ETV Bharat / state

सीएम योगी ने बताया प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर करने का मूलमंत्र

author img

By

Published : Nov 8, 2019, 5:11 PM IST

सीएम योगी ने लोकभवन में बैठक की.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. इसमें सर्वाधिक आबादी वाले उप्र की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. ऐसा तभी संभव है जब तय समय सीमा में उप्र की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन डॉलर की हो.

लखनऊ: सीएम योगी ने शुक्रवार को यहां लोकभवन में प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद को एक ट्रिलियन डॉलर किए जाने के लिए विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों, विश्व बैंक, एशियन डेवलपमेंट बैंक, आईआईएम कंसलटेंट फॉर्म्स, पीडब्ल्यूसी के पीएसजी आदि से आमंत्रित सुझाव के प्रस्तुतीकरण को देखा. इसके बाद उन्होंने कहा कि इसके लिए केंद्र और प्रदेश सरकार ने आधारभूत संरचना के विकास, कौशल विकास के जरिए रोजगार जैसे कई कदम उठाए हैं. इन कदमों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए दो कैबिनेट और एक उच्च स्तरीय समितियां गठित की गई हैं.

etv bharat
सीएम योगी ने लोकभवन में बैठक की.


मुख्यमंत्री ने कहा कि उप्र में देश की आबादी के करीब 17 फीसदी लोग रहते हैं, लेकिन देश की जीडीपी में इसका हिस्सा सिर्फ आठ फीसद से कुछ अधिक है. इसी गैप के नाते यहां संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं. इन संभावनाओं के बेहतर फायदे के लिए निवेशक आगे आएं, इसके लिए हमने हर क्षेत्र में नई और बेहतर पॉलिसी बनाई है.

सीएम योगी ने कहा कि कानून के राज को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है. आधारभूत संरचना बेहतर करने के लिए प्रयास जारी है. इज ऑफ डूइंग बिजनेस में हमारी रैंकिंग सुधरी है. ढाई साल में प्रदेश के प्रति लोगों का नजरिया बदला है. सफलतम इन्वेस्टर्स समिति और दो ग्राउंड ब्रेक्रिंग सेरेमनी इसका सबूत है. लक्ष्य हासिल करने के लिए जरूरत के अनुसार हम समय-समय पर और भी सुधार करेंगे.

भारतीय प्रबंधन संस्थान लखनऊ, बेंगलुरु और अर्नेस्ट यंग ने अपने प्रस्तुतिकरण में यह बताया कि कैसे और किन उपायों से हम एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं. इनके मुताबिक इसे हासिल करने में 70 फीसदी भूमिका क्रियान्वयन की होगी. उन राज्यों (गुजरात, महाराष्ट्र) और देशों (चीन, बांग्लादेश, मलेशिया और सिंगापुर) से सीख लेनी होगी, जिन्होंने हाल के वर्षों में तेजी से प्रगति की है. मैन्युफैक्चरिंग, सेवा और कृषि प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों पर अधिक ध्यान देना होगा.


अन्य सुझाव इस प्रकार हैं

  • संभावनाओं वाले क्षेत्रों की पहचान.
  • बड़े शहरों के पास औद्योगिक क्लस्टरों का विकास.
  • इन क्लस्टरों के अनुसार कौशल विकास.
  • इनमें स्थानीय स्तर के शिक्षण संस्थाओं, विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग कालेज, प्रबंधन संस्थान और विश्वविद्यालयों का सहयोग और सुझाव.
  • हर क्लस्टर के लिए एक मेयर या मुख्य कार्यपालक अधिकारी जैसे पद का सृजन.
  • मुख्यमंत्री कार्यालय से लगातार निगरानी.
  • हर लक्ष्य के लिए डेडलाइन का निर्धारण.
  • अगर लक्ष्य नहीं हासिल हुआ तो कमियों को तलाश कर उनको दूर करना.
  • इज ऑफ डुइंग बिजनेस की प्रक्रिया को और प्रभावी बनाना.
  • सुशासन, बेहतर आधारभूत संरचना और हर स्तर पर जिम्मेदारी तय करना और प्रभावी क्रियान्वयन आदि.
Intro:लखनऊ: मुख्यमंत्री ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर करने के लिए बताए मूलमंत्र

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इसमें सर्वाधिक आबादी वाले उप्र की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। ऐसा तभी संभव है जब तय समय में उप्र की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन डॉलर की हो। इसके लिए क्षेत्रवार दीर्घ और अल्पकालीन रणनीति बनानी होगी। सुशासन, तेजी से निर्णय एवं उनका क्रियान्वयन, शीर्षस्थ शैक्षणिक संस्थाओं से सहयोग और टीमवर्क को मूल मंत्र बनाना होगा।

Body:सीएम योगी ने शुक्रवार को यहां लोकभवन में प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद को एक ट्रिलियन डॉलर किए जाने हेतु विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों, विश्व बैंक, एशियन डेवलपमेंट बैंक, आईआईएम कंसलटेंट फॉर्म्स, पीडब्ल्यूसी के पीएसजी आदि से आमंत्रित सुझाव के प्रस्तुतीकरण को देखते हुए कहा कि इसके लिए केंद्र और प्रदेश सरकार ने आधारभूत संरचना के विकास, कौशल विकास के जरिये रोजगार जैसे कई कदम उठाए हैं। इन कदमों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए दो कैबिनेट और एक उच्च स्तरीय समितियां गठित की गयी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उप्र में देश की आबादी के करीब 17 फीसद लोग रहते हैं, पर देश की जीडीपी में इसका हिस्सा सिर्फ आठ फीसद से कुछ अधिक है। इसी गैप के नाते यहां संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं। इन संभावनाओं के बेहतर फायदे के लिए निवेशक आगे आएं। इसके लिए हमने हर क्षेत्र में नयी और बेहतर पॉलिसी बनायी है। कानून के राज को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। आधारभूत संरचना बेहतर करने के लिए प्रयास जारी हैं। इज ऑफ डूइंग बिजनेस में हमारी रैंकिंग सुधरी है। ढाई साल में प्रदेश के प्रति लोगों का नजरिया बदला है। सफलतम इन्वेस्टर्स समिति और दो ग्राउंड ब्रेक्रिंग सरमनी इसका सबूत है। लक्ष्य हासिल करने के लिए जरूरत के अनुसार हम समय-समय पर और भी सुधार करेंगे।

भारतीय प्रबंधन संस्थान लखनऊ, बेंगलुरु और अर्नेस्ट यंग ने अपने प्रस्तुतिकरण में यह बताया कि कैसे और किन उपायों से हम एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। इनके मुताबिक इसे हासिल करने में 70 फीसद भूमिका क्रियान्वयन की होगी। उन राज्यों (गुजरात, महाराष्ट्र) और देशों (चीन, बांगलादेश, मलेशिया और सिंगापुर) से सीख लेनी होगी, जिन्होंने हाल के वर्षों में तेजी से प्रगति की है। मैन्यूफैक्चरिंग, सेवा और कृषि प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों पर अधिक ध्यान देना होगा।

अन्य सुझाव इस प्रकार हैं

संभावनाओं वाले क्षेत्रों की पहचान।
बड़े शहरों के पास औद्योगिक क्लस्टरों का विकास।
इन क्लस्टरों के अनुसार कौशल विकास।
इनमें स्थानीय स्तर के शिक्षण संस्थाओं विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग कालेज, प्रबंधन संस्थान और विश्वविद्यालयों का सहयोग एवं सुझाव।
हर क्लस्टर के लिए एक मेयर या मुख्य कार्यपालक अधिकारी जैसे पद का सृजन।
मुख्यमंत्री कार्यालय से लगातार निगरानी।
हर लक्ष्य के लिए डेडलाइन का निर्धारण।
अगर लक्ष्य नहीं हासिल हुआ तो कमियों को तलाश कर उनको दूर करना।
इज ऑफ डूइंग बिजनेस की प्रक्रिया को और प्रभावी बनाना।
सुशासन, बेहतर आधारभूत संरचना और हर स्तर पर जिम्मेदारी तय करना और प्रभावी क्रियान्वयन आदि।

कार्यक्रम में सरकार के मंत्री सतीश महाना, सिद्धार्थ नाथ सिंह, महेंद्र सिंह, गोपाल टंडन, श्रीकांत शर्मा संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, शैक्षणिक संस्थाओं के प्रतिनिधि समेत अन्य लोग मौजूद थे।Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.