ETV Bharat / state

STF Busted Gang: सरकारी नौकरियों के नाम पर ठगी ने वाले गिरोह का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार

author img

By

Published : Mar 5, 2023, 3:20 PM IST

Updated : Mar 5, 2023, 3:40 PM IST

देहरादून में सरकारी नौकरियों के नाम पर ठगी का एक और मामला सामने आया है. एसटीएफ ने इस मामले का खुलासा किया है. एसटीएफ ने सरकारी नौकरियों के नाम पर ठगी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. सरकारी नौकरियों के नाम पर ठगी करने वाला ये गिरोह देशभर में ठगी की घटनाओं को अंजाम देता था.

STF Busted Thug Gang:
सरकारी नौकरियों के नाम पर ठगी ने वाले गिरोह का भंडाफोड़

सरकारी नौकरियों के नाम पर ठगी ने वाले गिरोह का भंडाफोड

देहरादून: एसटीएफ ने सरकारी नौकरियों के नाम पर ठगने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. साथ ही पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों को भी गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से 1 लैपटाॅप, 3 मोबाइल और नोएडा स्थित भारतीय युवा खेल परिषद के दस्तावेज बरामद किये हैं. एसटीएफ ने सभी को सीज कर दिया है. आरोपी भारतीय युवा खेल परिषद के नाम से वेबसाइट चलाकर बेरोजगार युवकों को धोखा दे रहे थे.

आरोपियों ने देशभर के कई राज्यों के युवकों को पीटी मास्टर, रेलवे विभाग, इनकम टैक्स विभाग में भर्ती कराने को लेकर लाखों की ठगी की. गिरोह के सदस्यों के खातों में पिछले 6 महीने में करीब 55 लाख रुपए का लेनदेन मिला है. साथ ही आरोपियों द्वारा युवाओं को उनके चयन होने का लेटर देकर हरिद्वार स्थित एक आश्रम में प्रशिक्षण दिया जाता था. आरोपियों द्वारा अब तक उत्तराखंड सहित पूरे भारत के 82 बेरोजगारों के साथ ठगी की गई है.

पढ़ें- International Tharu Conference: सीएम धामी ने अंतरराष्ट्रीय थारू सम्मेलन में लिया हिस्सा, खेली होली

बेरोजगारों को अपने जाल में फंसाते थे आरोपी: एसटीएफ से कुछ युवकों ने शिकायत की गयी थी कि एक संगठित गिरोह भारतीय युवा खेल परिषद में फिजिकल एजुकेशन टीचर, भारतीय रेलवे, इनकम टैक्स, आदि विभागों में सरकारी नौकरी के पदों के लिये ऑनलाइन आवेदन मांग रहे हैं. भर्ती कराने के एवज में फर्जी भर्ती सेंटरों में ट्रेनिंग देकर रकम ली जा रही है. एसटीएफ ने जब इस मामले की जांच की तो जानकारी मिली की भारतीय युवा खेल परिषद नाम से एक वेबसाइट बनी हुई है.

जिसमें फिजिकल एजुकेशन टीचर जैसे विभिन्न पदों के लिये ऑनलाइन आवेदन पत्र उपलब्ध हैं. उसमें रजिस्ट्रेशन के लिये 700 रुपये की फीस निर्धारित की गयी है. साथ इसी वेबसाइट पर काॅन्टेक्ट नम्बर भी जारी किये गये हैं. इस वेबसाइट पर दिये गये नम्बर पर जब कोई बेरोजगार युवक या युवती जानकारी करते थे तो उन्हें सामने वाले व्यक्ति द्वारा ये ही बताया जाता था कि ये एक सरकारी संस्था है. इसमें विभिन्न पदों की भर्ती के लिए आपको पहले 700 रुपये का रजिस्ट्रेशन शुल्क भरकर आवेदन करना होगा. उसके बाद आपका सिलेक्शन होने पर आपको ट्रेनिंग के लिए भेजा जायेगा.

पढ़ें- Bhagat Singh Koshyari: भगत दा बोले- चलो गांव की ओर, कहा- मैं खुद गांव नहीं जाऊंगा तो कितने लोग वापस लौटेंगे?

परमानेंट सिलेक्शन के नाम पर ली जाती थी मोटी रकम: इसके बाद युवकों द्वारा संबंधित वेबसाइट में जाकर आनलाइन आवेदन पत्र भर दिया जाता. उसमें 700 रुपये फीस प्राप्त कर ली जाती. उसके कुछ दिन बाद युवक और युवती को अपने मूल डॉक्यूमेंट जमा करने को कहा जाता. फिर मेल के माध्यम से युवक और युवती को फिजिकल एजुकेशन टीचर पद के लिये बताकर ट्रेनिंग के लिये हरिद्वार स्थित एक आश्रम में उपस्थित होने के लिये कहा जाता. उसके बाद उनसे परमानेंट सिलेक्शन के लिये करीब 1.5 से 2 लाख रुपये का खर्चा बताकर यूथ एसोसिएशन के नाम से बने खाते के अलावा अपने खातों में पैसा जमा करा दिये जाते थे. फिर युवक और युवतियों को कुछ दिन ट्रेनिंग देने के बाद ज्वॉइनिंग लेटर का इंतजार करने के लिये कहकर वापस भेज दिया जाता है. फिर दोबारा से उन्हें कोई संपर्क नहीं किया जाता था.

श्यामपुर स्थित आश्रम में होती थी ट्रेनिंग: एसटीएफ को ठगी के शिकार हुये युवकों से जानकारी मिली की इस गिरोह के द्वारा कई लोगों को भारतीय रेलवे विभाग, इनकम टैक्स विभाग और विदेश भेजने को लेकर भी ठगी की गई है. फिजिकल एजुकेशन टीचर के नाम भर्ती करने लिये श्यामपुर स्थित एक आश्रम में युवकों को बकायदा पूरे 1 महीने की ट्रेनिंग दी गयी है. जहां पर इस गिरोह के लोगों द्वारा एक ट्रेनिंग दिलाने नाम पर कुछ ट्रेनर भी रखे थे. ट्रेनिंग के दौरान ही युवक और युवतियों को खाते के नंबर देकर उनसे करीब 2 लाख रुपए जमा करा दिये जाते थे.

पढ़ें- International Tharu Conference: सीएम धामी ने अंतरराष्ट्रीय थारू सम्मेलन में लिया हिस्सा, खेली होली

आनंद महतो के खाते में जमा होते थे पैसे: एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया की एसटीएफ ने पूरे मामले में कार्रवाई की है. जिसमें सबसे पहले भारतीय युवा खेल परिषद के बारे में जानकारी की गयी. पता चला कि भारतीय युवा खेल परिषद के नाम से जारी वेबसाइट में ऑनलाइन फार्म में दिये जाने वाला रजिस्ट्रेशन शुल्क 700 रुपये आनंद महतो के नाम से बने पेटीएम अकाउंट में जमा हो रहा है. इस अकाउंट में पिछले 6 महीने के भीतर पूरे भारत के अलग अलग राज्यों से युवक और युवतियों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया है. भारतीय युवा खेल परिषद के नाम से बेरोजगार युवकों से प्राप्त की जा रही धनराशि यूथ एसोसिएशन के नाम के खाते में जमा हुई है. जिसका संचालक आनंद कुमार महतो, राखी रानी और मनीष कुमार नाम के व्यक्ति हैं. इस खाते के अलावा युवक और युवतियों द्वारा दिये गये खातों की जानकारी की गयी तो पिछले 6 महीने में लगभग 55 लाख रुपये की धनराशि पायी गयी.

पढ़ें- Haldwani Murder Case: मामूली विवाद में पत्नी की गला रेतकर हत्या, आरोपी फरार

गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार: जांच में इस गिरोह के आनंद कुमार महतो, राखी रानी और मनीष कुमार के अलावा अन्य सदस्य योगेन्द्र कुमार योगेश, संजय रावत, राजकुमार उर्फ राजवरी, संदीप सिंह का नाम सामने आया. जिनमें से तीन सदस्य आनन्द मेहतो, योगेश और संजय रावत की गिरफ्तारी की गयी है. एसटीएफ ने मामले में श्यामपुर हरिद्वार में मुकदमा पंजीकृत कराया है. गिरोह के सदस्यों के खातों के अलावा अन्य खातों को फ्रीज करने के लिए एसटीएफ कार्यवाही कर रहा है. अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए कोशिशें की जा रही हैं.

पढ़ें-Dehradun Rape Case: धर्म छिपाकर युवती से रेप, 25 लाख रुपए लोन लेने का भी आरोप
कैसे काम करता था गिरोह: आनंद महतो इण्टर पास है. उसे कुछ समय पहले मनीष कुमार नाम का एक लड़का मिला, जो बिहार का ही रहने वाला है. उसने उसे इस काम के बारे में बताया. इसके लिय योगेश ने भारतीय युवा खेल परिषद के नाम से बेवसाइट बनायी. उसमें फर्जी नाम से एक सिम खरीद कर काॅन्टैक्ट नम्बर दे दिया. उसमे ऑनलाइन भर्ती फार्म के ऑप्शन को डाला. जिसकी फीस 700 रूपये रखी. ये फीस आनंद के paytm अकाउंट में जमा होती थी.

युवाओं को सरकारी जॉब और ट्रेनिंग दिलाने के नाम पर कमिशन एजेंट रखे गये. जिनको प्रत्येक युवक और युवती के लिये कमीशन 10 से 40 हजार रुपये दिया जाता था. कमीशन एजेंटों से सम्पर्क में आये युवकों से भारतीय युवा खेल परिषद में ट्रेनिंग और जॉब के नाम पर 1.5 से 2 लाख रुपये यूथ एसोसिएशन के नाम से खोले गये खाते में लिये जाते थे. युवकों को ट्रेनिंग देने के लिये अलग से ट्रेनर भी रखे थे, जिनको 15 से 20 हजार रुपये प्रतिमाह की सैलरी दी जाती थी. गिरोह के झांसे में बेरोजगार युवक इसलिये आ जाते थे कि भारतीय युवा खेल परिषद नाम से अपना अच्छा ऑफिस खोल कर रखते थे. ये गिरोह युवाओं को रेलवे विभाग, इनकम टैक्स विभाग में नौकरी लगाने के लिए या फिर विदेश भेजने के नाम पर भी ठगी करता था. जिसके लिए बकायदा संबंधित विभागों के फर्जी नियुक्ति पत्र युवाओं को जारी किये जाते थे.

Last Updated :Mar 5, 2023, 3:40 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.