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नाबालिग को मरा समझ छोड़ गए थे हत्यारे, उसी की गवाही से 10 साल बाद पांच आरोपियों को हुई आजीवन कारावास की सजा

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Published : Aug 16, 2023, 9:16 PM IST

murder accused sentenced for life imprisonment
नाबालिग को मरा समझ छोड़ गए थे हत्यारे, उसी की गवाही से 10 साल बाद पांच आरोपियों को हुई आजीवन कारावास की सजा

जोधपुर के चौपासनी हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र में 10 साल पहले हुए हत्याकांड में 5 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. इन आरोपियों को पहचाने और उनके जुर्म की गवाही देने में उस नाबालिग का हाथ रहा, जिसे वे मरा समझ छोड़ गए थे.

जोधपुर. जोधपुर के चौपासनी हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र में 10 साल पूर्व घटित सामूहिक हत्याकांड में जिस नाबालिग को मरा हुआ जानकर आरोपियों ने छोड़ दिया था, उसी एक मात्र चश्मदीद की गवाही से पांचों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा के आदेश दिए गए हैं. अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या 2 जोधपुर महानगर के पीठासीन अधिकारी प्रवीण कुमार मिश्रा से सामूहिक हत्याकांड के आरोपियों भावेश उर्फ बन्टी, सुनील, कमल वैष्णव, मनीष पंवार, अनिल उर्फ भाया को हत्याकांड का दोषी मानते हुए सभी को आजीवन कारावास सहित विभिन्न धाराओं में अलग-अलग सजा व जुर्माना से दण्डित करने का आदेश दिया.

यह था मामला: परिवादी के अधिवक्ता न्यायमित्र भारत भूषण शर्मा, जहीर अब्बास व अपर लोक अभियोजक अनिल देवड़ा ने अदालत को बताया कि 21 जून, 2013 को सभी आरोपियों सहित दो अन्य व्यक्तियों ने महादेव नगर, चौपासनी हाउसिंग बोर्ड में धमेन्द्र उर्फ महेश के घर में घुसकर धर्मेन्द्र व उसकी पत्नि राखी, सास लक्ष्मी देवी तथा सहेली सुनिता रखवानी तथा उसके दो वर्ष के मासूम पुत्र तनिष्क को धारदार हथियारों से सभी के गले व पेट काटकर जान से मार डाला.

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इस घटना में मृतका राखी की 8 वर्षीय नाबालिग बच्ची कशिश को भी जान से मारने की नियत से उसके गले में धारदार हथियारों से 8 वार किए गए. उसके पेट को चीर दिया गया. इसके बाद उसे मरा हुआ जानकर छोड़ दिया. इसके बाद सभी आरोपी सोने-चांदी के जेवर लूटकर भाग गए. लेकिन कशिश जिंदा बच गई. घटना के 24 घंटे बाद परिवादी के वहां पहुंचने और पुलिस को बुलाने पर 24 घंटों तक कशिश जीवन और मृत्यु के बीच में संघर्ष करती रही. यही बच्ची इस हत्याकांड की एकमात्र चश्मदीद गवाह थी. उसी ने बयान देते हुए सभी आरोपियों को पहचाना और उनके द्वारा हत्या करना अदालत को बताया. उसी के बयानों से आरोपियों के खिलाफ अपराध प्रमाणित हुआ.पुलिस ने आरोपियों के हथियार और लूट गए जेवरात बरामद कर लिए.

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अधिवक्ताओं ने रखी दलीलें: न्यायमित्र भारत भूषण शर्मा, जहीर अब्बास ने अदालत को बताया कि हत्याकांड में एक 2 वर्ष का मासूम बच्चा, 8 वर्ष की मासूम बच्ची, 3 महिलाओं व 1 व्यक्ति की बर्बरतापूर्वक हत्या की गई. आरोपियों को कठोर से कठोर दण्ड दिया जाए. अदालत ने सभी मुल्जिमानों को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास तथा हत्या के प्रयास में 10 वर्ष का कारावास व 50000 रुपए का जुर्माना लगाया. आरोपी घटना से लेकर आज तक जेल में ही बंद हैं.

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