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चाइनीज मांझा काट रहा जिंदगी की डोर, जिम्मेदारों की उदासीनता से जा रही जान

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Published : Sep 26, 2022, 10:09 PM IST

यूपी विधान परिषद (UP Legislative Council) में शुक्रवार को चाइनीज मांझे को लेकर विपक्ष ने सत्ता पक्ष से सवाल किया. चाइनीज मांझा यूपी में बैन है, तो आखिरकार इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल और बिक्री कैसे हो रही है.

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चाइनीज मांझा

लखनऊ: चाइनीज मांझा, एक ऐसा नाम जिसे सुनते ही लोगों की जान सूख जाती है. पतंग की ये डोर हर रोज देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों की जिन्दगी की डोर काट रही है. बावजूद इसके लखनऊ, प्रयागराज और वाराणसी समेत कई जिलों में चाइनीज मांझा धाड़ड़ले से बेचा भी जा रहा है और लोग उसका इस्तेमाल भी कर रहे है. यूपी विधान परिषद (UP Legislative Council) में शुक्रवार को चाइनीज मान्झे को लेकर विपक्ष ने सत्ता पक्ष से सवाल किया. चाइनीज मांझा यूपी में बेन है तो आखिरकार इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल और बिक्री कैसे हो रही है.

सदन में यह सवाल इसलिए गुंजा, क्योंकि बुधवार को लखनऊ के एक निजी अखबार के पत्रकार अभिषेक रंजन अपने घर से कार्यालय आ रहे थे, उस दौरान उन्होंने हेलमेट लगाया था. इसके बाद भी चाइनीज मांझा उनके हेलमेट को काटते हुए उनके चेहरे पर वार कर दिया. चाइनीस मांझी के इस हमले में वह बच तो गए लेकिन अभी भी इस कदर ट्रॉमा में है. बाहर निकलने से भी डर रहे हैं.

जानकारी देते हुए डीसीपी रजत कौशिक

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लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की प्रवक्ता वर्ड डीसीपी अपर्णा कौशिक के मुताबिक, कई बार चाइनीज मान्झे से मौत और घायल होने की घटना सामने आती रहती है, जिसको लेकर जिला प्रशासन के साथ मिलकर हम लोग अभियान चला कर छापेमारी करते है. अगर आप लखनऊ , कानपुर , वाराणसी और प्रयागराज में रहते हैं और ऐसे फ्लाईओवर या सड़क से गुजर रहे हैं, जहां पर पतंगबाजी होती हो तो वहां पर आपको सावधानी बरतनी होगी. अन्यथा एक पतंग कटने से आपके शरीर से खून की धार बह सकती है. ऐसे में अगर चाइनीज मांझा गले या शरीर के किसी भी हिस्से में फस जाए तो उसे झटके से अलग ना करें. अगर घाव गहरा हो गया है तो तत्काल डॉक्टर के पास जाए और ट्रीटमेंट ले. विशेषज्ञों का कहना है कि जिन इलाकों में पतंगबाजी ज्यादा होती है. वहां गुजरते समय अपने गले को अच्छे से कवर कर लें साथ ही हेलमेट का शीशा जरूर बंद रखें.

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दरअसल, चाइनीज मांझे का दूसरा नाम प्लास्टिक मांझा भी है. यह अन्य मांझों की तरह धागों से नहीं बनता है बल्कि नायलॉन और एक मैटेलिक पाउडर से मिलकर बनाया जाता है. नायलॉन के तार में कांच आदि लगातार इसे और भी ज्यादा धारदार बनाया जाता है. यह स्ट्रेचेबल भी होता है, इस वजह से कटता भी नहीं हैं. वहीं, जब इसे पतंग के साथ उड़ाते हैं तो इसमें हल्का से कंपन होता है. यह सामान्य मांझे की तुलना में काफी धारदार होता है. साथ ही यह इलेक्ट्रिक कंडक्टर होता है, जिस वजह से इसे और भी ज्यादा खतरनाक माना जाता है. दरअसल, इलेक्ट्रिक कंडक्टर होने की वजह से चाइनीज मांझे में करंट आने का खतरा रहता है. इस धागे से पक्षी से लेकर लोगों की जान जा चुकी है.

बता दें कि , अम्बेडकर नगर के बसखारी क्षेत्र में गौतम अपनी बहन को लेकर मोटरसाइकिल से उसके घर छोड़ने जा रहा था. जैसे ही वह हाईवे में बने ओवर ब्रिज के पास पहुंचा कि तभी कटी पतंग में लगा माझा गौतम के गले में फंस गया और जब तक गौतम उसकी बहन कुछ समझ पाते तब तक गौतम का गला कट चुका था. गौतम के गले से खून निकलने लगा था और कुछ ही मिनटों में उसकी जान चली गई. जबकि मेरठ के रेलवे रोड थाना क्षेत्र में गौरव राजपूत जोकि कि स्कूल में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था. वह अपने घर से स्कूल जा रहा था. लेकिन रास्ते पर चाइनीज मांझा ने उसकी गर्दन काट दी. गौरव की मौके पर ही मौत हो गई.

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