ETV Bharat / state

गहलोत-पायलट की सियासी खींचतान के बीच राजस्थान के प्रभारी बनाए गए सुखजिंदर सिंह रंधावा, ये होगी अहम चुनौतियां

author img

By

Published : Dec 6, 2022, 3:20 PM IST

Randhawa made incharge of Rajasthan
Randhawa made incharge of Rajasthan

कांग्रेस ने पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को राजस्थान का प्रभारी (Sukhjinder Singh Randhawa in charge of Rajasthan) बनाया है. सीएम अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच टकराव को देखते हुए प्रदेश में पार्टी को एकजुट रखना ही अब रंधावा की सबसे बड़ी चुनौती होगी.

जयपुर. पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री व राहुल-प्रियंका के करीबी माने जाने वाले सुखजिंदर सिंह रंधावा को पंजाब चुनाव में पार्टी ने एआईसीसी की प्रमुख जिम्मेदारी देने का जो वादा किया था, उसे अब पूरा कर दिया गया है. पार्टी ने उन्हें राजस्थान का प्रभारी नियुक्त किया है. लेकिन सीएम गहलोत और पायलट के बीच चल रही कुर्सी की जंग के बीच उनका यह पदभार किसी कांटों के ताज से कम नहीं है. दरअसल, सुखजिंदर सिंह रंधावा पंजाब के वह नेता हैं, जिन्होंने गांधी परिवार के कहने पर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ झंडा उठाया था. वह खुद भी पंजाब के (Congress reposed faith in Randhawa) मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार थे, लेकिन पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया तो कांग्रेस आलाकमान ने न केवल रंधावा को उपमुख्यमंत्री बनाया, बल्कि उनसे तभी यह वादा किया गया था कि उन्हें पार्टी में अहम जिम्मेदारी दी जाएगी. ऐसे में अब रंधावा को अजय माकन की जगह राजस्थान कांग्रेस का प्रभारी बनाकर एक सत्ताधारी राज्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

असल में सुखजिंदर सिंह रंधावा को स्पष्टवादी और कठोर निर्णय लेने वाले नेता के तौर पर जाना जाता है, लेकिन राजस्थान प्रभारी का पद गहलोत और पायलट के बीच चल रही मुख्यमंत्री की कुर्सी की जंग के चलते कांटों के ताज से कम नहीं है. साल 2020 में पायलट की नाराजगी के चलते (Rajasthan Political crisis) प्रभारी अविनाश पांडे और 25 सितंबर, 2022 को राजस्थान में हुए सियासी घटनाक्रम के बाद गहलोत की नाराजगी के चलते अजय माकन को राजस्थान प्रभारी पद छोड़ना पड़ा. ऐसे में कांग्रेस को पायलट गहलोत के बीच चल रहे द्वंद के चलते ही केवल दो साल में तीसरा प्रभारी बनाना पड़ा है. अब रंधावा इन दोनों नेताओं को कैसे साधते हुए साल 2023 के चुनावी रण में उतरते हैं, यह देखने की बात होगी.

इसे भी पढ़ें - Bharat Jodo Yatra: राहुल गांधी ने मोदी समर्थकों को दिया फ्लाइंग किस

रंधावा की पहली चुनौती: रंधावा को प्रियंका गांधी का करीबी भी माना जाता है. रंधावा के पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी से भी बेहतर तालमेल है. ऐसे में रंधावा की नियुक्ति में प्रियंका गांधी के साथ ही हरीश चौधरी की भी अहम भूमिका मानी जा रही है, लेकिन राजस्थान (Bharat Jodo Yatra) में एंट्री के साथ ही उनके सामने पहली प्राथमिकता 'भारत जोड़ो यात्रा' को बिना किसी विवाद के राजस्थान से निकलवाने की होगी. वहीं, 'भारत जोड़ो यात्रा' के बाद पायलट और गहलोत के बीच जारी सियासी घमासान को शांत करवाने और फिर गहलोत समर्थक विधायकों के इस्तीफों को वापस करवाना उनकी सबसे बड़ी चुनौती होगी. इधर, 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक नहीं होने के लिए जिन तीन नेताओं महेश जोशी, शांतिलाल धारीवाल और धर्मेंद्र राठौड़ को जिम्मेदार माना गया था, उनको लेकर भी स्थिति स्पष्ट करनी होगी. साथ ही पायलट-गहलोत के बीच किसी तरह से सामंजस्य बैठना होगा. ऐसे में संभव है कि रंधावा विधायकों के इस्तीफे वापस दिलवा कर जल्द ही राजस्थान में विधायक दल की बैठक करवाएंगे. भले ही उसमें कोई प्रस्ताव लाया जाए या नहीं.

आज रात जयपुर आने की संभावना: सुखजिंदर सिंह रंधावा को राजस्थान का प्रभारी बनाया गया है, क्योंकि राजस्थान से ही भारत जोड़ो यात्रा निकल रही है. ऐसे में रंधावा आज रात को जयपुर आ सकते हैं, जो रात को जयपुर रुककर बुधवार की सुबह भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए कोटा जा सकते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.