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Digvijay On Sanatan: सनातन के मुद्दे पर कांग्रेस बनाएगी दूरी, कांग्रेस वर्किंग कमेटी में दिग्विजय सिंह की राय

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 17, 2023, 5:16 PM IST

CWC की बैठक में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि सनातन धर्म विवाद पर बोलने से पार्टी को नुकसान होगा और बीजेपी को मदद मिलेगी. इसलिए कांग्रेस को सनातन के मुद्दे से दूरी बना लेना चाहिए.

Digvijay On Sanatan
सनातन के मुद्दे पर कांग्रेस बनाएगी दूरी

जबलपुर। हैदराबाद में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक समाप्त हो गई है. कांग्रेस ने आने वाले चुनाव के मद्दे नजर कई बातों पर अपने विचार स्पष्ट कर दिए हैं. कार्य समिति में कांग्रेस नेताओं ने अपने परंपरागत वोट को साधने की कोशिश की है, क्योंकि अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग लंबे समय तक कांग्रेस का समर्थक रहा है. लेकिन अतिरिक्त आरक्षण की वजह से अनारक्षित जातियों के बीच में कांग्रेस की पकड़ कमजोर हो जाएगी.

राहुल गांधी ने किया ट्वीट: हैदराबाद में 2 दिन चली कांग्रेस कार्य समिति की बैठक समाप्त हो गई है. बैठक के बाद कांग्रेसियों ने यह विश्वास व्यक्त किया है कि आने वाले समय में विधानसभा चुनावों में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना के लोग कांग्रेस के पक्ष में समर्थन दिखाएंगे और इन राज्यों में कांग्रेस अपनी सरकार बनाएगी.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जो पत्र ट्वीट किया है, उसके अनुसार उन्हें इस बात का विश्वास है कि हमारे देश की जनता बदलाव चाहती है और हम कानून-व्यवस्था, स्वतंत्रता, सामाजिक और आर्थिक न्याय, समानता और समता की उनकी अपेक्षाओं को पूरा करेंगे.

धर्म विवाद में न फंसे कांग्रेस: कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के दौरान मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि ''भारतीय जनता पार्टी धर्म की राजनीति कर रही है लेकिन कांग्रेस को इसमें फंसना नहीं चाहिए. कांग्रेसियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सनातन धर्म विवाद में कांग्रेस को नहीं फंसना चाहिए. इससे कांग्रेस का नुकसान होगा और बीजेपी का फायदा होगा.''

नुकसानदायक बयान नहीं देंगे कांग्रेस नेता: कांग्रेस अक्सर अपनी अंदरूनी गुटबाजी की वजह से चर्चाओं में बनी रहती थी. मध्य प्रदेश में भी अंदरूनी गुटबाजी चुनाव के ठीक पहले मीडिया के लिए मुद्दा बन जाती थी और इसका नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ता था. इसलिए कार्य समिति में इस बात पर चिंता जाहिर की गई है कि कांग्रेस का सदस्य मीडिया में ऐसा कोई बयान नहीं देगा जिसका नुकसान पार्टी को हो.

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जाति जनगणना के पक्ष में कांंग्रेस: पिछड़े वर्ग को आरक्षण की मांग बीते 5 सालों से चल रही है. कमलनाथ सरकार के दौरान इसे लागू भी कर दिया गया था लेकिन इसके बाद यह मामला हाईकोर्ट में चला गया और अभी तक हाई कोर्ट में इसका कोई फैसला नहीं आ पाया है. पिछड़े वर्ग अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग को आरक्षण की अतिरिक्त व्यवस्था का मुद्दा मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा कर देगा. वहीं, जाति आधारित जनगणना पर अब भारतीय जनता पार्टी को भी अपनी नीति स्पष्ट करनी होगी. कांग्रेस का कहना है कि ''वह जाति आधारित जनगणना इसलिए करवाना चाहती है कि जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी होनी चाहिए.''

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