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Uttarakhand Election: गंगोलीहाट विधानसभा में बीजेपी-कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर, क्या इस बार टूटेगा मिथक ?

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Published : Feb 4, 2022, 11:24 AM IST

Gangolihat Assembly seat uttarakhand
गंगोलीहाट विधानसभा में बीजेपी-कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर

बीजेपी और कांग्रेस के दोनों पूर्व विधायक टिकट कटने से अंदरखाने नाराज हैं. चुनाव प्रचार में कहीं भी दोनों पूर्व विधायक नारायण राम आर्या और मीना गंगोला खुलकर नहीं दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में इस बार चुनाव के परिणाम में दोनों दलों के पूर्व विधायकों की अहम भूमिका रहेगी.

बेरीनाग: दो विकास खंडों और चार तहसीलों वाली गंगोलीहाट विधानसभा में अब चुनावी बयार नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक चल रही है. विधानसभा के हर क्षेत्र में बीजेपी और कांग्रेस के कार्यकर्ता अपने प्रत्याशियों के पक्ष में चुाव प्रचार में जुटे हैं. यहां बीजेपी ने पूर्व जिला पंचायत सदस्य पूर्व दर्जा मंत्री फकीर राम टम्टा को अपना प्रत्याशी बनाया है तो कांग्रेस ने पूर्व दर्जा मंत्री खजान गुड्डू को प्रत्याशी बनाया है. इन दोनों दलों के प्रत्याशियों को टिकट मिलने के बाद शुरुआती दिनों में विरोध में भी झेलना पड़ा.

बीजेपी से निर्वतमान विधायक मीना गंगोला ने टिकट न मिलने पर अपनी नारजगी जताई तो कांग्रेस के दो बार के विधायक रहे नारायण राम आर्या ने टिकट नहीं मिलने पर नाराजगी जताई. हालांकि, बाद में सब मैनेज हो गया लेकिन इन दोनों नाराज नेताओं का खुलकर प्रचार नहीं करना भी बड़े सवाल खड़े कर रहा है. आखिर कैसे घर बैठे अपनी राजनीति की गोटियां बैठा रहे होंगे ?.

बीजेपी और कांग्रेस ने बारी-बारी से किया राज: गंगोलीहाट विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस ने बारी बारी से राज किया है. गंगोलीहाट विधानसभा में कांग्रेस का वोट बैंक आज तक के विधानसभा चुनावों में अधिक देखने को मिला है. बीजेपी 2007 और 2017 में जब यहां पर चुनाव जीती है तो तब कांग्रेस के बागवती प्रत्याशियों की अहम भूमिका रही. कांग्रेस और बीजेपी की आमने सामने के सीधी टक्कर में आज तक यह सीट बीजेपी की झोली में नहीं आई लेकिन इस बार बीजेपी के लिए यह सीट जीतना पार्टी के लिए नाक का सवाल बना हुआ है.

वहीं, वर्तमान में सीटिंग विधायक का टिकट काटकर वरिष्ठ भाजपा नेता को यहां पर टिकट दिया गया. जबकि, कांग्रेस के लिए भी इस सीट को बचाना अहम होगा. क्योंकि दो बार के पूर्व विधायक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता का टिकट काटकर युवा कांग्रेसी नेता को इस बार प्रत्याशी बनाया हुआ है. दोनों दलों के कार्यकर्ता अपने प्रत्याशियों को जीतने का दम भर रहे हैं लेकिन वर्तमान में जिस तरह से प्रचार किया जा रहा है दोनों मेें कांटे टक्कर बनी हुई है.

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सीएम धामी ने की जनसभा: बीते दिन बीजेपी ने अपनी यहां पर सीएम पुष्कर सिंह धामी की चुनावी रैली के बहाने भीड़ जुटाकर अपने पक्ष में माहौल करने की कोशिश की और आने वाले दिनों में कई स्टार प्रचारक गंगोलीहाट विधानसभा के विभिन्न क्षेत्रों में पार्टी के पक्ष में माहौल बनाएंगे लेकिन कांग्रेस के कार्यकर्ता अभी भी घर-घर जाकर प्रचार कर रहे हैं. यहां कांग्रेस की कोई बड़ी चुनावी सभा और ना ही कोई बड़ा काग्रेसी नेता यहां आया है.

दोनों के बीच कांटे की टक्कर: इस सीट में बीजेपी ने चुनाव जीतने के लिए मतदाता सूची में पन्ना प्रमुख तक बना दिये हैं. बीजेपी कार्यकर्ता पिछले दो वर्षों से लगातार चुनाव की तैयारी में लगे थे. बीजेपी का संगठन मजबूत होने के साथ केन्द्र और राज्य में बीजेपी सरकार का लाभ भी यहां प्रत्याशी को मिल सकता है. जबकि, कांग्रेस ने सभी बूथों पर पहले 10 युवाओं की टीम तैयार की थी जो अब अपने बूथों को मजबूत कर रहे हैं. ऐसे में दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों में से किसी को भी कम नहीं आंका जा सकता है.

वहीं, बेरीनाग विकास खंड को प्रदेश गठन के बाद पहली बार विधायक मिलेगा. भले चाहे वह बीजेपी का हो या कांग्रेस का. बीते चुनावों पर नजर डालें तो 2002 के विधानसभा चुनाव में नारायण राम आर्या गणाई गंगोली, 2007 में जोगा राम टम्टा गंगोलीहाट, 2012 में नारायण राम आर्य गणाई गंगोली, 2017 में मीना गंगोला गणाई गंगोली से विधायक थी. इस बार गंगोलीहाट विधानसभा में 52,595 पुरुष, 49,592 महिला और एक ट्रांसजेंडर मतदाता हैं. ऐसे में यहां कुल मतदाताओं की संख्या 102,188 है, जबकि 151 पोलिंग बूथ हैं.

गणाई गंगोली क्षेत्र में निराशा: राज्य गठन के बाद गणाई गंगोली से तीन बार विधायक रहे हैं. गणाई गंगोली को कांग्रेस और भाजपा दोनों के विधायक बने और गणाई गंगोली का विधायक होने के कारण गणाई गंगोली छोटे से कस्बे को तहसील, महाविद्यालय, पॉलिटेक्निक कॉलेज सहित कई विकास कार्य हुए. ऐसे में इस बार में बीजेपी से मीना गंगोला और कांग्रेस से नारायण राम आर्या दोनों ही विधायक के प्रबल दावेदार थे लेकिन दोनों का टिकट कट गया. जिससे गणाई गंगोली से प्रत्याशी न बनाए जाने पर यहां के लोगों में निराशा भी देखने को मिल रही है.

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मिथक बना रहेगा या टूटेगा इस बार: गंगोलीहाट सीट से प्रदेश में बनने वाली सरकार का मिथक जुड़ा हुआ है. यहां से जब जिस पार्टी का विधायक बना, उस पार्टी की प्रदेश में सरकार बनी है. अब इस बार यह मिथक टूटेगा या बना रहेगा. यह बहुत बड़ा चर्चा का विषय बना हुआ है. राजनीतिकारों का कहना इस बार मिथक में बदलाव हो सकता है.

स्थानीय मुददें ही गायब: इस विधानसभा चुनाव में इस बार स्थानीय मुद्दे गायब दिखाई दे रहे हैं. बीजेपी जहां केन्द्र की मोदी और राज्य सरकार के कार्यों को जनता के बीच रख रही है तो वहीं, कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी के मुद्दों को मतदाताओं के बीच में रख रही है. ऐसे में स्थानीय मुद्दे दोनों राजनीतिक दलों के एजेंडे से गायब हैं. जबकि, कांग्रेस के प्रत्याशी ने इस सीट के लिए घोषणा-पत्र जनता के बीच रख दिया है.

पूर्व विधायकों की अहम भूमिका: बीजेपी और कांग्रेस के दोनों पूर्व विधायक टिकट कटने से अंदरखाने नाराज हैं. चुनाव प्रचार में कहीं भी दोनों पूर्व विधायक नारायण राम आर्या और मीना गंगोला खुलकर नहीं दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में इस बार चुनाव के परिणाम में दोनों दलों के पूर्व विधायकों की अहम भूमिका रहेगी.

पहली बार मिलेगा बेरीनाग को अपना विधायक: राज्य गठन के बाद हुए विधानसभा चुनावों में पहली बार बेरीनाग विकास खंड को अपना विधायक मिलेगा. बीजेपी प्रत्याशी फकीर राम टम्टा चौड़मन्या के नगौर क्षेत्र के रहने वाले हैं और कांग्रेस प्रत्याशी खजान गुड्डू बेलकोट गांव के रहने वाले हैं. हालांकि, दोनों ही प्रत्याशियों का हल्द्वानी के दमवाढूंगा में भी निवास है. वहीं, इस सीट से यूकेडी के प्रत्याशी बेरीनाग निवासी पूर्व प्रधानाचार्य हरी प्रसाद लोहिया और आप प्रत्याशी बबीता चंद भी चुनाव मैदान में हैं. ऐसे में सभी प्रत्याशी इनदिनों क्षेत्र के मतदाताओं को रिझाने का काम रहे हैं.

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