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Special : किरोड़ी से क्यों डरी सरकार ? भाजपा के इस सांसद के आगे सरकार का खुफिया भी कई बार हुआ फेल...

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Published : May 13, 2022, 9:47 PM IST

Kirodi Lal During Protest
प्रदर्शन के दौरान किरोड़ी लाल...

राजस्थान की राजनीति में इस समय दो नाम सुर्खियों में हैं. पहला उदयपुर में जारी कांग्रेस का नव संकल्प शिविर और दूसरा भाजपा के सांसद किरोड़ी लाल मीणा. मीणा के हर कदम पर(Politics of MP Kirodi Lal Meena) पुलिस की पहरेदारी बनी हुई है. सवाल यह उठता है कि आखिर सरकार किरोड़ी लाल से इतनी डरी हुई क्यों है ? इसका जवाब यह है कि किरोड़ी एक बार नहीं कई बार सरकारी तंत्र को धता बताते हुए मकसद में कामयाब हो चुके हैं. देखिए ये रिपोर्ट...

जयपुर. प्रदेश की राजनीति में इन दिनों कांग्रेस का नव संकल्प शिविर और भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा सुर्खियों में हैं. किरोडी मीणा जहां-जहां जाते हैं पुलिस उनके पीछे-पीछे पहुंच जाती है. उदयपुर में गुरुवार को हुई घटना के बाद ये सवाल उठना (Rajasthan Government Scared of Kirodi Meena) लाजमी है कि गहलोत सरकार को आखिर किरोड़ी मीणा से क्या डर है ?. हालांकि, पूर्व में कई बार सांसद मीणा के आगे सरकार का खुफिया तंत्र पूरी तरह फेल नजर आ चुका है.

आलाकमान की मौजूदगी में सरकार नहीं चाहती रिस्कः राजस्थान में सांसद किरोड़ी लाल मीणा पूर्व में कई घटनाओं में प्रदेश के खुफिया तंत्र को भी मात दे चुके हैं और वो कारनामे कर चुके हैं, जिसके बाद सरकार अब कोई रिस्क लेने की स्थिति में नहीं दिखती. खासतौर पर जब कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ पार्टी के तमाम बड़े लीडर्स का जमावड़ा (Congress Nav Sankalp Shivir) उदयपुर में हो. यही कारण है कि उदयपुर में जैसे ही किरोड़ी लाल मीणा के होने की सूचना प्रशासन को मिली तो पुलिस ने उन्हें उदयपुर से बाहर भेजा और जयपुर तक उनके इर्द-गिर्द पुलिसकर्मी घूमते रहे.

क्या कहते हैं किरोड़ी लाल...

इन घटनाक्रम में प्रदेश का इंटेलीजेंस रहा किरोड़ी के आगे फेलः भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा की उम्र भले ही 70 वर्ष हो, लेकिन आज भी उनके आंदोलन करने के तरीके सबसे अलग हैं. पुलिस को चकमा देना और खुफिया तंत्र के सारे तंत्र फेल कर देना किरोड़ी मीणा की सियासत में अब शामिल हो चुका है. पिछले कुछ माह में ऐसे मामले भी हैं, जिनमें पुलिस का खुफिया तंत्र किरोड़ी लाल मीणा के आंदोलन के आगे पूरी तरह फेल नजर आया, साथ ही सरकार को भी फजीहत झेलनी पड़ी.

शंभू पुजारी का शव लेकर जयपुर पहुंचने का मामलाः दौसा के महुआ में पिछले साल अप्रैल में मुक बधिर शंभू पुजारी की मौत के मामले में किरोड़ी लाल मीणा ने लंबा आंदोलन चलाया. मामला दौसा के महुआ से जुड़ा था, जहां 6 दिन तक पुजारी के शव को लेकर किरोड़ी मीणा स्थानीय लोगों के साथ प्रदर्शन करते रहे और इस दौरान वह चकमा देकर 8 अप्रैल को शव के साथ जयपुर के सिविल लाइंस तक पहुंच गए. मुख्यमंत्री निवास के नजदीक सिविल लाइंस रेलवे फाटक पर यह प्रदेश सरकार और खुफिया तंत्र का सबसे बड़ा फेलियर था. जिसके चलते पुजारी की मौत के मामले में आंदोलन और बड़ा रूप ले गया और सरकार को भी आंदोलनरत लोगों की मांग को मानने और आश्वासन देने पर मजबूर होना पड़ा था.

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देर रात पहाड़ी चढ़कर आमागढ़ में फहरा दिया था ध्वजः सांसद किरोड़ी लाल मीणा के आगे प्रदेश के खुफिया तंत्र के फेल होने का दूसरा बड़ा उदाहरण जयपुर के आमागढ़ में ध्वजा लहराने का मामला रहा. पिछले साल 1 अगस्त को किरोड़ी मीणा ने पुलिस प्रशासन और खुफिया तंत्र को चकमा देते हुए देर रात ही आमागढ़ पहाड़ियों पर चढ़ना शुरू किया और अल सुबह इस दुर्ग पर मीणा समाज का ध्वजा लहरा दिया. यह स्थिति तब थी जब इस दुर्ग पर किसी को भी प्रवेश न देने के लिए काफी संख्या में पहले ही पुलिस बल तैनात कर दिया गया था. लेकिन 70 वर्ष की उम्र वाले इस सांसद ने न केवल भरी ठंड में पहाड़ों पर चढ़कर यह सफर पूरा किया, बल्कि जो बात कही थी उसे पूरा करते हुए यहां झंडा भी लहराया. इस दुर्ग पर घटना के कुछ दिनों पहले कांग्रेस विधायक रामकेश मीणा और समर्थकों ने यहां लगे भगवा ध्वज को हटा दिया था. जिसके बाद किरोड़ी मीणा ने इस दुर्ग पर मीणा समाज का ध्वजा फहराने का एलान किया था. पुलिस ने कानून-व्यवस्था की दृष्टि से दुर्ग पर सभी का प्रवेश बंद कर दिया था.

Kirodi Lal During Protest
प्रदर्शन के दौरान किरोड़ी लाल...

अनाथ बच्चों को लेकर सीएमआर पहुंच कर चौंकाया थाः सांसद किरोड़ी मीणा ने कोरोना कालखंड में अनाथ हुए बच्चों को लेकर मुख्यमंत्री निवास के ठीक बहार पहुंच कर भी पुलिस और प्रशासन को सकते में ला दिया था. मामला 19 जून 2021 का है, जब किरोड़ी मीणा मुख्यमंत्री कोरोना वायरस योजना की तर्ज पर प्रदेश के अन्य अनाथ बच्चों को भी आर्थिक संबल देने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे. खुफिया तंत्र को चकमा देकर बड़ी संख्या में अनाथ बच्चों को लेकर मुख्यमंत्री निवास तक पहुंच गए. हालांकि, इस दौरान सरकार की तरफ से परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास को समझाइश के लिए भेजा गया और कुछ आश्वासन के बाद किरोड़ी मीणा और बच्चों को वहां से हटाया गया. लेकिन मुख्यमंत्री निवास के बाहर भारी सुरक्षा के बीच किरोड़ी मीणा जिस तरह बड़ी संख्या में छोटे बच्चों को लेकर पहुंचे, वह खुफिया तंत्र के कामकाज पर सवाल उठाने वाला घटनाक्रम साबित हुआ था.

किसानों के साथ सिविल लाइंस पहुंच कर चौंकाया थाः पुलिस प्रशासन और खुफिया तंत्र को फेल करने का एक और उदाहरण इसी साल 20 जनवरी को सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने पेश किया. जब किरोड़ी मीणा कई किसानों को लेकर मुख्यमंत्री निवास के बिल्कुल नजदीक पहुंच गए और वहां धरने पर बैठ गए. किरोड़ी मीणा के साथ वही किसान थे जो कर्जा न चुका पाने के कारण अपनी जमीन की कुर्की होने से परेशान थे. किरोड़ी मीणा ऐसे किसानों की कुर्की के आदेश को रोकने की मांग को लेकर यहां धरने पर बैठे तो प्रशासन में हड़कंप मच गया और जैसे-तैसे समझाइश के जरिए किरोड़ी मीणा को वहां से हटाया गया.

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इसलिए किरोड़ी मीणा से इतनी डर रही सरकारः ये वो तमाम घटनाक्रम थे जिसमें सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने पुलिस बल व खुफिया विभाग के भी नाक में दम कर दिया था. हालांकि, किरोड़ी मीणा के आंदोलन की स्टाइल भी कुछ ऐसी ही है. जिसमें भाजपा नेता कम और जिनकी समस्या होती है वो लोग ज्यादा नजर आते हैं. यही कारण है कि अब सिविल लाइंस क्षेत्र में यदि किरोड़ी मीणा जाते हैं तो पुलिस उन्हें घेर कर खड़ी हो जाती है. हाल ही में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह से मुलाकात करने गए किरोड़ी मीणा के साथ ऐसा ही हुआ था, जिससे वो काफी नाराज हुए और अब उदयपुर की घटना सबके सामने है.

Kirodi Lal During Protest
समर्थकों के साथ भाजपा सांसद...

कुछ मामलों में मुझे पहले आना पड़ता है आगेः सांसद किरोड़ी लाल मीणा से जब उनके आंदोलन के स्टाइल और उसमें भाजपा के नेता कम नजर आने से जुड़ा सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि भाजपा पूरी एकजुट है. वह जो आंदोलन करते हैं उसके पीछे भी पार्टी की ही शक्ति है. हालांकि, किरोड़ी मीणा यह कहने से भी नहीं चूके कि कई मामलों में उन्हें ही पहले आगे आकर पहल करनी पड़ती है. लेकिन वह ऐसा करते रहेंगे और सरकार की दमनकारी नीतियों से नहीं घबराएंगे.

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