ETV Bharat / state

101 साल के स्वाधीनता संग्राम सेनानी राम सिंह चौहान बीमार, बागेश्वर के अस्पताल में भर्ती

author img

By

Published : May 18, 2023, 2:17 PM IST

जिले के आजाद हिंद फौज के स्वाधीनता सेनानी 101 वर्षीय राम सिंह चौहान अस्वस्थ हो गए हैं. जिसकी वजह से उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 22 फरवरी 1922 को राम सिंह चौहान का जन्म हुआ था. वह गढ़वाल राइफल में तैनाती के दौरान ही सशस्त्र आजाद हिंद फौज में शामिल हो गए थे.

Etv Bharat
Etv Bharat

स्वाधीनता संग्राम सेनानी राम सिंह चौहान बीमार

बागेश्वर: बागेश्वर गरुड़ ब्लॉक के पासदेव वज्यूला निवासी स्वाधीनता सेनानी 101 वर्षीय राम सिंह चौहान की तबीयत अचानक खराब हो गई है. स्वास्थ्य खराब होने की सूचना मिलते ही परिजन रात में उन्हें जिला अस्पताल लेकर आए. उन्हें बुखार के साथ कफ की भी शिकायत है. सेनानी के बीमार होने की सूचना पर कई लोगों ने अस्पताल पहुंचकर उनकी सेहत की जानकारी ली और उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की.

सेनानी चौहान के बेटे गिरीश चौहान ने बताया कि वह भोजन नहीं कर पा रहे हैं और अब उनकी जिला अस्पताल के चिकित्सक निगरानी कर रहे हैं. उनके जल्द स्वस्थ होने की उम्मीद है. पासदेव निवासी राम सिंह चौहान आजाद हिंद फौज के जांबाज सिपाही रहे हैं. वह गढ़वाल राइफल में तैनाती के दौरान ही सशस्त्र आजाद हिंद फौज में शामिल हो गए थे. नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ उन्होंने आजादी के आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था.

बता दें कि 22 फरवरी 1922 को जन्मे राम सिंह चौहान के खून में ही वीरता भरी है. पिता तारा सिंह वर्ष 1940 में गढ़वाल राइफल्स के पौड़ी गढ़वाल में तैनात थे. इनके पिता ने पहला विश्व युद्ध लड़ा था. वहीं, राम सिंह भी पिता की तरह वीर सैनिक थे. वह गढ़वाल राइफल्स में तैनात थे. देश में आजादी का आंदोलन चल रहा था, तभी नेताजी सुभाष चंद्र बोस से प्रभावित होकर राम सिंह चौहान वर्ष 1942 में अपने साथियों के साथ सशस्त्र आजाद हिंद फौज में शामिल हो गए.
ये भी पढ़ें: राफ्टिंग के दौरान नहीं होगा गो प्रो कैमरे का इस्तेमाल, ऋषिकेश पुलिस ने किया बैन

उन्होंने नेताजी के साथ मलाया, सिंगापुर, बर्मा आदि स्थानों पर देश की आजादी की लड़ाई लड़ी. नेताजी के साथ मिलकर अंग्रेजों से दो-दो हाथ किए. अंग्रेजों की जेल में रहे. यातनाएं सहीं, लेकिन अंग्रेजों के सामने झुके नहीं. वर्ष 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सेनानी राम सिंह को ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया था. राम सिंह 101 साल तक स्वस्थ रहे हैं. वह अपने सारे काम खुद करते रहे हैं. हालाकि उनको कान से कम सुनाई देता हैं, लेकिन कल अचानक खेत में काम करते वक्त उनका स्वास्थ्य खराब हो गया. राम सिंह चौहान देश की वर्तमान व्यवस्था से हमेशा नाराज रहे हैं. वह भ्रष्टाचार को आजादी पर कलंक मानते रहे हैं. स्वाधीनता सेनानी राम सिंह चौहान के चार पुत्र थे जिसमें से तीन पुत्रों का निधन हो चुका है.
ये भी पढ़ें: रामनगर में तेज आंधी तूफान ने बरपाया कहर, NH पर गिरा बड़ा पेड़

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.