ETV Bharat / international

ब्रिटेन में 4 जुलाई को होगा चुनाव, जानें क्या हैं मुद्दे, किनके बीच है लड़ाई - UK Election 2024

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 23, 2024, 2:18 PM IST

UK Election 2024 : ऋषि सुनक ने समय से पहले चुनाव को घोषणा कर दी है. उन्होंने कहा कि अगले पांच के लिए 650 सदस्यों का चुनाव गुरुवार 4 जुलाई को होगा. प्रधानमंत्री ने 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर बारिश से भीगे भाषण में यह घोषणा की.

UK Election 2024
ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक की फाइल फोटो. (AP)

लंदन : पांच साल में होने वाला ब्रिटेन का चुनाव इस बार देश के लिए काफी अहम रहने वाला है. कुछ लोगों का कहना है कि यह सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी के लिए अस्तित्व का सवाल भी पैदा कर सकता है जो 2010 से सत्ता में है. वैश्विक वित्तीय संकट की गहराई के दौरान केंद्र-दक्षिणपंथी परंपरावादियों ने सत्ता संभाली और तब से दो और चुनाव जीते हैं.

लेकिन वे 14 साल चुनौतियों और विवादों से भरे रहे हैं, जिससे टोरीज, जैसा कि वे आमतौर पर जाने जाते हैं, बाएं और दाएं आलोचकों के लिए आसान लक्ष्य बन गए हैं. लेबर पार्टी को को गैर-जिम्मेदाराना खर्च की प्रतिष्ठा से छुटकारा पाने और यह साबित करने में अपनी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा कि उनके पास शासन करने की क्या योजना है.

UK Election 2024
ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक की फाइल फोटो. (AP)

मध्य पूर्व में संघर्ष के कारण दोनों पार्टियां टूट रही हैं, टोरीज को इस्लामोफोबिया के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है और लेबर पार्टी पूर्व नेता जेरेमी कॉर्बिन के तहत पनपे यहूदी विरोधी भावना से खुद को दूर करने के लिए संघर्ष कर रही है.

यहां आगामी चुनाव और दांव पर लगे सबसे बड़े मुद्दों पर एक नजर

यूनाइटेड किंगडम में चुनाव कब है? प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने चुनाव की तारीख 4 जुलाई निर्धारित की, जो अपेक्षित समय से कई महीने पहले है. उनके पास चुनाव कराने के लिए दिसंबर तक का समय था, जिसे 28 जनवरी, 2025 तक बढ़ाया जा सकता था. बता दें कि यूके में चुनाव की तारीखें सत्तारूढ़ दल अपनी सुविधा के अनुसार तय कर सकता है.

लंदन स्थित थिंक टैंक इंस्टीट्यूट फॉर गवर्नमेंट ने कहा था कि पहले यह उम्मीद थी कि शरद ऋतु के दौरान जब चुनाव को प्रभावित करने वाले आर्थिक कारकों में सुधार होने के बाद चुनाव कराये जायेंगे. लेकिन बुधवार को अनुकूल आर्थिक समाचार ने कहानी बदल दी. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, यूके में मुद्रास्फीति घटकर 2.3 प्रतिशत पर आ गई.

UK Election 2024
ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक की फाइल फोटो. (AP)

मतदान कैसे कार्य करता है? पूरे यूनाइटेड किंगडम में लोग पांच साल तक की अवधि के लिए हाउस ऑफ कॉमन्स के सभी 650 सदस्यों को चुनेंगे. जिस पार्टी को कॉमन्स में अकेले या गठबंधन में बहुमत मिलेगा, वह अगली सरकार बनाएगी और उसका नेता प्रधान मंत्री होगा. इसका मतलब है कि नतीजे सरकार की राजनीतिक दिशा तय करेंगे, जिसका नेतृत्व पिछले 14 वर्षों से केंद्र-दक्षिणपंथी परंपरावादियों की ओर से किया जा रहा है. व्यापक तौर पर मध्य-वामपंथी लेबर पार्टी सबसे मजबूत स्थिति में देखी जा रही है.

लड़ाई में कौन-कौन हैं: पूर्व ट्रेजरी प्रमुख सुनक, जो अक्टूबर 2022 से प्रधान मंत्री हैं चुनाव में अपनी पार्टी का नेतृत्व करेंगे. उनके प्राथमिक प्रतिद्वंद्वी कीर स्टार्मर होंगे, जो इंग्लैंड में सार्वजनिक अभियोजन के पूर्व निदेशक और अप्रैल 2020 से लेबर पार्टी के नेता हैं. किसी भी पार्टी या गठबंधन को स्पष्ट बहुमत ना मिलने की स्थिति में अन्य पार्टियां, जिनमें से कुछ के पास मजबूत क्षेत्रीय समर्थन है, गठबंधन सरकार बनाने के लिए महत्वपूर्ण हो सकती हैं.

UK Election 2024
ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक की फाइल फोटो. (AP)

स्कॉटिश नेशनल पार्टी, जो स्कॉटिश स्वतंत्रता के लिए अभियान चलाती है, लिबरल डेमोक्रेट और डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी, जो ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड के बीच संबंध बनाए रखना चाहती है, वर्तमान में कंजर्वेटिव और लेबर के बाद संसद में तीन सबसे बड़ी पार्टियां हैं. कई पर्यवेक्षकों का सुझाव है कि टोरी विद्रोहियों की ओर से गठित नई रिफॉर्म पार्टी कंजर्वेटिवों से वोट छीन सकती है.

दांव पर कौन से बड़े मुद्दे हैं?

अर्थव्यवस्था: ब्रिटेन उच्च मुद्रास्फीति और धीमी आर्थिक वृद्धि से जूझ रहा है. इन दोनों आर्थिक स्थितियों ने ब्रिटेन के लोगों की जेब पर गहरा प्रभाव डाला है. कंजर्वेटिव मुद्रास्फीति को आधा करने के अपने लक्ष्य को पूरा करने में सफल रहे, जो अक्टूबर 2022 में 11.1% पर पहुंच गई थी. लेकिन 2023 के आखिरी छह महीनों में अर्थव्यवस्था तकनीकी रूप से मंदी के कगार पर पहुंच गई थी जिससे सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े हो गये.

आप्रवासन: हाल के वर्षों में हजारों शरण चाहने वालों और आर्थिक प्रवासियों ने कमजोर फुलाने वाली नावों में इंग्लिश चैनल पार किया है, जिससे यह चिंता बढ़ गई है कि सरकार ने ब्रिटेन की सीमाओं पर नियंत्रण खो दिया है. नावों को रोकने के लिए कंजर्वेटिवों की हस्ताक्षर नीति इन प्रवासियों में से कुछ को रवांडा में निर्वासित करने की योजना है. आलोचकों का कहना है कि यह योजना अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करती है, अमानवीय है और युद्ध, अशांति और अकाल से भागने वाले लोगों को रोकने के लिए कुछ नहीं करेगी.

स्वास्थ्य सेवा: ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा, जो सभी को मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करती है, दंत चिकित्सा देखभाल से लेकर कैंसर के इलाज तक हर चीज के लिए लंबी प्रतीक्षा सूची से ग्रस्त है. अखबार ऐसी कहानियों से भरे रहते हैं कि गंभीर रूप से बीमार मरीजों को एम्बुलेंस के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है, या अस्पताल के बिस्तर के लिए उससे भी अधिक समय तक इंतजार करना पड़ता है.

पर्यावरण: सुनक पर्यावरणीय प्रतिबद्धताओं की एक श्रृंखला से पीछे हट गए हैं, उन्होंने गैसोलीन और डीजल से चलने वाले यात्री वाहनों की बिक्री को समाप्त करने और उत्तरी सागर में नए तेल ड्रिलिंग को अधिकृत करने की समय सीमा को पीछे धकेल दिया है. आलोचकों का कहना है कि ये गलत नीतियां हैं खाततौर से तब जब दुनिया जलवायु परिवर्तन से निपटने की कोशिश कर रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.