देहरादून: अगस्त क्रांति के दिन राज्य आंदोलनकारियों का आक्रोश सड़कों पर देखने को मिला है. इसी कड़ी में आज प्रदेश में सशस्त्र भू कानून और मूल निवास 1950 लागू किए जाने की मांग को लेकर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के बैनर तले विभिन्न संगठनों ने सीएम आवास का कूच किया, लेकिन हाथीबड़कला में पहले से मौजूद पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया.
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच ने सभी सामाजिक संगठनों से मुख्यमंत्री आवास कूच किए जाने का आह्वान किया था. मुख्यमंत्री आवास कूच किए जाने को लेकर मंच को यूकेडी ,आम आदमी पार्टी और उत्तराखंड बेरोजगार संघ समेत विभिन्न सामाजिक संगठनों का भी समर्थन मिला है. सबसे पहले उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के बैनर तले तमाम संगठन परेड ग्राउंड में एकत्रित हुए और अपनी मांगों को लेकर एक सभा का आयोजन किया. उसके बाद सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी सीएम आवास की ओर बढ़े.
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश महासचिव रामलाल खंडूरी ने बताया कि उत्तराखंड राज्य देश का ऐसा पहला राज्य है, जिसका अपना कोई भू कानून नहीं है. ऐसे में राज्य का ऐसा सशक्त भू कानून होना चाहिए. जिसमें सभी प्रावधान स्पष्ट हो, जबकि इसमें कोई ऐसा प्रावधान ना हो, जिसका फायदा उठाकर किसी को भी उत्तराखंड की जमीन को उत्तराखंड वासियों के हाथों से छीनने का मौका मिल सके. उन्होंने कहा कि आज यह खतरा पैदा हो गया है कि उत्तराखंड में यहां के निवासियों की सारी जमीन बाहर के बड़े-बड़े पूंजीपतियों और भू माफियाओं समेत जमीनों के सौदागर के हाथों में जा रही है.
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राज्य में ऐसा सशक्त भू कानून बनाने की मांग की गई है. जिसमें इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया जाए कि यह कानून उत्तराखंड की जमीनों पर उत्तराखंड के मूल निवासियों के अधिकारों को संरक्षित करने के लिए ही बनाया गया है. वहीं, राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि प्रदेश में जल्द ही सशक्त भू कानून और मूल निवास 1950 लागू नहीं किया जाता है, तो उन्हें बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा.
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