ETV Bharat / state

हल्द्वानी महिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड बंद, गर्भवती महिलाओं के साथ हो रहा 'खेल'

author img

By

Published : Jun 11, 2022, 11:38 AM IST

कुमाऊं के सबसे बड़े महिला अस्पताल हल्द्वानी में अल्ट्रासाउंड की सुविधा ठप पड़ी हुई है. जिसका फायदा प्राइवेट लैब और अस्पताल उठा रहे हैं. बताया जा रहा है कि आशा वर्कर अल्ट्रासाउंड कराने आ रहीं गर्भवती महिलाओं को बहला फुसलाकर प्राइवेट अस्पताल ले जा रही हैं. जहां उनसे मोटी रकम लेकर अल्ट्रासाउंड करवा जा रहा है.
Haldwani Women Hospital
हल्द्वानी महिला अस्पताल

हल्द्वानी: कुमाऊं का एकमात्र महिला अस्पताल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. आलम ये है कि हल्द्वानी के इस 100 बेड वाले हाइटेक अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन ठप है. यहां एक अदद रेडियोलॉजिस्ट तक तैनात नहीं है. ऐसे में गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं मिल पा रही है. लिहाजा, मरीजों को अल्ट्रासाउंड कराने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. साथ ही अल्ट्रासाउंड के लिए प्राइवेट अस्पतालों की ओर रुख करने पर उन्हें जेब भी ढीली करनी पड़ रही है.

बता दें कि कुमाऊं के सबसे बड़े राजकीय महिला अस्पताल हल्द्वानी (Government Women Hospital Haldwani) में रोजाना 10 से 15 महिलाओं का डिलीवरी होती है. इसके अलावा 150 से 200 महिलाएं रोजाना ओपीडी के लिए पहुंचती हैं. गर्भवती महिलाएं इलाज के लिए पहाड़ के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों से भी आती हैं, लेकिन यहां पर अल्ट्रासाउंड मशीन के रेडियोलॉजी तैनात न होने के चलते उनके अल्ट्रासाउंड नहीं हो पा रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः पिथौरागढ़ जिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट नहीं, गर्भवती महिलाएं परेशान

बताया जा रहा है कि अस्पताल में दो अल्ट्रासाउंड रेडियोलॉजी के पद हैं, लेकिन दोनों पद खाली हैं. अस्थायी तौर पर एक डॉक्टर को पदमपुरी अस्पताल से महिला अस्पताल को अटैच किया गया है, लेकिन पिछले कई दिनों से रेडियोलॉजिस्ट के छुट्टी पर चले जाने या अन्य तकनीकी दिक्कतों के चलते महिलाओं का अल्ट्रासाउंड नहीं हो पा रहा है. ऐसे में गर्भवती महिलाओं को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. जिसका फायदा आशा वर्कर उठाकर उनको निजी अस्पताल तक ले जाती हैं और वहां पर कमीशन के चक्कर में मरीजों से मोटी रकम वसूली जाती है.

आशा वर्करों की प्राइवेट अस्पताल से साठगांठः गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड के नाम पर आशा वर्कर और निजी अस्पतालों का कमीशन का खेल भी चल रहा है. आरोप है कि आशा वर्कर गर्भवती महिलाओं को बहला-फुसलाकर निजी अस्पताल तक ले जा रही हैं. जहां पर उनका अल्ट्रासाउंड करवाया जाता है. जिसके चलते गर्भवती महिलाओं को निशुल्क कराए जाने वाले अल्ट्रासाउंड के लिए भारी-भरकम रकम चुकानी पड़ रही है.

ये भी पढ़ेंः दून अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति नहीं, जानिए कारण

इतना ही नहीं राजकीय महिला अस्पताल हल्द्वानी में लैब टेक्नीशियन न होने से महिलाओं को अपने अन्य टेस्ट भी बाहर से कराने पड़ रहे हैं. इसकी शिकायत कई बार मुख्य चिकित्सा अधिकारी से भी की चुकी है, लेकिन कोई सुन नहीं रहा है. ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी गरीब गर्भवती महिलाओं का उठानी पड़ रही है, जो अल्ट्रासाउंड की भारी भरकम रकम को नहीं चुका पाती हैं.

क्या बोलीं सीएमओ ऊषा जंगपांगी? महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधिकारी ऊषा जंगपांगी (CMO Usha Jangpangi) भी मान रही हैं कि गर्भवती महिलाओं से अल्ट्रासाउंड के नाम पर आशा वर्कर कमीशन का खेल खेल रही हैं. उन्होंने बताया कि महिला अस्पताल में आने वाली गर्भवती महिलाओं का निशुल्क में अल्ट्रासाउंड किया जाता है, लेकिन अल्ट्रासाउंड के लिए उन्हें बेस अस्पताल भेजा जा रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.