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उड़ान कैंसिल कर यात्री को भूली निजी एयरलाइंस कंपनी, देना होगा एक लाख से अधिक जुर्माना

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 2, 2024, 11:33 AM IST

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लोक अदालत के अध्यक्ष अखिलेश कुमार तिवारी, सदस्य मीना राठौर व अमित दीक्षित (pay a fine of Rs 1 lakh to passenger) की तीन सदस्यीय पीठ ने एयरलाइंस को एक लाख रुपये हर्जाना देने का आदेश दिया है.

कानपुर : उड़ान निरस्त का मैसेज भेजकर यात्री को उसके हाल पर छोड़ देना निजी एयरलाइंस कंपनी को बहुत महंगा पड़ गया. यात्री द्वारा दायर किए गए वाद पर स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष अखिलेश कुमार तिवारी, सदस्य मीना राठौर व अमित दीक्षित की तीन सदस्यीय पीठ ने एयरलाइंस को टिकट अंतर की धनराशि 17982 रुपये व मानसिक पीड़ा के लिए एक लाख रुपये हर्जाना देने का आदेश दिया है. 4502 रुपये में बुक हुए टिकट के बजाय यात्री को अहमदाबाद से 20220 रुपये देकर वापस लौटना पड़ा था. इस मामले की चर्चा पूरे शहर में जोरों पर है. आदेश में यह भी कहा गया, कि अगर कंपनी बंद हो गई है तो कंपनी के उस समय के प्रबंध निदेशक को उक्त राशि यात्री को वापस करनी होगी.

अधिवक्ता ने अपना व पिता का कराया था टिकट : इस मामले में अधिवक्ता अनूप शुक्ला ने बताया, कि उन्होंने 28 दिसंबर 2019 के लिए अहमदाबाद से लखनऊ वापसी के लिए निजी एयरलाइंस कंपनी की फ्लाइट से अपने व अपने पिता के लिए नौ दिसंबर 2019 को 4502 रुपये भुगतान कर दो टिकट बुक करवाई थीं. 25 दिसंबर को अहमदाबाद से अनूप को अपने पिता के साथ सोमनाथ दर्शन के लिए ट्रेन से जाना था, हालांकि 25 दिसंबर की शाम को उन्हें एयरलाइंस की ओर से फ्लाइट निरस्त होने का मैसेज मिला. हालांकि न तो एयरलाइंस की ओर से किसी तरह का संपर्क अनूप से किया गया, न ही उनके टिकट के रुपये वापस हुए. ऐसे में उन्हें 29 दिसंबर को एक व्यापारिक मीटिंग के लिए लखनऊ पहुंचना था. कोई और रास्ता न दिखने पर उन्होंने निजी एयरलाइंस कंपनी से अहमदाबाद से कानपुर की फ्लाइट 13480 रुपये में बुक कराई. इस वजह से अनूप को एयरलाइंस की लापरवाही के चलते 17982 रुपये की आर्थिक क्षति पहुंची.

फिर अधिवक्ता ने एयरलाइंस व प्रबंध निदेशक के खिलाफ वाद दायर किया : इसके बाद कानपुर में अधिवक्ता अनूप शुक्ला ने इस मामले में वाद दाखिल किया. अधिवक्ता ने एयरलाइंस व प्रबंध निदेशक पर टिकट के अंतर की धनराशि व 80 वर्षीय पिता को मानसिक रूप से परेशान करने को लेकर 50 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति मांगी थी. वहीं, पूरे मामले पर एयरलाइंस कंपनी की ओर से बताया गया था, कि 20 फरवरी 2020 को ट्रेवल एजेंट व अन्य कंपनी की मदद से पूरी धनराशि (टिकट) वापस कर दी गई थी. इसके अलावा सुलह के लिए 6 सितंबर की तिथि भी तय थी, लेकिन, तय समय पर जब एयरलाइंस कंपनी की ओर से कोई नहीं पहुंचा तो सोमवार को स्थायी लोक अदालत की ओर से उक्त फैसला सुनाया गया.

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