चित्तौड़गढ़. जिले के पारसोली थाना क्षेत्र में गत दिनों सर्राफा व्यवसायी को नकली आभूषण थमाने वाले बदमाश आखिर पुलिस के हत्थे चढ़ गए. आरोपित पुनः ठगी के प्रयास में थे, लेकिन सूचना मिलने के बाद पारसोली पुलिस उन्हें तलाशते हुए चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय तक पहुंच गई. गिरफ्तार किए आरोपियों से पुलिस ने नकली जेवर भी बरामद कर लिए हैं. दोनों आरोपी असली सोने के जेवरात बता कर नकली जेवरात कम कीमत में बेचने वाले घुंघरू गिरोह से जुड़े हैं.
पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल ने बताया कि थानाधिकारी पारसोली मय टीम ने लोगों को असली सोने के सैम्पल दिखाकर उन्हें नकली सोना बेचने के गिरोह का पर्दाफाश किया है. इनके कब्जे से 1 नकली सोने का हार, 2 जोड़ी नकली चांदी के पायजेब, एक नथ मय चेन नकली सोने की, 3 कॉच कटर, 1 मोबाइल फोन एवं 5 सिम, एक कार को बरामद किया है.
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पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गत 24 अप्रेल को प्रार्थी रावतभाटा निवासी किशन सिंह पुत्र दुधासिंह रावत ने एक रिपोर्ट देकर बताया कि 14 मार्च को प्रार्थी की दुकान पर दो व्यक्ति आए. उन्होंने मन्दिर में हवन कराने की बात कही. प्रार्थी ने हवन कराने का कारण पूछा तो आरोपियों ने बताया कि उन्हें मजदूरी करने के दौरान खुदाई में सोने के आभूषण मिले हैं. बाद में दोनों प्रार्थी नम्बर लेकर चले गए और सम्पर्क में थे. आरोपियों ने सैम्पल के रूप में दो सोने के घुंघरू भी दिए जो जांच में असली निकले. बाद में उन्होने फोन कर बताया कि उनके पास कुल सोना 1 किलो 768 ग्राम है जो दस लाख रुपये में तुम्हें दे देंगे.
इस पर उन्होंने प्रार्थी को काटुन्दा मोड बुलाया जहां दस लाख रुपये देकर उनके द्वारा दिये हुये सोने के आभूषण ले लिए. बाद में उसने जांच कराई तो पता चला कि हार नकली है. इस पर प्रकरण संख्या 46/2021 धारा 420 भादस में पारसोली थाने पर दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर आरोपियों की तलाश शुरू की गई. पारसोली थानाधिकारी संजय कुमार को मुखबिर से सूचना मिली कि उक्त प्रकार कि गैंग काटुन्दा मोड पर लोगो को ठगने के प्रयास कर रही है. इस पर थानाधिकारी मय टीम ने इनकी तलाश की तो इनके चित्तौड़गढ़ शहर में होना सामने आया. इस पर उनकी तलाश करते हुए उन्हें भीलों की झोपडि़या गांधीनगर दबिश दी तो आरोपी पुलिस को देख कर भागने लगे. इन्हें पकड़ कर पुलिस ने गहन पूछताछ कि तो ठगी करना स्वीकार किया.