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न्यूयॉर्क में बोले ईरान के विदेश मंत्री, पश्चिम एशिया में तनाव कम हो - Iranian fm in New York

By IANS

Published : Apr 20, 2024, 7:03 PM IST

Iranian foreign minister in New York,ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीरबदोल्लाहियान ने अपनी अमेरिका यात्रा के अंत में पश्चिम एशिया में तनाव कम करने की बात कही. उन्होंने कहा कि युद्ध और सैन्य तनाव से क्षेत्र में किसी भी पक्ष को कोई लाभ नहीं है. इस वजह से इसका हल ढूंढा जाना चाहिए.

IRANIAN FM HUSSEIN AMIRABDOLLAHIAN
ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीरबदोल्लाहियान

न्यूयॉर्क/तेहरान: इजराइल और ईरान के बीच जारी जैसे को तैसा कार्रवाइयों के बीच ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीरबदोल्लाहियान ने पश्चिम एशिया में तनाव कम करने की वकालत की है. न्यूयॉर्क में शनिवार को ईरानी मीडिया से रू-ब-रू होते हुए उन्होंने यह बात कही.

अमीरबदोल्लाहियान ने कहा, 'युद्ध और सैन्य तनाव से क्षेत्र में किसी भी पक्ष को कोई फायदा नहीं है, इसलिए मौलिक समाधान ढूंढे जाने चाहिए.' उन्होंने कहा कि सभी पक्षों को राजनीतिक समाधान पर ध्यान देने की जरूरत है. अमीराबदोल्लाहियान ने अमेरिका की यात्रा के अंत में कहा कि इजराइल को क्षेत्र में अपने युद्ध अपराध बंद करने होंगे. इसके बाद गाजा संघर्ष में मानवीय सहायता और कैदियों के लिए बंधकों की अदला-बदली संभव हो जाएगी.

संयुक्त राष्ट्र के कई सत्रों में शामिल होने के लिए न्यूयॉर्क दौरे पर आए अमीरबदोल्लाहियन ने इस बात पर जोर दिया कि ईरान शुक्रवार को अपने मध्य इस्फहान प्रांत में सैन्य ठिकानों पर हुए हमलों पर जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा. इस हमले के लिए उसने इजराइल को जिम्मेदार ठहराया है. अमीराबदोल्लाहियान के हवाले से कहा गया, 'इस्फहान के पास मार गिराए गए छोटे ड्रोन से न तो कोई क्षति हुई और न ही कोई हताहत हुआ.' विदेश मंत्री ने हमलों को इजराइल समर्थक मीडिया द्वारा इजराइल का सैन्य प्रभुत्व दिखाने का प्रयास बताया.

बताया जाता है कि उन्होंने कहा था, 'गिराए गए छोटे ड्रोन उन खिलौनों की तरह थे जिनसे हमारे बच्चे खेलते हैं.' लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि ईरान वास्तविक इजराइली हमले का जोरदार और दृढ़ता से जवाब देगा. इस्फहान पर शुक्रवार के हमले, जहां ईरान के परमाणु हथियार उद्योग के प्रमुख स्थल हैं, को व्यापक रूप से पिछले सप्ताहांत में इजराइली क्षेत्र पर ईरानी ड्रोन और मिसाइलों द्वारा बड़े पैमाने पर हमले की प्रतिक्रिया के रूप में देखा गया है. उस हमले को 1 अप्रैल को ईरानी दूतावास परिसर पर हुए हमले की प्रतिक्रिया के रूप में देखा गया था, जिसका श्रेय इजराइल को दिया गया है.

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