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महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद से मिलने पहुंचे धर्म संसद के सभी संत, कहा- हमने कुछ गलत नहीं कहा

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Published : Dec 29, 2021, 1:08 PM IST

हरिद्वार में हुई धर्म संसद के सभी संत बुधवार (29 दिसंबर) सुबह रुड़की पहुंचे. यहां जीवनदीप आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि महाराज से सभी ने आशीर्वाद लिया. इस दौरान एक विशेष समुदाय पर हमला बोलते हुए जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने हिंदुओं को खतरा बताया.

Haridwar Dharma Sansad controversy
हरिद्वार धर्म संसद विवाद

रुड़की: विवादित बयानों के कारण देशभर में चर्चाओं में आई हरिद्वार में हुई धर्म संसद के सभी संत बुधवार (29 दिसंबर) सुबह रुड़की पहुंचे. यहां जीवनदीप आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि महाराज से सभी ने आशीर्वाद लिया. इस दौरान एक विशेष समुदाय पर हमला बोलते हुए जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने हिंदुओं को खतरा बताया.

धर्म संसद को बेवजह तूल: इस दौरान जितेंद्र नारायण त्यागी ने कहा कि हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद को बेवजह तूल दिया जा रहा है. धर्म संसद के बाद हरिद्वार में कुछ लोगों ने एक तनावपूर्ण माहौल बनाने की कोशिश की और हरिद्वार के माहौल को खराब करने का प्रयास किया गया, जिसे लेकर उन्होंने मस्जिदों के इमाम और पैगंबर के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी है.

शस्त्र और शास्त्र से धर्म की रक्षा: वहीं, स्वामी यतींद्रानंद गिरि महाराज ने कहा कि, आदि-अनादि काल से सनातन हिंदू संस्कृति शस्त्र और शास्त्र दोनों का सम्मान करती रही है. धर्म की रक्षा जहां शास्त्र से हो सकती है वहां शास्त्रार्थ हुए हैं, किंतु जब धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र की आवश्यकता पड़ी तो प्रभु श्रीराम ने भी धनुष उठाया और श्रीकृष्ण ने महाभारत की रचना की.

उन्होंने कहा कि आज सनातन हिंदू संस्कृति पर चारों दिशाओं से निरंतर हमला हो रहा है. जिहाद, आतंकवाद और सेकुलरवाद के नाम पर हिंदुओं पर सांप्रदायिकता का आरोप लगाया जा रहा है. हिंदू आतंकवाद की संज्ञा दी जा रही है. ऐसे में भारत के साधु-संत सनातन हिंदू धर्म संस्कृति परंपराओं की रक्षा के लिए अगर अपनी बात कह रहे हैं तो इसमें कुछ गलत नहीं है.

पढ़ें: 'धर्म संसद' भड़काऊ भाषण मामले में दो और संतों के नाम FIR में शामिल, साधुओं में रोष

आवाज तेज करनी पड़ती है: जूना अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि ने कहा कि, जब धीमी आवाज से कोई नहीं सुनता है तो आवाज तेज करनी पड़ती है. अगर कुछ संतों ने आवाज को तेज किया है तो वो केवल इस कारण किया है कि सेकुलरवाद की पोषक सरकारें और कानून कहीं न कहीं हिंदू संस्कृति की रक्षा करने में असमर्थ रहे हैं.

रुड़की पहुंचने वालों में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद, महामंडलेश्वर प्रबोधानंद गिरि, महंत आनंद स्वरूप, अमृत आनंद, महाराज डॉक्टर साध्वी अन्नपूर्णा भारती, सिंधु सागर, महाराज राघवेंद्र भारती और हाल ही में मुस्लिम से हिंदू धर्म में परिवर्तित हुए वसीम रिजवी जो अब जितेंद्र नारायण त्यागी के नाम से जाने जाते हैं शामिल थे.

क्या है विवाद: धर्मनगरी हरिद्वार के वेद निकेतन धाम में 17 से 19 दिसंबर तक तीन दिवसीय धर्म संसद संपन्न हुई थी. जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि की देखरेख में हुई हरिद्वार धर्म संसद में सैकड़ों की तादाद में संत और आम लोग शामिल हुए थे, जिन्होंने हिंदुत्व को बचाने के लिए अपने अपने विचार साझा किए थे. इस धर्म संसद के बाद सामने आए बयानों ने देशभर में हंगामा मचा दिया था. धर्म विशेष को लेकर कई टिप्पणियां की गईं थीं.

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वीडियो सामने आने के बाद अभिनेत्री स्वरा भास्कर, अमेरिका की पूर्व टेनिस खिलाड़ी मार्टिना नवरातिलोवा ने भी धर्म संसद का वीडियो ट्वीट किया था. वहीं, मामले में हरिद्वार नगर कोतवाली में गुलबहार खान की तहरीर पर जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (वसीम रिजवी) के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. बाद में एफआईआर में दो संतों के नाम और बढ़ा दिए गए हैं, जिनमें महामंडलेश्वर धरमदास और महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती के नाम शामिल हैं.

हालांकि, इन सब के बाद भी संतों ने अपने बयानों को सही बताया है और बीते मंगलवार (28 दिसंबर) को हरिद्वार के भूपतवाला के शांभवी आश्रम में हुई बैठक के बाद धर्म संसद में शामिल हुए साधु-संतों ने क्रॉस FIR दर्ज कराने का प्रस्ताव पास कराया और हरिद्वार कोतवाली इंचार्ज इंस्पेक्टर राकेन्द्र कठैत को तहरीर भी दे दी है.

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