिक्षा में नवाचार किए जाने की आवश्यकता है, जिससे विद्यार्थियों में पढ़ाए जाने वाले विषय के प्रति उत्साह जागृत हो सके और पढ़ाई के समय विद्यार्थी नवचेतना का संचरण महसूस कर सकें.

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उन्होंने कहा कि ज्ञान विज्ञान और दर्शन के माध्यम से व्यक्तित्व का संस्कार ही शिक्षा का मूल होना चाहिए. शिक्षण संस्थाओं में इसी को केंद्र में रखकर कार्य करने की आवश्यकता है. राज्यपाल ने कहा कि सूचना एवं जानकारियां महत्वपूर्ण हैं, लेकिन यह व्यक्ति को यांत्रिक अधिक बनाती हैं. बौद्धिक रूप से संपन्न ज्ञान जब तक संवेदनशीलता से प्रेषित नहीं किया जाएगा, तब तक उस ज्ञान का महत्व नहीं होगा.

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डी.लिट की मानद उपाधि प्राप्त करने वाले पैरालंपिक विजेता देवेन्द्र झाझड़िया ने इस अवसर पर कहा कि मेहनत का परिणाम कभी तत्काल नहीं मिलता. उसके लिए बहुत सारे धैर्य की आवश्यकता होती है. इसलिए युवा वर्ग अपना लक्ष्य निर्धारित करें और उसी पर अपना ध्यान केंद्रित करें तो सफलता निश्चित मिलेगी. डी.लिट की मानद उपाधि प्राप्त करने वाले मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि उदयपुर में, घर में अपना सम्मान होना उनके लिए गौरव का विषय है. उन्होंने कहा कि यह मेरा नहीं है बल्कि उस हर युवा का सम्मान है जो समाज सेवा से जुड़ा हुआ है.

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