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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के चयन पर सवाल, पूर्व सांसद डॉ. राजेश मिश्रा बोले- पार्टी को करना होगा विचार

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Published : Aug 21, 2023, 3:34 PM IST

हाल ही में कांग्रेस ने अजय राय (Congress state president Ajay Rai) को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. पार्टी के ही कुछ वरिष्ठ नेता इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. राजेश मिश्रा ने इस मामले में ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
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वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ. राजेश मिश्रा ने खास बातचीत की.

वाराणसी : कांग्रेस हाईकमान की ओर से हाल ही में अजय राय को यूपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. इस फैसले पर पार्टी के ही कुछ वरिष्ठ नेता सवाल उठाने लगे हैं. पूर्वांचल के दिग्गज कांग्रेस नेता डॉ. राजेश मिश्रा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. कहा कि पार्टी के फैसले का स्वागत है, अजय राय को भी बधाई, लेकिन पार्टी को यह जरूर सोचना चाहिए कि इससे पार्टी को फायदा कैसे होगा, कैसे ब्राह्मण वोटर पार्टी से जुड़ेंगे.

बता दें कि उत्तर प्रदेश की राजनीति हमेशा से ही जातीय समीकरणों पर घूमती रही है. पिछले दो दशक की बात करें तो यादव, एससी-एसटी को लेकर राजनीति सबसे अधिक की जाती रही. यही वजह है कि भाजपा ने मायावती और समाजवादी पार्टी के वोटर्स में सेंध लगाने की कोशिश की. एक समय था जब उत्तर प्रदेश में कांग्रेस सरकार में रहती थी और कहा जाता था कि ब्राह्मण वोट कांग्रेस के पास ही जाते हैं. वहीं अब ये कहा जाता है कि प्रदेश में ब्राह्मण वोट भाजपा के पास जा रहे हैं. ऐसे में डॉ. राजेश मिश्रा ने कहा है कि पार्टी ने यह फैसला लिया है, लेकिन मेरा सवाल यही है कि इससे यूपी में कांग्रेस को क्या फायदा होगा?

निर्णय लेने वालों पर उठाए सवाल : वाराणसी के पूर्व सांसद व एमएलसी रहे डॉ. राजेश मिश्रा ने अजय राय की नियुक्ति को लेकर कहा कि पार्टी का निर्णय सर्वमान्य है. मैं अजय राय को बधाई देता हूं. अजय राय छोटे भाई हैं, लेकिन मेरे कुछ सवाल भी हैं. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इस निर्णय को लिया है या करवाया है. कहीं न कहीं उनके मन में इस तरह की बातें रही होंगी कि इससे कांग्रेस को क्या फायदा होगा. यूपी 80 लोकसभा वाला प्रदेश है. इन सीटों पर कांग्रेस से कहां गलतियां हो रही हैं, जिससे यूपी में कांग्रेस 30 सालों से खड़ी नहीं हो पा रही है. इस बारे में हमें सोचना होगा.

पार्टी के फायदे के मुद्दे पर उठाए सवाल.
पार्टी के फायदे के मुद्दे पर उठाए सवाल.

अजय कुमार लल्लू से नहीं मिला फायदा : डॉ. राजेश मिश्रा ने कहा कि पिछले पांच से सात सालों में कांग्रेस यूपी में बहुत ज्यादा कमजोर हुई है. हम शुरुआत अगर अजय कुमार लल्लू से करें तो जिन लोगों ने अजय लल्लू को प्रदेश अध्यक्ष बनाया या बनवाया उन लोगों ने कौन सी ऐसी चीज देखी या क्या सोचा. उनके अध्यक्ष बनने का परिणाम क्या मिला? कांग्रेस की दो सीटें आईं. प्रदेश अध्यक्ष चुनाव में चौथे नंबर पर चले गए. उनकी जमानत जब्त हो गई. बाद में उनको हटा दिया गया. ऐसे ही खाबरी आए. सांसद और दलित चेहरा होने के कारण उन्हें रखा गया. बृजलाल खाबरी के साथ 6 प्रांतीय अध्यक्ष बना दिए गए थे. इसके बाद उन्हें काम भी नहीं बताया गया कि उन्हें करना क्या है. एक-एक प्रांतीय अध्यक्ष को 10 से 12 जिले का इंचार्ज बना दिया गया था. उन 6 प्रातों में कौन फैसले लेगा और कौन कमेटी बनाएगा, न प्रांतीय अध्यक्ष को मालूम था न प्रदेश अध्यक्ष को मालूम था. प्रांतीय अध्यक्ष मानते थे कि ये मेरी जिम्मेदारी है, मैं यहां का मालिक हूं. ऐसे ही प्रदेश अध्यक्ष को लगता था कि पूरे प्रदेश का मैं मालिक हूं. इस तरह के विवाद कमेटी के बनने के बाद से चलते रहे. इस विवाद का अंत नहीं हुआ. खाबरी के साथ ही सारे प्रांतीय अध्यक्ष हटा दिए गए.

कांग्रेस को सोचना होगा, ब्राह्मण वोट कैसे आए : डॉ. राजेश मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में अब अजय राय को अध्यक्ष बनाया गया है. अब सवाल ये है कि क्या सोचकर उन्हें इस पद को दिया गया है. यूपी में इससे कांग्रेस को क्या फायदा होने वाला है. जिन लोगों ने इस फैसले को कराया है, उन्हें इसके विकल्प की तलाश करनी चाहिए. अजय राय की नियुक्ति तो कैंसिल हो नहीं सकती. मगर कांग्रेस को सोचना पड़ेगा कि ब्राह्मण वोट बैंक कैसे कांग्रेस में आए. ऐसे में जिन लोगों ने प्रदेश अध्यक्ष के इस फैसले को कराया है उन्हें यह सोचना होगा. एआईसीसी या प्रदेश में कुछ प्रयास किए जा सकते हैं. नए पद बनाए जा सकते हैं.

ईमानदारी कांग्रेस से हो रही समाप्त : पूर्व सांसद ने साफ लहजे में कहा कि अगर पार्टी ऐसा नहीं करती है तो कांग्रेस का नुकसान होगा. भारतीय जनता पार्टी को लोग गाली देकर उसी को वोट भी दे देंगे. भाजपा प्रदेश में फिर से सरकार बना लेगी. इस फैसले के बाद जो कांग्रेसी है उसके मन में इस बात का दुख है. मैंने राजनीति कांग्रेस से ही शुरू की. मेरा लोकसभा का टिकट काटा गया. मैंने कभी नाराजगी जाहिर नहीं की. मुझे पीएम मोदी, अमित शाह, मुलायम सिंह और मायावती का ऑफर था. मैंने कांग्रेस छोड़ने की कभी कल्पना भी नहीं की. जो ईमानदार कांग्रेसी है वो पार्टी में समाप्त होता जा रहा है. जो रोज दल बदलते हैं उन्हें पद दिया जा रहा है.

राहुल के प्रयासों पर पानी फेरने वाला फैसला : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद डॉ. राजेश मिश्रा ने कहा कि अजय राय से लेकर अजय कुमार लल्लू तक के प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के फैसले से कोई संतुष्ट नहीं हो सकता है. इससे पार्टी को कोई फायदा नहीं पहुंच सकता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये तीनों प्रदेश अध्यक्ष के फैसले राहुल गांधी के प्रयासों पर पानी फेरने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश अध्यक्ष से कोई फायदा पार्टी को पहुंचता है तो हमारे नाराज होने से कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है.

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