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मिर्जापुर ने किसी भी प्रत्याशी को 3 बार नहीं जिताया? क्या बिंद की बगावत और 'राजा' की नाराजगी में घिर गईं अनुप्रिया पटेल? - The Great Battle of MIRZAPUR

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 23, 2024, 11:51 AM IST

Updated : May 24, 2024, 6:25 PM IST

Mirzapur Lok Sabha Seat: राजा भैया के समर्थक अनुप्रिया पटेल की ओर से कौशांबी में राजा पर दिए गए बयान से नाराज हैं. ऐसे में अब यह जानना दिलचिस्प है कि क्या राजा भैया और उनके समर्थक अनुप्रिया पटेल का खेल बिगाड़ सकते हैं? मिर्जापुर में क्या है जातीय समीकरण और इसमें राजा भैया की दखल कितनी है? क्या इन सबसे अनुप्रिया पटेल निपट पाएंगी और अपनी हैट्रिक लगाने में कामयाबा हो पाएंगी.

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मिर्जापुर में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

मिर्जापुर ने किसी भी प्रत्याशी को 3 बार नहीं जिताया? क्या बिंद की बगावत और 'राजा' की नाराजगी में घिर गईं अनुप्रिया पटेल?

लखनऊ: Mirzapur Lok Sabha Seat: मिर्जापुर लोकसभा सीट हॉट तो नहीं कही जाती लेकिन, यहां की लड़ाई इस बार रोचक जरूर हो गई है. उसकी वजह भाजपा से बगावत सपा में आए भदोही सांसद रमेश चंद बिंद और रघुराज प्रताप सिंह (Raghuraj Pratap Singh) उर्फ राजा भैया की भगवा रंग से नाराजगी है.

वैसे तो मिर्जापुर लोकसभा सीट पर भाजपा की सहयोगी अपना दल सोनेलाल का वर्चस्व है. अपना दल (सोनेलाल) सुप्रीमो केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल इस बार मिर्जापुर से हैट्रिक लगाने की तैयारी में हैं. इसके लिए उन्होंने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. लेकिन, उनकी राह में रोड़ा कुंडा विधायक राजा भैया बन गए हैं. वह और उनके समर्थक भाजपा से नाराजगी के चलते एनडीए प्रत्याशी के खिलाफ माहौल बना रहे हैं.

राजा भैया ने किया अखिलेश यादव की पार्टी सपा को समर्थन देने का ऐलान,
राजा भैया ने किया अखिलेश यादव की पार्टी सपा को समर्थन देने का ऐलान, (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

राजा भैया दे रहे अखिलेश यादव के प्रत्याशी को समर्थन: राजा भैया ने इंडी गठबंधन के सपा प्रत्याशी और भदोही से भाजपा सांसद रमेश चंद बिंद को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है. रमेश बिंद अपना टिकट कटने से नाराज हो गए थे. इसके बाद उन्होंने पाला बदलते हुए सपा ज्वाइन कर ली और मिर्जापुर से टिकट हासिल करने में कामयाब रहे.

अनुप्रिया और राजा भैया के बीच जुबानी जंग: इस बीच अनुप्रिया और राजा भैया में हुई जुबानी जंग भी शुरू हो गई है. बीते दिनों अनुप्रिया पटेल ने बीजेपी के कौशांबी से प्रत्याशी विनोद सोनकर के चुनाव प्रचार में राजा भैया पर शब्दों के बाण छोड़ने शुरू कर दिए थे. उन्होंने कहा था कि अब राजा लोकतंत्र में रानी के पेट से पैदा नहीं होते. अब राजा ईवीएम से पैदा होते हैं.

यह बयान तब आया था जब राजा भैया की पार्टी जनसत्ता लोकतंत्र पार्टी का कोई भी प्रत्याशी मैदान में नहीं है. उन्होंने किसी को भी समर्थन देने से इंकार कर दिया था. उसके बाद भी यह बयान दिए जाने पर न सिर्फ राजा भैया के समर्थक बल्कि खुद राजा भैया ने नाराजगी जाहिर की.

मिर्जापुर लोकसभा सीट का जातीय समीकरण.
मिर्जापुर लोकसभा सीट का जातीय समीकरण. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

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राजा भैया ने पलटवार करते हुए कहा कि, राजा रानी अब पैदा होने बंद हो गए हैं, ईवीएम से राजा नहीं बल्कि जनसेवक पैदा होते हैं. कुछ लोग कुंठित हैं, जो ऐसा सोचते हैं कि ईवीएम से राजा पैदा होते हैं.

राजा भैया की नाराजगी बिगाड़ सकते हैं कौशांबी, प्रतापगढ़ समेत मिर्जापुर के समीकरण: राजा भैया पर दिए गए अनुप्रिया पटेल के बयान के बाद प्रतापगढ़ और कौशांबी लोकसभा सीट पर एनडीए के समीकरण तो बदलने के आसार पैदा हो ही गए है. लेकिन अब मिर्जापुर के भी समीकरणों को इधर से उधर करने के लिए राजा भैया के समर्थक मिर्जापुर में डेरा डाल चुके हैं.

अनुप्रिया पटेल की हैट्रिक में जानिए कौन-कौन रोड़ा: मिर्जापुर से अनुप्रिया पटेल तीसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं. वह दो बार इस सीट से सांसद बन चुकी हैं और इस बार हैट्रिक लगाने की ख्वाहिश रख रही हैं. अनुप्रिया की हैट्रिक में रोड़ा डालने के लिए बसपा ने ब्राह्मण कार्ड खेलते हुए मनीष तिवारी को मैदान में उतारा है.

जबकि, इंडी गठबंधन की तरफ से सपा ने भाजपा के बागी रमेश बिंद को टिकट दिया है. इससे मिर्जापुर का मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. अनुप्रिया जातिगत चक्रब्यूह में फंसती दिख रही हैं. ऐसे में अब उनसे नाराज राजा भैया के कार्यकर्ता उनका खेल बिगाड़ने के लिए मिर्जापुर में सवर्ण वोट खासकर क्षत्रीय वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए पहुंच गए हैं.

मिर्जापुर लोकसभा सीट का 2019 का रिजल्ट.
मिर्जापुर लोकसभा सीट का 2019 का रिजल्ट. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

क्षत्रीय व ब्राह्मण में बिखराव बिगाड़ सकते हैं अनुप्रिया का खेल: राजनीतिक विश्लेषक शेखर पांडे कहते हैं कि भले ही मिर्जापुर में सीधे तौर पर रघुराज प्रताप सिंह का कोई सियासी हस्तक्षेप न हो लेकिन, जातिगत समीकरणों को वो बिगाड़ने का काम अवश्य कर सकते हैं.

मिर्जापुर लोकसभा सीट में 80 हजार क्षत्रीय वोट हैं जबकि, 1 लाख 55 हजार ब्राह्मण मतदाता हैं. ऐसे में राजा भैया यदि मिर्जापुर में अनुप्रिया पटेल के खिलाफ मोर्चा खोलते हैं तो क्षत्रीय और ब्राह्मण वोट में बिखराव तय है. क्योंकि पहले से ही बसपा के मनीष तिवारी ब्राह्मण मतदाताओं की पहली पसंद बनते दिख रहे हैं.

दूसरी ओर रमेश बिंद भी एक लाख 45 हजार बिंद, 85 हजार यादव और इतने ही मुस्लिम वोट बैंक को साध रहे हैं. ऐसे में यदि क्षत्रीय वोट में सेंध लगती है तो अनुप्रिया के लिए खतरा पैदा हो सकता है.

क्या क्षत्रीय राजा भैया की बात मानेंगे: वहीं विश्लेषक जय प्रकाश पाल कहते हैं कि, यह कहना बिलकुल गलत नहीं होगा कि रघुराज प्रताप सिंह कुंडा से 7 बार के विधायक हैं और यहां वो न सिर्फ दस हजार क्षत्रीय वोट बैंक बल्कि अन्य जाति के लाखों मतदाताओं की पहली पसंद बनते आए हैं. बल्कि बाबागंज विधानसभा में भी क्षत्रीय के अलावा अन्य जातिवर्ग के लोग उनके प्रत्याशी को वोट करते हैं. लेकिन, मिर्जापुर के क्षत्रीय उनकी बात मानेंगे यह नहीं कहा जा सकता है.

वजह, जब पश्चिमी यूपी में राजपूतों की बीजेपी के प्रति नाराजगी जग जाहिर हुई थी तब राजा भैया ने चुप्पी साध रखी थी. इस समय वह बेंगलुरु में अमित शाह से मुलाकात कर रहे थे. उस वक्त राजपूत समाज ने यह देख रहा था कि कौन सा नेता उनके साथ खड़ा हुआ और कौन न्यूट्रल रहा.

जब इस बार उन पर व्यक्तिगत टिप्पणी हुई तो उनके समर्थक इसे राजपूत के सम्मान से जोड़ कर देख रहे हैं तो ऐसे में मिर्जापुर के क्षत्रीय भी इसे अपने सम्मान से जोड़ कर देखें इसके आसार कम ही लग रहे हैं.

मिर्जापुर लोकसभा सीट का जातीय समीकरण: मिर्जापुर सीट पर सबसे अधिक कुर्मी मतदाता हैं, जिनकी संख्या 3 लाख 5 हजार के करीब है. ब्रह्म्मण 1 लाख 55 हजार, बिंद 1 लाख 45 हजार, वैश्य 1 लाख 40 हजार, मौर्य 1 लाख 20 हजार, क्षत्रीय 80 हजार, दलित 2 लाख 55 हजार, कोल 1 लाख 15 हजार, यादव 85 हजार, पाल 50 हजार, सोनकर- 30 हजार और प्रजापति, नाई, विश्वकर्मा, मुस्लिम मिलाकर करीब 2 लाख की आबादी है.

सभी दल के मजबूत प्रत्याशी ठोक रहें ताल: मिर्जापुर सीट पर एनडीए प्रत्याशी और केंद्र की मोदी सरकार में कॉमर्स एंड इंडस्ट्री राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल, इंडी गठबंधन के सपा प्रत्याशी रमेश बिंद, अपना दल कमेरावादी के दौलत सिंह पटेल व बसपा के उम्मीदवार मनीष तिवारी हैं. इस सीट पर एक जून (Mirzapur Voting Date) को मतदान होगा. 4 जून को रिजल्ट (Lok Sabha Election 2024 Result Date 4th June) आएगा.

मिर्जापुर लोकसभा सीट पर अनुप्रिया पटेल ने दो बार वर्ष 2014 व 2019 में जीत दर्ज की थी. वर्ष 2019 में समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन था, जिसके बाद भी अनुप्रिया पटेल को कुल पड़े वोट में से आधे से अधिक वोट मिले थे. मिर्जापुर लोकसभा सीट पर 2019 में कुल 11 लाख 9 हजार 59 वोट पड़े थे, अनुप्रिया को 591,564 वोट मिले थे. वहीं, सपा प्रत्याशी राम चरित्र निषाद को 3,59,556 वोट मिले थे. अनुप्रिया पटेल को राम चरित्र निषाद को लगभग 21 फीसदी वोट अधिक मिले थे. जबकि कांग्रेस के ललितेश पति त्रिपाठी को 91,501 वोट मिले थे.

यह भी दिलचस्प; मिर्जापुर सीट से कोई भी उम्मीदवार नहीं लगा पाया हैट्रिक: इस सीट का अब तक चुनावी इतिहास देखें तो 1952 से कोई भी प्रत्याशी तीन बार लोकसभा इलेक्शन नहीं जीत पाया है. चाहे लगातार तीन बार की हैट्रिक हो या किसी भी चुनाव में कुल तीन बार की जीत, यहां के मतदाताओं ने किसी भी नेता को दो बार से ज्यादा मौका नहीं दिया है

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Last Updated : May 24, 2024, 6:25 PM IST
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