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Watch Video: मथुरा में रात 12 बजते ही कृष्ण जन्मोत्सव की धूम, नंद घर आनंद भयो की गूंज

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 8, 2023, 7:05 AM IST

मथुरा में गुरुवार रात 12 बजते ही कृष्ण जन्मोत्सव की धूम शुरू हो गई. हर तरफ नंद घर आनंद भयो की गूंज सुनाई देने लगी. इस दौरान भक्तों की भारी भीड़ मौजूद रही.

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मथुरा: मथुरा में गुरुवार की रात 12:00 बजते ही कृष्ण जन्मोत्सव का उल्लास शुरू हो गया. श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर में भगवान का प्राकट्योत्सव धूमधाम से मनाया गया. नंद के भाई आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की, हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल के उद्घोष के साथ बृजवासी लल्ला के जन्म की बधाई देते हुए नजर आए. इस दौरान भक्तों की भारी भीड़ मौजूद रही.

मथुरा में रात 12 बजते ही कृष्ण जन्मोत्सव का उल्लास शुरू हो गया.


मंदिर श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर के भागवत भवन में रात्रि 12:00 बजे का समय होते ही मंदिर के द्वार खुल गए और भगवान का प्रकटोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. पूरे मंदिर प्रांगण में शंख, घंटा, घड़ियाल झांझ मंजीरा की ध्वनि सुनाई दी. चारों तरफ एक ही आवाज आ रही थी लाला का जन्म हुआ है. जहां एक तरफ मंदिर में भगवान की जय घोष के नारे लग रहे थे तो वहीं दूसरी तरफ फूलों की वर्षा भी होती नजर आई.

रजत कमल पर कान्हा का हुआ अभिषेक.
बृज में नटखट कन्हैया का 5250वां जन्मोत्सव धूम-धाम से मनाया गया. श्री कृष्ण जन्म भूमि परिसर के भागवत भवन में रात्रि 12:00 बजते ही भगवान का जन्म उत्सव मनाया गया. ठाकुर जी को दुग्ध अभिषेक, जल अभिषेक करने के बाद बंगले में विराजमान कराकर महाआरती की गई. ठाकुर जी ने अपने भक्तगणों को दर्शन दिए. दूरदराज से आए श्रद्धालु जन्माष्टमी का पर्व मनाते हुए नजर आ रहे है.
भक्तों की भारी भीड़ दर्शन को उमड़ी.
पुष्प बंगले में विराजमानश्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर के भागवत भवन में जन्माष्टमी के पर्व पर ठाकुरजी पुष्प बंगले में विराजमान हुए. रजत कमल पुष्प में ठाकुर जी का प्रकट उत्सव और अभिषेक किया गया. रजत कामधेनु स्वरूपा गो प्रतिमा से ठाकुर जी का दुग्ध अभिषेक हुआ. 1008 कमल अर्पित किए गएजन्माष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण का प्राकट्य उत्सव 1008 पुष्प कमल से सहस्त्रार्चन से आह्वान किया गया. जन्मोत्सव के समय घंटा घड़ियाल ढोल नगाड़े और झांझ की ध्वनि सुनाई दी. मंदिर परिसर के भागवत भवन में रात 11:00 बजे श्री गणेश नवग्रह पूजन शुरू हुआ. रात 12:00 बजे भगवान का प्राकट्योत्सव मनाया गया. रात 12:15 पर भगवान की महाआरती हुई. रात्रि 12:40 से 12:50 तक शृंगार आरती होने के बाद आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन खुले गए. ये भी पढ़ेंः कंस के कारागार की तरह सजाई गई जन्मभूमि, प्रशासन ने किए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम

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