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CDS Bipin Rawat: काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन के माहिर, ऊंचाई पर जंग लड़ने के एक्सपर्ट

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Published : Dec 8, 2021, 6:07 PM IST

Updated : Dec 8, 2021, 6:26 PM IST

CDS Bipin Rawat
सीडीएस बिपिन रावत

भारत के पहले सीडीएस बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया है. हादसे में में CDS बिपिन रावत का निधन हो गया है. जो हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ है, उसमें 14 लोग सवार थे. सीडीएस रावत की पत्नी मधुलिका रावत भी सवार थीं. सीडीएस बिपिन रावत को काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन का माहिर माना जाता है.

देहरादून: तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार दोपहर एक बहुत बड़ा हादसा हो गया. भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत को ले जा रहा सेना का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. हादसे में में CDS बिपिन रावत का निधन हो गया है. जो हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ है, उसमें 14 लोग सवार थे. सीडीएस रावत की पत्नी मधुलिका रावत भी सवार थीं. सीडीएस बिपिन रावत को काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन का माहिर माना जाता है.

आपको बता दें कि सीडीएस बिपिन रावत के करियर का लंबा वक्त भारतीय सेना की सेवा में गुजरा है. उनके नाम भारतीन सेना में कई उपलब्धियां हैं. उत्तराखंड के रहने वाले बिपिन रावत देश के पहले सीडीएस हैं. बिपिन रावत ने 01 सितंबर 2016 को आर्मी के वाइस चीफ का पद संभाला और 31 दिसंबर 2016 को उन्हें इंडियन आर्मी के 26वें चीफ की जिम्मेदारी मिली. वहीं, 30 दिसंबर 2019 को उन्हें भारत के पहले सीडीएस (CDS) के रूप में नियुक्त किया गया. बिपिन रावत ने 01 जनवरी 2020 को CDS पदभार ग्रहण किया.

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दिसंबर 1978 में भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से ग्यारह गोरखा राइफल्स (Gurkha Rifles) की पांचवीं बटालियन में उन्हें नियुक्त किया गया. उन्हें यहां 'स्वॉर्ड ऑफ ऑनर' (sword of honor) से भी सम्मानित किया जा चुका है. जनरल बिपिन रावत ने सैन्य मीडिया रणनीतिक अध्ययन पर अपना शोध भी पूरा किया और 2011 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी से उन्हें सम्मानित किया गया. वे 'राष्ट्रीय सुरक्षा' और 'लीडरशिप' पर कई लेख लिख चुके हैं जो विभिन्न पत्रिकाओं और प्रकाशनों में प्रकाशित हुए हैं.

सीडीएस बिपिन रावत अधिक ऊंचाई वाले स्थान पर युद्ध और आतंकवाद विरोधी गतिविधियों की खासा जानकारी और अनुभव रखते हैं. उन्होंने पूर्वी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर इंफेंट्री बटालियन (infantry battalion) की कमान संभाली है. उन्होंने कश्मीर घाटी में राष्ट्रीय राइफल्स (Rashtriya Rifles) और एक इंफेंट्री डिविजन की कमान संभाली है. जनरल रावत ने सेना मुख्यालय की सेना सचिव शाखा में भी महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है.

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उन्होंने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (Democratic Republic of the Congo) में चैप्टर-7 मिशन (Chapter-7 Mission) में बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड (multinational brigade) की कमान संभाली है. तत्कालीन लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत (Lt Gen Bipin Rawat) डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (Defense Services Staff College), वेलिंगटन और हायर कमांड एंड नेशनल डिफेंस कॉलेज कोर्सेज (Higher Command and National Defense College Courses) के पूर्व छात्र हैं.

बिपिन रावत को आर्मी में ऊंचाई पर जंग लड़ने और काउंटर-इंसर्जेंसी ऑपरेशन (Counterinsurgency) यानी जवाबी कार्रवाई के एक्सपर्ट के तौर पर जाना जाता है. साल 2016 में उरी में सेना के कैंप पर हुए आतंकी हमले के बाद तत्कालीन आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत के नेतृत्‍व में 29 सितंबर 2016 को पाकिस्‍तान में बसे आतंकी शिविरों को ध्‍वस्‍त करने के लिए सर्जिकल स्‍ट्राइक की गई थी. इस स्ट्राइक को बिपिन रावत ने ट्रेंड पैरा कमांडो (para commando) के माध्यम से अंजाम दिया था.

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आर्मी सर्विस के दौरान उन्होंने एलओसी, चीन बॉर्डर और नॉर्थ-ईस्ट में एक लंबा वक्त गुजारा है. बिपिन रावत ने कश्मीर घाटी में पहले नेशनल राइफल्स में ब्रिगिडेयर और बाद में मेजर-जनरल के तौर पर इंफेंट्री डिवीजन की कमान संभाली. साउथ कमांड की कमान संभालते हुए उन्होंने पाकिस्तान से सटी पश्चिमी सीमा पर मैकेनाइज्ड-वॉरफेयर के साथ-साथ एयरफोर्स और नेवी के साथ बेहतर तालमेल बैठाया.

Last Updated :Dec 8, 2021, 6:26 PM IST
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