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चाइनीज मांझा बना मौत का सामान, संसद तक में गूंज आखिर कब तक होते रहेंगे हादसे

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Published : Dec 17, 2022, 12:51 PM IST

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चाइनीज मांझा

मेरठ में चाइनीज मांझे से एक मासूम बच्चा घायल हो गया है. यूपी में चाइनीज मांझा बैन है, तो आखिरकार इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल और बिक्री कैसे हो रही है और लोगों की जान पर बन आ रही है. पढ़िए ईटीवी भारत की यह खास खबर..

चाइनीज मांझे को लेकर बातचीत करते हुए संवाददाता श्रीपाल तेवतिया

मेरठः कहने को तो चाइनीज मांझे पर रोक लगी हुई है, लेकिन लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जब यह मांझा जानलेवा साबित हो रहा है. मेरठ जिले में तो क्या मासूम और क्या बुजुर्ग यह मांझा लोगों के लिए नासूर बन चुका है. अब तक कई जानें भी जा चुकीं हैं, जबकि राहचलते कितने ही लोगों के साथ दुर्घटना हो रही हैं. बार-बार हादसों से यह स्पष्ट होता है कि इसकी बिक्री धड़ल्ले से जारी है और लोगों की जान पर बन आ रही है. हाल ही में 5 साल के मासूम देवांशु की नाक में चाइनीज मांझे की वजह से चोट आई है और मासूम तब से खौफजदा है.

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(राष्ट्रीय हरित अधिकरण) ने जुलाई 2017 में जानलेवा चाईनीज मांझे (Chinese manjha) की बिक्री पर देश भर में प्रतिबंध लगाया था. तब एनजीटी ने ऑर्डर में कहा था कि स्वतंत्रता दिवस पर पतंग उड़ाना देश की परंपरा रही है, लेकिन खतरनाक मांझे से पशु-पक्षी और लोग बुरी तरह जख्मी हो जाते हैं. इसके बाद सरकार की तरफ से भी कई बार चाइनीज मांझे की रोकथाम के लिए शासन स्तर से निर्देश दिए गए. स्थानीय प्रशासन ने भी अभियान चलाए, लेकिन मांझे के शिकार होने वाले मामले बढ़ते ही गए. आलम यह है कि दुर्घटनाओं में कोई कमी नही आई.

ये मामले आए सामने

  1. शास्त्रीनगर में बाइक सवार युवक की गर्दन कटी. 50 टांके आए थे.
  2. जाकिर कालोनी चौकी के सामने बाइक सवार की गर्दन में चाइनीज मांझा लिपटा था, हटाने में अंगुली जखमी हो गई.
  3. 18.08.22 को रेलवे रोड थाना क्षेत्र में स्कूटी सवार व्यक्ति व लिसाड़ी गेट में स्कूटी पर जा रहा बच्चा घायल हुआ था.
  4. हस्तिनापुर के गांव गणेशपुर निवासी विकास चाइनीज मांझे की चपेट में आए थे.
  5. मवाना थाने के पास बाइक सवार युवक की गर्दन कटी थी.
  6. कचहरी से शताब्दी नगर स्थित आवास पर जा रहे अधिवक्ता विकास शर्मा मांझे से घायल हो गए थे.
  7. कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के शिवलोक पुरी निवासी आयुष चाइनीज मांझे से घायल हुए थे.
  8. दीवान पब्लिक स्कूल के सिक्योरिटी सुपरवाइजर गौरव की गर्दन चाइनीज मांझे से कटी थी उपचार के बाद उनकी मौत हो गई थी.
  9. आयकर कॉलोनी के पास मांझे की चपेट में आकर अधिवक्ता घायल हो गए थे.
  10. शुक्रवार को लिसाड़ी गेट के ढवाई नगर निवासी पावलूम फेक्ट्री संचालक वाजिद की गर्दन कटी है. उन्हें 18 टांके आए हैं, अस्पताल में इलाज चल रहा है.
  11. हाल ही में 5 साल के मासूम देवांशु की नाक चाइनीज मांझे की वजह से कटी है और मासूम तब से खौफजदा है.

कार्रवाई चाहते हैं लोग
ईटीवी भारत की टीम ने मासूम देवांशु के परिजनों से बात की. वह बेहद घबराए हुए हैं और भगवान का शुक्रिया भी अदा कर रहे हैं कि बच्चे की नाक पर ही बीती अगर गर्दन में मांझा लग जाता, तो कुछ भी हो सकता था. फिलहाल ऐसे वाकिए लगातार हो रहे हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ से सिर्फ कार्रवाई का दम भरा जा रहा है. इन तमाम परिवारों के लोग चिंतित हैं. वह चाहते हैं कि सरकार इस तरफ ध्यान दे और प्रशासन सख्ती से ऐसे मुनाफा खोरों के खिलाफ एक्शन ले जो चाइनीज मांझा स्टोर कर रहे हैं या बिक्री कर रहे हैं.

दो साल में चाइनीज मांझे से जा चुकी 4 जान
23 सितंबर, 2021 को एनएच 58 पर बी फार्मा के छात्र अजय (24) की गर्दन में मांझा लपेटे जाने से मौत हो गई थी. इसी तरह के मामले में 13 अक्टूबर, 2021 को चाइनीज मांझा से गले में गहरा घाव होने से रोहता रोड पर एक मिस्त्री की मौत हो गई थी. इसी साल 5 फरवरी को बेगम बाग के गुड्डू की भी इसी तरह मौत हो गई थी, जबकि एक गार्ड की भी मौत चाइनीज मांझे की वजह से हुई.

सांसद ने मुद्दे को उठाया संसद में
मेरठ-हापुड़ लोकसभा से सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान चाइनीज मांझा अथवा इसी प्रकार के हानिकारक मांझे के भंडारण, बिक्री व उपयोग पर प्रभावी प्रतिबंध लगाने और इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई किये जाने की मांग की. लोकसभा में शून्यकाल के दौरान इस मामले पर बोलते हुए सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि 'मैं चाइनीज मांझे के उपयोग से होने वाली दुर्घटनाओं की ओर आकृष्ट करना चाहता हूं. यह मांझा जानलेवा होने के साथ ही साथ जहरीले व नॉन बायोडिग्रेडेबल संगठकों से निर्मित होने के कारण पर्यावरणीय दृष्टि से भी अत्यंत हानिकारक है. कुछ प्रदेशों जैसे गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान में पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के अंतर्गत चाइनीज मांझा की बिक्री व उपयोग प्रतिबंधित किया हुआ है. इस प्रतिबंध के बावजूद मांझे से हो रही दुर्घटनाओं पर प्रभावकारी रोक नहीं लग पाई है. दुर्घटना होने पर मांझा प्रयोग करने वाले व्यक्ति को पहचानना एवं पकड़ना मुश्किल होता है औऱ मांझा बेचने वाले के खिलाफ कार्रवाई का कोई सख्त प्रावधान नहीं होने के कारण इस मांझे के विक्रेता कानूनी दायरे से बाहर चले जाते हैं'.

सांसद ने कहा था कि 'चाइनीज मांझे के कारण निरंतर दुर्घटनाएं हो रही हैं. इस मांझे की चपेट में आने वाले टू-व्हीलर पर चलने वाले व्यक्तियों की गर्दन कट जाती है और यह मांझा विद्युत का सुचालक होने के कारण हाईटेंशन तारों को छूता हुआ राह चलते व्यक्तियों को झुलसा देता है. इन कारणों से प्रत्येक वर्ष अनेक व्यक्ति विशेष कर बच्चे घायल हो रहे हैं और अनेकों की मृत्यु हो चुकी है'.

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