ETV Bharat / state

आपदा भी नहीं हिला पाई बाबा के इस धाम की नींव, आस्था से जोड़कर देख रहे लोग

author img

By

Published : May 13, 2021, 8:33 AM IST

Updated : May 13, 2021, 1:39 PM IST

कैंची धाम
कैंची धाम

नैनीताल के कैंची धाम में बादल फटने के बाद भी मंदिर को कोई नुकसान नहीं हुआ. लोग इसे आस्था की नजर से देख रहे हैं.

नैनीताल: उत्तराखंड को देवभूमि यूं ही नहीं कहा जाता है, बल्कि यहां कई मौकों पर इस बात का प्रमाण भी मिला है. उत्तराखंड में बड़ी से बड़ी दैवीय आपदा भी दूर हो जाती है. ऐसा ही एक नजारा देखने को मिला जब नैनीताल के विश्व प्रसिद्ध कैंची धाम की पहाड़ी पर जहां दो बार बादल फटने की घटना के बावजूद मंदिर परिसर में मामूली नुकसान हुआ है. स्थानीय लोग इस घटना को आस्था की नजर से देख रहे हैं.

बता दें कि बीते दिन नैनीताल के भवाली के पास बादल फट गया जिससे इलाके में भारी बारिश के साथ ही मलबा अल्मोड़ा को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे पर आ गया. साथ ही इसकी चपेट में हाई-वे पर स्थित बाबा नीम करोली का प्रसिद्ध कैंची धाम भी आ गया. बादल फटने से मंदिर के चारों ओर मलबे का ढेर लग गया, लेकिन मंदिर के अंदर किसी भी भवन, गुफा समेत मुख्य मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा.

लोग इसे बाबा नीम करौली का एक और चमत्कार मान रहे हैं. ऐसा नहीं है कि ये पहली बार हुआ है बल्कि नीम करौली बाबा के कई किस्से हैं जिसने उन्हें न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी ख्याति दी है. भक्तों की आस्था ऐसी कि हर साल लाखों की संख्या में देशी-विदेशी भक्त दूर-दूर से नैनीताल के कैंची धाम पहुंचकर बाबा नीम करौली के दर्शन करते हैं.

कैंची धाम पर लगने वाले मेले पर कोरोना का साया

पिछले साल की तरह इस बार भी कैंची धाम पर आयोजित होने वाला मेला रद्द कर दिया गया है. इस बार कैंची धाम का 57वां स्थापना दिवस 15 जून को सादगी के साथ मनाया जाएगा. मंदिर प्रशासन ने कोरोना संक्रमण के चलते यह फैसला लिया है. कैंची धाम के 57 साल के इतिहास में दूसरी बार ऐसा हुआ है जब मेले का आयोजन नहीं होगा.

विदेशों से भी पहुंचते हैं भक्त

हर साल 15 जून को कैंची मंदिर के स्थापना दिवस पर मेले का आयोजन किया जाता है. जिसमें करीब 1 से 2 लाख श्रद्धालु बाबा के दर्शन को मंदिर में आते हैं. जिसमें सबसे ज्यादा विदेशी भक्त कनाडा, यूएस, जर्मनी, फ्रांस समेत अनेक देशों से यहां पहुंचते हैं. लेकिन इस बार कोरोना की वजह से मेला आयोजित नहीं होगा.

बाबा को माना जाता है हनुमान का अवतार

बाबा नीम करोली महाराज को हनुमान जी का अवतार माना जाता है. मंदिर के बारे में कहा जाता है कि स्थानीय निवासी धर्मानंद तिवारी नैनीताल से घर लौट रहे थे तभी उन्हें रास्ते में काफी देर हो गई. धर्मानंद तिवारी को रास्ते में डर सताने लगा. तभी बाबा ने अचानक दर्शन देकर उनसे कहा कि बेटा तुम घबराओ नहीं तुम्हें गाड़ी मिल जाएगी. कुछ देर बाद धर्मानंद को गाड़ी मिल गई. जिसके बाद धर्मानंद ने बाबा से पूछा आप कौन हैं और अब कब दर्शन देंगे. तब बाबा ने उन्हें 20 साल बाद दर्शन देने की बात कहकर वहां से ओझल हो गए.

जिसके ठीक 20 साल बाद बाबा ने उन्हें दर्शन दिए थे और कैंची में ही मंदिर बनाकर रहने की इच्छा जाहिर की थी. जिसके बाद 15 जून को ही बाबा के मंदिर का निर्माण कराया था. इसलिए 15 जून को बाबा नीम करौली धाम में हर साल मेला लगता है. बताया जाता है कि बाबा के भक्तों में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का नाम भी शामिल है. ओबामा के चुनाव से पहले अमेरिका से एक दल मंदिर आया था और उन्होंने ओबामा की जीत के लिए हनुमान चालीसा का पाठ किया था.

बड़ी-बड़ी हस्तियां भी खुद को यहां आने से नहीं रोक पाई
बता दें कि बाबा नीम करौली महाराज के भक्तों में एप्पल के सीईओ स्टीव जॉब्स,फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग सहित कई हॉलीवुड की अभिनेत्रियां शामिल हैं.

पढ़ें: कोरोना से लड़ने आगे आईं इंदिरा, नगर निगम को सैनिटाइजेशन के लिए दिए 10 लाख

कहा जाता है कि जब जुकरबर्ग असमंजस की स्थिति में थे और उनका कारोबार नुकसान में था तो उस समय जुकरबर्ग बाबा नीम करौली धाम पहुंचे और फिर सबकुछ ठीक हो गया. स्टीव जॉब्स और मार्क जुकरबर्ग की तरह बाबा के ऐसे लाखों भक्त हैं, जिनकी मुराद बाबा के दरबार में आकर पूरी हुई है.

Last Updated :May 13, 2021, 1:39 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.