नई दिल्लीः दिल्ली सरकार राजधानी में अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम को और प्रभावी तरीके से लागू करने की दिशा में नई पहल शुरू करने जा रही है. इस दिशा में विशेष न्यायालयों की स्थापना, अधिनियम के तहत समय पर राहत/मुआवजा जारी करना, अधिनियम 4 के प्रावधान के अनुसार मामलों का पंजीकरण, पीड़ितों और गवाहों के अधिकार, जांच का नियमित रूप से समय पर पूरा होने के लिए योजना, राज्य एवं जिला स्तरीय सतर्कता आदि में सुधार किए जाएंगे. अधिनियम को प्रभावी बनाने के लिए दिल्ली सचिवालय में समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम की अध्यक्षता में बैठक हुई.
बैठक में अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम को और प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए. दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम ने अधिकारियों को सभी खामियों को दूर करने का निर्देश देते हुए कहा कि सभी आधिकारिक एजेंसियों को बैठकें करनी चाहिए और नियमित रूप से विभाग को स्थिति की रिपोर्ट भेजनी होगी. उन्होंने कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से सभी शिकायतों का तुरंत समाधान सुनिश्चित करेंगे.
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समाज कल्याण विभाग की बैठक में कई मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया. मसलन, विशेष न्यायालयों की स्थापना, अधिनियम के तहत समय पर राहत/मुआवजा जारी करना, अधिनियम 4 के प्रावधान के अनुसार मामलों का पंजीकरण. पीड़ितों और गवाहों के अधिकार, "जांच का नियमित रूप से समय पर पूरा होना” के लिए योजना, राज्य एवं जिला स्तरीय सतर्कता, अनुश्रवण समिति की बैठकों का आयोजन, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति संरक्षण प्रकोष्ठ की स्थापना एवं जागरूकता, सुग्राहीकरण एवं प्रशिक्षण. इस दौरान संबंधित अधिकारियों ने प्रावधानों को लागू करने के लिए रणनीति एवं रूपरेखा प्रस्तुत किया.
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मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम ने विभागों में बेहतर समन्वय एवं सहयोग की मांग करते हुए अधिकारियों को सभी कमियों को दूर करने के लिए अपने संचार चैनलों को ठीक कर व्यवस्थित करने का निर्देश दिए. उन्होंने सभी अधिकारिक एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे हर तीन महीने में अपनी प्रगति को लेकर नियमित रूप से बैठकें करें. साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को हर तीन महीने में स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए. उन्होंने सभी को विभाग से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया और कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से सभी शिकायतों का तुरंत समाधान सुनिश्चित करेंगे. बैठक में विभाग के शीर्ष अधिकारियों के साथ-साथ अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह), दिल्ली पुलिस के आयुक्त, प्रभागीय आयुक्त, प्रमुख सचिव (कानून) और सचिव (डीएससीएसटी) उपस्थित रहे.