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बच्ची से दुष्कर्म के दोषी की फांसी की सजा बरकरार, हत्या के बाद दफना दिया था शव

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Published : Jan 7, 2020, 8:40 PM IST

Updated : Jan 7, 2020, 10:04 PM IST

सहसपुर में बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने देहरादून की पॉक्सो कोर्ट के फैसले फांसी की सजा को बरकरार रखा है.

nainital high court
nainital high court

नैनीतालः 2018 में देहरादून के सहसपुर में बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने देहरादून की पॉक्सो कोर्ट के फैसला को सही मानते हुए दोषी जयप्रकाश को फांसी की सजा को बरकरार रखा है.

मामला 28 नवंबर 2018 को देहरादून के पछवादून का है. शिवालिक इंजीनियरिंग कॉलेज की निर्माणाधीन भवन में बच्ची का परिवार और दोषी जयप्रकाश अगल-बगल रहते थे. बच्ची के पिता और जयप्रकाश दोनों मजदूरी का काम करते थे. बताया जा रहा है कि 28 नवंबर 2018 को बच्ची संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई.

बच्ची से दुष्कर्म और हत्या में दोषी की पुनर्विचार याचिका खारिज.

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बच्ची के पिता ने कोतवाली सहसपुर में मुकदमा दर्ज करवाया और तहरीर के आधार पर पुलिस ने पूछताछ की. शक के आधार पर जयप्रकाश को हिरासत में लिया गया. पूछताछ में जयप्रकाश ने बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या की बात कबूली. जयप्रकाश की निशानदेही पर पुलिस ने बच्ची के शव को आरोपी की झोपड़ी से गड्ढे से बरामद किया. जिसके बाद पुलिस ने मामले में जांच कर सबूतों के आधार पर जयप्रकाश के खिलाफ चार्जशीट दायर कर पॉक्सो कोर्ट में पेश की. कोर्ट ने सबूतों के आधार पर जयप्रकाश को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी.

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फांसी की सजा के खिलाफ जयप्रकाश ने नैनीताल हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायाधीश आलोक सिंह और न्यायाधीश रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ ने देहरादून की पॉक्सो कोर्ट के फैसले को सही मानते हुए आरोपी को फांसी की सजा को बरकरार रखा है.

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हत्या और रेप के आरोपी की फांसी की सजा।

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देहरादून के सहसपुर में बीते साल नाबालिक बच्ची के साथ रेप और उसकी हत्या के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने देहरादून की पास्को कोर्ट के फैसला सही मानते हुए आरोपी जयप्रकाश को फांसी की सजा देने पर मोहर लगाई है।


Body:आपको बता दें कि बीते 28 नवंबर 2018 को शिवालिक इंजीनियरिंग कॉलेज की निर्माणाधीन भवन में पीड़ित बच्ची का परिवार और आरोपी पड़ोस में रहते थे, और बच्ची के पिता और आरोपी दोनों मजदूरी का काम करते थे, 28 नवम्बर 2018 को बच्ची संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई, जिसके बाद बच्ची के पिता ने कोतवाली सहसपुर में मुकदमा दर्ज करवाया और की तहरीर के आधार पर पुलिस ने पूछताछ की ओर शक के आधार पर आरोपी जयप्रकाश को हिरासत में लिया, पूछताछ में जयप्रकाश ने बच्ची के साथ रेप और हत्या की बात कबूली, और पुलिस ने बच्ची के शव को आरोपी की झोपड़ी से गड्ढे से बरामद करा था।


Conclusion:जिसके बाद पुलिस ने मामले में जांच कर सबूतों के आधार पर आरोपी खिलाफ चार्जशीट दायर कर कोर्ट में पेश की और कोर्ट ने रेप और हत्या के मामले में सबूतों के आधार पर जयप्रकाश को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी,
जिसके बाद पोक्सो कोर्ट ने फांसी की सजा को नैनीताल हाईकोर्ट मैं रिफरेंस के लिए भेजा था और आज मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश आलोक सिंह और न्यायाधीश रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ ने देहरादून की पोक्सो कोर्ट के फैसले को सही मानते हुए आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है।

बाईट- विनोद कुमार जेमिनी, अपर महाधिवक्ता हाई कोर्ट।
Last Updated :Jan 7, 2020, 10:04 PM IST
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