सुलतानपुरः दिल्ली सीमा पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में समाजवादी पार्टी उतर आई है. जिले में सपाइयों द्वारा ट्रैक्टर से किसानों के समर्थन में यात्रा निकाली गई. इस दौरान पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर 2 घंटे तक यात्रा को रोक दिया. जिससे लखनऊ-बलिया हाईवे पर 2 घंटे तक जाम की स्थिति रही. वहीं पुलिस और सपाइयों में नोकझोंक भी हुई. आखिरकार सपाइयों की गिरफ्तारी के बाद मामला शांत हुआ और आवागमन बहाल हुआ.
अयोध्या राजमार्ग पर शनिवार को जमोली बॉर्डर से समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता व पदाधिकारी ट्रैक्टरों पर सवार होकर प्रदर्शन यात्रा पर निकले. यहां पर पुलिस सुरक्षा के बीच लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर सुलतानपुर शहर की सीमा पर पहुंचे. शहर की सीमा पर सपाइयों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी. जिसकी वजह से 2 घंटे तक अफरातफरी का माहौल रहा.
सपा कार्यकर्ताओं और पुलिस में नोंकझोक
पुलिस और प्रशासन ने शहर से सटे टांडिया नगर चौराहे और टेढुई के बीच सपाइयों का काफिला रोक दिया गया. इस दौरान प्रशासन की तरफ से एसडीएम राजेश सिंह, एसडीएम सदर रामजीलाल, क्षेत्राधिकारी नगर सतीश चंद्र शुक्ला, छेत्र अधिकारी बल्दीराय विजय सिंह यादव , थाना अध्यक्ष हलियापुर मोहम्मद अरशद, थानाध्यक्ष कूरेभार मनबोध तिवारी, गोसाईगंज कोतवाल ओमवीर सिंह, नगर कोतवाल भूपेंद्र सिंह मौजूद रहे. इस दौरान सपा कार्यकर्ताओं और आलाधिकारियों में नोंकझोक भी हुई.
पुलिस ने अपनी बात कहने का नहीं दिया मौका
प्रदर्शन के दौरान समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक अनूप संडा ने कहा कि हम लोगों ने दिल्ली सीमा में चल रहे किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में यात्रा निकालने के लिए पहले ही ऐलान किया था. इसकी एक सप्ताह पूर्व प्रशासन को लिखित सूचना दी थी. इसके बावजूद हमें हाईवे पर 2 घंटे तक अनावश्यक रूप से रोका गया. पुलिस ने अपनी बात कहने का मौका नहीं दिया. जबकि पुलिस ने सपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है. हमने बिना किसी विरोध के गिरफ्तारी दी है.
सरकार नहीं सुन रही किसानों की हित की बात
पूर्व विधायक ने कहा कि सरकार किसानों के खिलाफ है. किसानों के आंदोलन का दमन करना चाहती है. किसानों के हक में कोई फैसला नहीं लेना चाहती है. हम यहां यह मांग लेकर आए थे कि किसानों को खाद बीज और पानी मिले और दुर्घटना बीमा का लाभ दिया जाए. बिचौलियों और केंद्र प्रभारियों की आपसी सांठगांठ से 800 से 900 रुपये के बीच किसानों का धान का पैसा दिया जा रहा है.