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हॉस्पिटल में जच्चा-बच्चा की मौत, परिजनों का हंगाम, मौत से पहले मरीज को डांटने का वीडियो वायरल

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Published : Jun 1, 2022, 6:34 PM IST

Updated : Jun 1, 2022, 8:03 PM IST

हरिद्वार के योग माता पायलट बाबा अस्पताल में इलाज के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत हो गई. इसी को लेकर परिजनों ने हॉस्पिटल प्रबंधन के खिलाफ हंगाम किया. उनका आरोप है कि जच्चा-बच्चा की मौत डॉक्टरों की लापरवाही के कारण हुई है.

Haridwar
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हरिद्वार: कनखल थाना क्षेत्र में स्थिति योग माता पायलट बाबा अस्पताल में मंगलवार देर रात पहले नवजात और फिर बुधवार को इलाज के दौरान मां की मौत हो गई. परिजनों ने हॉस्पिटल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जज्जा-बच्चा की मौत का जिम्मेदार बताया है. परिजनों ने हॉस्पिटल प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग करते हुए हंगामा भी किया. मामला बढ़ने पर पुलिस को बीच में आना पड़ा, तक जाकर कहीं परिजन शांत हुए.

जानकारी के मुताबिक फुल गढ़ सुल्तानपुर हरिद्वार के रहने वाले सुभाष चौहान प्रसव पीड़ा होने पर अपनी बहन को लेकर योग माता पायलट बाबा अस्पताल में आए थे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती कर लिया. डिलीवरी के समय ही नवजात की मौत हो गई थी और इसके बाद सुबह मां ने भी दम तोड़ दिया. आरोप है कि जज्जा-बच्चा की मौत डॉक्टरों की लापरवाही के कारण हुई है.

हॉस्पिटल में जच्चा-बच्चा की मौत
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परिजनों को कहना है कि डॉक्टरों को कहने पर 35-35 यूनिट से भी ज्यादा ब्लड दिया था, लेकिन फिर महिला की जान नहीं बच सकी है. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगाम किया और डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. हालांकि विवाद ज्यादा बढ़ा तो कनखल थाने से पुलिस पहुंची और मामला के शांत कराया.

वीडियो वायरल: हॉस्पिटल प्रबंधन का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है. जिसमें हॉस्पिटल का स्टाफ महिला को बच्चे की मौत का दिलासा दिलाने की जगह डांट रहे थे. हालांकि ईटीवी भारत इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.
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क्या कहते हैं परिजन: मृतका के भाई सुभाष चौहान का कहना है कि मंगलवार को हमारे मरीज को थोड़ी दिक्कत थी, जिसके बाद हम उसे लेकर जिला चिकित्सालय गए, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने हमें हायर सेंटर रेफर कर दिया. इसके बाद हमने मरीज को दूर ले जाने के बजाय पास में ही योग माता पायलट बाबा अस्पताल में भर्ती करा दिया.

आरोप है कि यहां डॉक्टरों ने सिर्फ पैसे के लालच में मरीज को भर्ती कर लिया. यदि ये केस डॉक्टरों से बस के बाहर का था तो उन्हें मना कर देना चाहिए, वो अपने मरीज को लेकर कहीं और चले जाते. आरोप है कि हॉस्पिटल प्रबंधन में पूरी रात कभी 10 हजार तो कभी 5 हजार रुपए का इंजेक्शन मंगाया. इतना ही नहीं खून की इंतजाम करने के लिए परिजनों को देहरादून भेजा गया.

परिजनों का आरोप है कि महिला रात को मर गई थी. लेकिन डॉक्टरों ने उसकी आंखों पर पट्टी और मुंह में ऑक्सीजन का पाइप लगाए रखा. ताकि हमें सच का पता नहीं लग सके. परिजनों का आरोप है कि महिला की मौत बच्चे की मौत के कुछ देर बाद ही हो गई थी. वहीं, अस्पताल की संचालिका डॉक्टर सुचित्रा सिंह का कहना है कि गंभीर हालात में एक गर्भवती हॉस्पिटल में आई थी, जिसकी हालत काफी गंभीर थी, फिर भी हमने इसे भर्ती किया. चिकित्सक का कहना है कि महिला को भर्ती करने के बाद उसकी स्थिति लगातार बिगड़ रही थी, लगातार उसे ब्लड लॉस हो रहा था.

Last Updated :Jun 1, 2022, 8:03 PM IST
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