ETV Bharat / city

Himachal High Court: मृकुला देवी मंदिर भवन के जीर्णोद्धार के लिए ASI विभाग को विशेष टीम गठित करने का आदेश

author img

By

Published : Apr 23, 2022, 8:59 PM IST

restoration of Mrikula Devi temple building
मृकुला देवी मंदिर भवन का जीर्णोद्धार

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने लाहौल स्पीति के उदयपुर में मृकुला देवी मंदिर भवन के जीर्णोद्धार के लिए (restoration of Mrikula Devi temple building) भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग को विशेष टीम गठित करने का आदेश दिया है. इस टीम को एक सप्ताह के भीतर स्थल का निरीक्षण करने और मृकुला देवी मंदिर की आवश्यक मरम्मत के लिए एस्टीमेट तैयार करने के आदेश जारी किए हैं.

शिमला: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने लाहौल स्पीति के उदयपुर में मृकुला देवी मंदिर भवन के जीर्णोद्धार के (restoration of Mrikula Devi temple building) लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग को विशेष टीम गठित करने का आदेश दिया है. इस टीम को एक सप्ताह के भीतर स्थल का निरीक्षण करने और मृकुला देवी मंदिर की आवश्यक मरम्मत के लिए एस्टीमेट तैयार करने के आदेश जारी किए है. राज्य में इस मंदिर को अत्यधिक ऐतिहासिक महत्व मिला है. कोर्ट ने आगे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि मंदिर की मरम्मत, रखरखाव और संरक्षण के लिए धन उपलब्ध कराया जाए और उसके बाद एक महीने के भीतर आवश्यक मरम्मत कार्य शुरू किया जाए, ताकि इसे तेजी से पूरा किया जा सके.

मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए), कुल्लू द्वारा माता मृकुला देवी मंदिर, उदयपुर, जिला लाहौल एवं स्पीति की जर्जर स्थिति को प्रस्तुत करती रिपोर्ट पर खुद संज्ञान लेते हुए इस जनहित याचिका पर ये आदेश पारित किए. सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) कुल्लू द्वारा बताया गया है कि मंदिर के दोनों हिस्सों के बीच की छत झुकी हुई है और कभी भी गिर सकती है. लकड़ी का एक पुराना खंभा फट रहा है. छत का बाहरी हिस्सा भी गिर रहा है, मंदिर का रंग पुरातत्व विभाग ने फिर से रंगने के लिए हटा दिया था लेकिन उसके बाद मंदिर को बिल्कुल भी रंग नहीं किया गया है.

उन्होंने आगे कहा है कि उक्त मंदिर की (Mrikula Devi Temple Himachal) सुरक्षा वर्ष 1989 में पुरातत्व विभाग ने अपने हाथ में ले ली थी. मंदिर के पुजारी ने इस संबंध में माननीय न्यायालय में एक आवेदन भी प्रस्तुत किया, जिसे उपायुक्त लाहौल एवं स्पीति मामले में उचित कार्रवाई के लिए को भेजा गया. लेकिन उक्त मंदिर में मरम्मत का कार्य अभी तक नहीं किया गया है. सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र अधिवक्ता वंदना मिश्रा ने माता मृकुला देवी मंदिर की कई तस्वीरें प्रस्तुत कीं, जिससे पता चलता है कि मंदिर जीर्ण-शीर्ण स्थिति में है. मंदिर की छत अस्थायी रूप से लकड़ी के तख्तों के उपयोग से समर्थित है, चारों तरफ की दीवारों में दरारें हैं. प्रतिवादी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा मंदिर को संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है. कोर्ट मित्र ने मंदिर के पुजारी के साथ जो बातचीत की, उसके अनुसार अगर तत्काल मरम्मत नहीं की गई तो यह मंदिर कभी भी गिर सकता है.

सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र अधिवक्ता वंदना मिश्रा ने माता मृकुला देवी मंदिर की कई तस्वीरें प्रस्तुत कीं, जिससे पता चलता है कि मंदिर भवन टूटी -फूटी स्थिति में है. मंदिर की छत अस्थायी रूप से लकड़ी के तख्तों के ऊपर टिकी है. चारों तरफ की दीवारों में दरारें हैं. प्रतिवादी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा मंदिर को संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है. एमिकस क्यूरी ने मंदिर के पुजारी के साथ जो बातचीत की, उसके अनुसार अगर तत्काल मरम्मत नहीं की (restoration of Mrikula Devi temple building) गई तो यह मंदिर कभी भी गिर सकता है. एएसआई की ओर से दायर की गई स्टेटस रिपोर्ट के माध्यम से, अदालत ने एएसआई द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण को पूरी तरह से असंतोषजनक पाया और अदालत ने कहा कि जिस गति से प्रतिवादी आगे बढ़ रहे हैं, निश्चित रूप से संरचना के अस्तित्व को खतरे में डाल देगा. मामले को आगामी सुनवाई के लिए 13.05.2022 को निर्धारित किया गया है.

ये भी पढ़ें: नए जेल मैनुअल को लेकर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में सुनवाई, HC ने सरकार से किए ये सवाल

ये भी पढ़ें: हिमाचल छात्रवृत्ति घोटाला: CBI को जांच प्रक्रिया में तेजी लाने के हाई कोर्ट ने दिए निर्देश

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.