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कोटद्वार: एक साल में चार SDM के तबादले, स्थानीय लोगों में आक्रोश

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Published : Aug 2, 2019, 9:09 AM IST

कोटद्वार तहसील में एक साल में चार उप जिलाधिकारियों का तबादला हो चुका है, जिसके चलते स्थानीय लोगों में रोष है. वहीं, लगातार हो रहे एसडीएम के तबादलों से आलाधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.

कोटद्वार तहसील, Kotdwar tehsil

कोटद्वार: पिछले एक साल में कोटद्वार तहसील में चार उप जिलाधिकारियों का तबादला हुआ है, जो चर्चा का विषय बना हुआ है. तबादले से स्थानीय लोगों में नाराजगी देखने को भी मिल रही है. लोगों का आरोप है कि लगातार उप जिलाधिकारी के तबादले के पीछे भूमाफिया और ऊंचा रसूख रखने वालों का हाथ है. ऐसे में नगर के सभी विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं.

कोटद्वार तहसील में एक साल में पांच उपजिलाधिकारियों का तबादला.

वहीं, स्थानीय निवासियों द्वारा एक साल में चार उप जिलाधिकारियों के तबादले का कारण अवैध कारोबार करने वालों की ऊंची राजनीति पहुंच होना बताया जा रहा है.

स्थानीय निवासी महेश नेगी का कहना है कि जबतक एक उप जिलाधिकारी कोटद्वार तहसील क्षेत्र की परिस्थितियों को समझने की कोशिश करता है. तब तक खनन माफिया, भूमाफिया और शराब माफिया और ऊंची राजनीतिक पहुंच रखने वाले लोग उनका ट्रांसफर करवा देते हैं. जिसका खामियाजा कोटद्वार की जनता को भुगतना पड़ता है. कोटद्वार उप जिलाधिकारी के पास नगर आयुक्त का अतिरिक्त पदभार भी होता है. जिस कारण नगर निगम के विकास कार्य भी ठप पड़े रहते हैं.

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वहीं, पार्षद नईम अहमद का भी कहना है कोटद्वार तहसील के उप जिलाधिकारियों का लगातार तबादला होने से नगर निगम के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं, सड़कों का टेंडर रुके हुए हैं. क्षेत्र की जनता को भारी परेशानी हो रही है.

उपजिलाधिकारियों के कार्यकाल

  • राकेश चंद तिवारी 28 सितंबर 2016 से 6 जुलाई 2018 तक
  • कमलेश मेहता 7 जुलाई 2018 से 16 जनवरी 2019 तक
  • अनिल चन्याल 16 जनवरी 2019 से 26 फरवरी 2019 तक
  • मनीष कुमार सिंह 27 फरवरी 2019 से 29 जुलाई 2019 तक
  • योगेश मेहता 30 जुलाई 2019
Intro:summary कोतद्वार तहसील में एक साल में 5 उपजिलाधिकारी का आना अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है, एक के बाद एक उपजिलाधिकारी के हस्तांतरण के कारण स्थानीय लोगों के कामकाज पर फर्क पड़ा, तो नगर निगम के विकास कार्य भी ठप पड़े रहे।


intro कोटद्वार तहसील में एक साल में चार उपजिलाधिकारियों का तबादला होना आजकल बाजार में चर्चाओ का विषय बना हुआ है हर किसी की जुबां पर है कि आखिर क्यों उप जिलाधिकारियों का तबादला किया गया, वहीं स्थानीय लोगों में लगातार उप जिलाधिकारियों के तबादले से नाराजगी भी देखने को मिल रही है लगातार उपजिलाधिकारी बदले जाने से पीसीएस अधिकारियों के पद की गरिमा का भी क्षरण हो रहा है, निगम के विकास कार्य ठप पड़े हैं। वहीं स्थानीय निवासियों के द्वारा उपजिलाधिकारीयो के हस्तांतरण का कारण अवैध रूप से कारोबार करने वालों की ऊंची राजनीति पहुंच होना बताया जा रहा है



उपजिलाधिकारियों के कार्यकाल

राकेश चंद तिवारी 28 सितंबर 2016 से 6 जुलाई 2018 तक
कमलेश मेहता 7 जुलाई 2018 से 16 जनवरी 2019 तक
अनिल चन्याल16 जनवरी 2019 से 26 फरवरी 2019 तक
मनीष कुमार सिंह 27 फरवरी 2019 से 29 जुलाई 2019 तक
योगेश मेहता 30 जुलाई 2019 से


Body:वीओ1- बता दे कि कोटद्वार तहसील से उप जिलाधिकारियों के हस्तांतरण विधि कार्यो व जनप्रतिनिधियों के अवैधानिक कार्यों को न किए जाने के कारण किए जा रहे हैं, ऐसे में अधिकारियों का कार्य करने का मनोबल भी गिरता जा रहा है, हालांकि यह सुखद संकेत है कि पीसीएस अधिकारियों ने अवैधानिक कार्य करने की वजह अपने हस्तांतरण को प्राथमिकता प्रदान की, विगत 1 वर्ष में योगेश मेहता पांचवे उप जिलाधिकारी है जबकि बरसात के मौसम में कोटद्वार को हाई अलर्ट घोषित किया हुआ है ऐसे में अधिकारी को पारस्परिक सहमति के आधार पर हस्तांतरण कर कोटद्वार नियुक्त करना इस बात का द्योतक है कि ना तो नेताओं को और ना ही सचिवालय में बैठे अधिकारियों को कोटद्वार की जनता के जीवन मरण से कोई लेना देना है।


वीओ2- स्थानीय निवासी महेश नेगी ने कहा कि वर्तमान में कुछ समय से जितने भी उपजिलाधिकारी कोटद्वार में आए हैं वह लंबे समय तक कोटद्वार तहसील में नहीं टिक पा रहे हैं जबकि नियमों के तहत एक अधिकारी व कर्मचारी को एक जगह पर 3 साल तक सेवा देने का प्रावधान है लेकिन कोटद्वार तहसील में 1 साल के अंतर्गत 4 उप जिलाधिकारियों का तबादला होना एक जांच का विषय है, पांचवे उपजिलाधिकारी कोटद्वार में कार्यरत है जो भी उपजिलाधिकारी कोटद्वार पहुंचकर यहां की भौगोलिक स्थिति को समझ पाता है और अवैध रूप से कारोबार करने वालों की जानकारी प्राप्त करता है वैसे ही उसे अवैध रूप से कारोबार करने वाले खनन माफिया, भूमाफिया, शराब माफिया ऊंची राजनीति पहुंच रखने वाले उनका हस्तांतरण करवा देते हैं इसका खामियाजा कोटद्वार की जनता को भुगतना पड़ता है कोटद्वार उप जिलाधिकारी के पास कोटद्वार निगम का अतिरिक्त नगर आयुक्त का पद भी होता है जिस कारण नगर निगम के विकास कार्य भी ठप पड़े रहते हैं
बाइट महेश नेगी

वीओ3- वही स्थानीय पार्षद नईम अहमद का कहना है कि 2 दिसंबर 2018 को नगर निगम के पार्षदों ने शपथ ग्रहण की थी, उस समय तत्कालीन उपजिलाधिकारी व नगर आयुक्त कमलेश मेहता थे, उन्होंने 2 बोर्ड बैठकों में भाग लिया था, उसके बाद उनका हस्तांतरण हो गया था, फिर चिनियाल जी उपजिलाधिकारी आए उनका भी एक महीने के अंतर्गत हस्तांतरण कर दिया गया, जो भी उपजिलाधिकारी कोटद्वार पहुंचकर कोटद्वार की भौगोलिक स्थिति को समझ पाता और नगर निगम के एक्ट को समझ पाता तब तक उसका हस्तांतरण कर दिया जाता है, जिसके चलते ही नगर निगम के विकास कार्य ठप पड़े हुए है, सड़कों का टेंडर रुके हुए है, क्षेत्र की जनता को भारी परेशानी हो रही है।

बाइट नईम अहमद


Conclusion:
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