लखनऊ : उत्तर प्रदेश में उपभोक्ताओं को सबसे महंगी बिजली उपलब्ध होती है. इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि पावर कॉरपोरेशन महंगी बिजली खरीदता है, ऐसे में उपभोक्ताओं को भी महंगी बिजली सप्लाई करता है, लेकिन अब कॉरपोरेशन ने रिकॉर्ड सस्ती बिजली खरीदने का करार किया है. अब तक इतनी सस्ती बिजली कभी नहीं खरीदी गई. 1000 मेगावाट खरीद का एग्रीमेंट सोलर प्लांट की चार कंपनियों के साथ किया गया है. ऐसे में आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश के उपभोक्ताओं को पावर कॉरपोरेशन सस्ती बिजली का तोहफा दे सकता है.
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल ने बताया कि रिकॉर्ड सस्ती बिजली खरीदने का 1000 मेगावाट का एग्रीमेंट सोलर प्लांट की चार कंपनियों के साथ साइन किया है. इसके बाद अन्य कंपनियों से भी सस्ती बिजली खरीदने के लिए ज्यादा से ज्यादा एग्रीमेंट हो सकें, इसके प्रयास किए जाएंगे. बताया कि सोलर कंपनियों से दो रुपये 52 पैसे में बिजली खरीदी जाएगी. इसके लिए अवादा एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, स्प्रंग एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, रिन्यू सोलर पावर प्राइवेट लिमिटेड और सोलर क्राफ्ट पावर इंडिया एंड प्राइवेट लिमिटेड के साथ पावर कारपोरेशन ने करार किया है.
इन कंपनियों से करार
अवादा एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड की कैपेसिटी 300 मेगावाट, स्प्रंग एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड की कैपेसिटी 250 मेगावाट, रिन्यू सोलर पावर प्राइवेट लिमिटेड की क्षमता 300 मेगावाट और सोलर क्राफ्ट पावर इंडिया एंड प्राइवेट लिमिटेड की क्षमता 150 मेगावाट है. इन चारों कंपनियों में से सोलर क्राफ्ट पावर इंडिया एंड प्राइवेट लिमिटेड से ₹2. 53 पैसे में बिजली खरीद होगी जबकि अन्य कंपनियों से ₹2. 52 पैसे प्रति यूनिट बिजली खरीदी जाएगी. कुल मिलाकर 1000 मेगावाट सस्ती बिजली की खरीद पावर कॉरपोरेशन करेगा.
ऊर्जा मंत्री ने दिए थे संकेत
बता दें कि उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने पिछले दिनों बयान दिया था कि जल्द ही उत्तर प्रदेश के उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जाएगी. सस्ती बिजली पावर कॉरपोरेशन की तरफ से तभी उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराई जा सकती है जब यूपीपीसीएल स्वयं सस्ती बिजली की खरीद कर सके. इसी दिशा में अब पावर कारपोरेशन ने सस्ती बिजली खरीद के लिए कंपनियों से करारा करना शुरू किया है. इसका फायदा यूपी के उपभोक्ताओं को मिल सकता है.
उपभोक्ता परिषद ने कहा- बिजली उत्पादन में निजी घरानों का कब्जा, महंगी बिजली की यही बड़ी वजह
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि ऊर्जा सेक्टर में उत्पादन के क्षेत्र में निजी घरानो का 51% कब्जा हो गया है. ऐसे में उनकी महंगी बिजली दरों की वजह से राज्यों की बिजली दरें भविष्य में महंगी होनी तय हैं. उपभोक्ता परिषद ने प्रधानमंत्री और ऊर्जा मंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है. कहा कि अखिल भारतीय स्तर पर कुल स्थापित क्षमता 428299 मेगावाट है, उसमें केंद्रीय सेक्टर 102274 मेगावाट और राज्य सेक्टर 106332 मेगावाट है. निजी क्षेत्र में पूरे देश में 219691 मेगावाट की उत्पादन क्षमता शामिल है. वर्तमान में पूरे देश में कुल स्थापित क्षमता का निजी क्षेत्र लगभग 51 फीसदी पहुंच गया है. पावर सेक्टर में निजी घरानों की जितनी ज्यादा एंट्री होगी, उतनी ही ज्यादा बिजली देश के विभिन्न राज्यों में महंगी होने की संभावनाएं बढ़ेंगी.
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