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अब हवलदार पिता अफसर बेटे को करेंगे सैल्यूट, पासिंग आउट परेड के बाद तमन्ना हुई पूरी

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 10, 2023, 9:38 AM IST

Satyam Kumar Singh Became Army Officer देहरादून के भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट हुए सत्यम कुमार सिंह के पिता विनय कुमार हर उस पिता की तरफ बेहद खुश हैं, जिनका बेटा कामयाबी की बुलंदियां छू लेता है. दरअसल, सत्यम के कारण पिता विनय की वो तमन्ना पूरी हो गई है, जिसके लिए उन्होंने अपने बेटे को हर पल मोटिवेट किया. जानिए विनय कुमार सिंह की वो तमन्ना, जो अब जाकर पूरी हुई...

Satyam Kumar Singh passed out
सत्यम कुमार सिंह बना सैन्य अफसर

पिता की तमन्ना हुई पूरी

देहरादून (उत्तराखंड): बिहार के रहने वाले विनय कुमार सिंह अपने बेटे के सेना में अफसर बनने से बेहद उत्साहित हैं. इस खुशी का कारण बेटे सत्यम के बहाने उस तमन्ना का पूरा होना है, जिसका सपना उन्होंने उसके स्कूल जाने के समय से ही देखा था. ये सपना कुछ और नहीं बल्कि, अपने बेटे को एक दिन सैल्यूट मारने का था. यह सपना इस बार आईएमए पासिंग आउट परेड 2023 में पूरा हुआ है. जब उन्होंने अपने बेटे को सैल्यूट किया.

सत्यम कुमार सिंह बना सैन्य अफसर

दरअसल, विनय कुमार सिंह सेना में हवलदार हैं और वो अपने बेटे को सेना में अफसर के रूप में देखना चाहते थे. ताकि एक दिन वो अपने बेटे को सैल्यूट कर सकें. भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से सत्यम कुमार सिंह के पास आउट होने के साथ ही पिता विनय कुमार सिंह की ये तमन्ना पूरी हो गई है. सत्यम सेना में अफसर बन गया है और सालों साल से उनकी सत्यम को लेकर ख्वाहिश भी अब पूरी हो गई है.
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पिता ने बेटे को किया सैल्यूटःईटीवी भारत से बातचीत के दौरान सत्यम कुमार के पिता विनय कुमार सिंह ने बताया कि वो चाहते थे कि पहला सैल्यूट वो खुद अपने बेटे को दें, आज वो तमन्ना उनके बेटे ने उनकी पूरी कर दी है. विनय कुमार सिंह सेना में अफसर के रूप में कठिन टास्क को लेकर कहते हैं कि फौजी के लिए कोई काम मुश्किल नहीं होता और वो ड्यूटी को जिम्मेदारी की तरह निभाता है.
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गौरव की अनुभूति करवाता है सेना की यूनिफॉर्म:वहीं, सत्यम भी अपने पिता की इस भावुक स्थिति को देखकर अपनी भावनाएं रखता है. सत्यम कुमार सिंह कहता है कि उसने आरआईएमसी (RIMC) से पढ़ाई की. बचपन से ही उसका सपना सेना में अफसर बनने का था. जिसके लिए उसका परिवार हमेशा उसे मोटिवेट करता था. सत्यम ने बताया कि सेना की यूनिफॉर्म पहनना ही गौरव की अनुभूति करवाता है और यह एक सम्मान है, जिसे हासिल करके उसे खुशी मिल रही है.

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