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क्लाउड किचन को लेकर तैयार की गई रूप-रेखा, जल्द ही दिल्ली में क्लाउड किचन होंगे शुरू

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Published : Apr 28, 2022, 10:49 AM IST

दिल्ली के डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन (डीडीसी) और उद्योग विभाग ने क्लाउड किचन और फूड डिलीवरी एग्रीगेटर्स के प्रतिनिधियों के साथ मंगलवार शाम को क्लाउड किचन के विकास का रोडमैप तैयार करने के लिए स्टेकहोल्डर्स के साथ चर्चा की. क्लाउड किचन को एक उद्योग के रूप में मान्यता देने और एक समर्पित 'क्लाउड किचन पॉलिसी' लाने के लिए कई इनपुट दिए.

Cloud kitchen has been prepared soon Delhi will start cloud kitchens
Cloud kitchen has been prepared soon Delhi will start cloud kitchens

नई दिल्ली : दिल्ली के डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन (डीडीसी) और उद्योग विभाग ने क्लाउड किचन और फूड डिलीवरी एग्रीगेटर्स के प्रतिनिधियों के साथ मंगलवार शाम को क्लाउड किचन के विकास का रोडमैप तैयार करने के लिए स्टेकहोल्डर्स के साथ चर्चा की. क्लाउड किचन को एक उद्योग के रूप में मान्यता देने और एक समर्पित 'क्लाउड किचन पॉलिसी' लाने के लिए कई इनपुट दिए.


इस क्षेत्र के लिए नियमों को आसान बनाने की जरूरत पर प्रकाश डालते हुए एनोकी हॉस्पिटैलिटी के अध्यक्ष पोरस अरोड़ा ने कहा कि लोग क्लाउड किचन खोल रहे हैं, क्योंकि इसके लिए कम बजट की आवश्यकता होती है. इन लाइसेंसों को प्राप्त करने के लिए बहुत अधिक धन की आवश्यकता होती है और प्रक्रिया लंबी भी होती है. क्लाउड किचन चलाने के लिए दिल्ली पुलिस से लाइसेंस की आवश्यकता के बारे में रिबेल फूड्स के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट संदीप कुमार शाह ने कहा कि पुलिस से लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता एक 'ईटिंग हाउस' चलाने के लिए निर्धारित की गई थी. लेकिन चूंकि क्लाउड किचन में ग्राहकों का आना-जाना नहीं होता है. इसलिए सार्वजनिक उपद्रव और उसके बाद पुलिस की आवश्यकता नहीं होती है.

Cloud kitchen has been prepared soon Delhi will start cloud kitchens
क्लाउड किचन को लेकर तैयार की गई रूप-रेखा, जल्द ही दिल्ली में क्लाउड किचन होंगे शुरू



एनआरएआई के महासचिव प्रकुल कुमार ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में महाराष्ट्र और गुजरात ने रेस्तरां शुरू करने के लिए पुलिस लाइसेंस प्राप्त करने में छूट देने के लिए कानूनों में संशोधन किया है. सैंडविच बेचने के लिए हमें दिल्ली पुलिस से लाइसेंस की आवश्यकता क्यों है? जब कानून और व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होती है. तब पुलिस के पास किसी भी मामले में हस्तक्षेप करने की शक्ति होगी. इसके अलावा दिल्ली पुलिस के लाइसेंस के बिना दिल्ली के अधिकांश रेस्तरां का संचालन हो रहा है.

फूड बिजनेस ऑपरेटर्स (एफबीओ) द्वारा दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) से आवश्यक स्वास्थ्य और व्यापार लाइसेंस पर चर्चा करते हुए प्रतिभागियों ने कहा कि यह दोहराव है, क्योंकि यह एफएसएसएआई लाइसेंस के समान उद्देश्य को पूरा करता है. यानी स्वास्थ्य के रख-रखाव को सुनिश्चित करने के लिए और स्वच्छता मानकों को तय करता है. एनआरएआई के महासचिव प्रकुल कुमार ने कहा कि एफएसएसएआई ने सितंबर 2020 में दिल्ली में विभिन्न नगर निगमों को लिखे अपने पत्र में कहा था कि नगर पालिका कार्यालयों द्वारा अलग से कोई खाद्य लाइसेंस जारी नहीं किया जाना है. इसके बावजूद यह प्रक्रिया नहीं बदली है.



रिबेल फूड्स के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट संदीप कुमार शाह ने कहा कि दिल्ली फायर सर्विस क्लाउड किचन के लिए नियमन मानदंडों को स्पष्ट करने के लिए एक अधिसूचना जारी करे. उन्होंने कहा, “250 वर्ग मीटर से कम क्षेत्रफल वाले टेक-अवे रेस्तरां के लिए फायर एनओसी की आवश्यकता लागू नहीं होती है, लेकिन चूंकि नियम स्पष्ट रूप से 'क्लाउड किचन' को निर्दिष्ट नहीं करते हैं. जिसकी वजह से अन्य कार्यालयों को शोषण की छूट देते हैं.


क्लाउड किचन या वर्चुअल किचन नियमित ब्रिक-एंड-मोर्टार एफएंडबी प्रतिष्ठानों से अलग हैं, क्योंकि वे केवल डिलीवरी वाले किचन के रूप में काम करते हैं. अपने ऐप या ऑनलाइन फूड एग्रीगेटर्स के माध्यम से ऑर्डर लेते हैं और कई फूड ब्रांड के रूप में काम करने की क्षमता भी रखते हैं. क्लाउड किचन स्थापित करने में पारंपरिक डाइन-इन और त्वरित सेवा रेस्तरां की तुलना में कम पूंजीगत खर्च होता है, क्योंकि संपत्ति कर, किराया और सेटअप लागत (उपकरण, फर्नीचर, आदि के लिए) कम होती है. पारंपरिक रेस्टोरेंट काफी जोखिम वाला काम है. वहीं क्लाउड किचन एक कम जोखिम वाला उद्यम है, क्योंकि वे एक पारंपरिक रेस्तरां स्थान के एक हिस्से पर काम कर सकते हैं, जिससे उनका ईबीआईटीडीए लाभ मार्जिन बढ़ जाता है.


डीडीसी के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई. इसमें उद्योग सचिव निहारिका राय, जीएसटी विशेष आयुक्त प्रिंस धवन, डीएसआईआईडीसी के कार्यकारी निदेशक अमन गुप्ता शामिल हुए. इसके अलावा स्टेकहोल्डर्स की तरफ से नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया भारत, जोमेटो, रेबेल फूड्स, इनोकी हॉस्पिटैलिटी, रोलिंग प्लेट, एनवाईसी पाई, नोमेड पिज्जा सहित विभिन्न प्रतिनिधि शामिल हुए.

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इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीडीसी के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह ने कहा कि दिल्ली सरकार, क्लाउड किचन के उद्योग के रूप में विकसित होने को लेकर बहुत आशान्वित . क्योंकि इसका मॉडल कम जोखिम वाला व लागत प्रभावी है. इसके अलावा फायदा भी काफी ज्यादा है. हम क्लाउड किचन उद्योग की समृद्धि में पूरे शहर की समृद्धि देखते हैं. सरकारी दखल के बिना भी यह क्षेत्र कम समय में एक विशाल उद्योग बनने में कामयाब रहा है. कई लोगों को रोजगार प्रदान किया और अर्थव्यवस्था में योगदान दिया है. जब सरकार और उद्योग से जुड़े लोग सहयोग करेंगे तो इस क्षेत्र में अभूतपूर्व उछाल देखा जा सकता है. हम ऑपरेटरों के लिए पूरी प्रक्रिया को आसान बनाना चाहते हैं. जिसमें किराए से लेकर लाइसेंस देने और कुशल श्रमिक प्रदान करने तक शामिल है.

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