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मनरेगा श्रमिकों से चौथ वसूली मामले पर विभाग ने मेट को ब्लैकलिस्ट कर की खानापूर्ति

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 21, 2023, 9:57 PM IST

बूंदी के हिंडोली उपखंड की धोवडा ग्रामपंचायत में मनेरगा श्रमिकों से चौथ वसूली के मामले में विभाग ने मेट को ब्लैकलिस्ट कर खानापूर्ति कर ली है.

Met blacklisted after allegation of bribe in Bundi
चौथ वसूली करने वाला मेट ब्लैकलिस्ट

बूंदी. हिंडोली उपखंड की धोवडा ग्रामपंचायत में चल रही मनमर्जी की मनरेगा पर जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी अपने आप मे बहुत बड़ा सवाल खड़ा कर देती है. धोवडा ग्रामपंचायत मे मनरेगा श्रमिकों से काम ना करवाने व मस्टरोल में नाम जोड़ने की एवज से 300 से 500 रुपए तक की वसूली के मेटों पर आरोप में सरपंच का भी नाम सामने आ रहा है. इस मामले में विभाग ने मेट को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है. हालांकि सरपंच पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

उपखण्ड अधिकारी कुलदीप सिंह शेखावत ने बताया कि मामले की शिकायत मिलने के बाद विकास अधिकारी से जांच करवाई गई. जांच में एक मेट दोषी पाए जाने के बाद उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया है. जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उल्टा जिन पर मिलीभगत का आरोप लगाया जा रहा है, उनसे जांच कराई जा रही है.

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वहीं दूसरी ओर धोवड़ा ग्रामपंचायत सरपंच ब्रजराज सिंह का मामले में कहना है कि जब मुझे पता चला कि मेट द्वारा मनरेगा श्रमिकों से चौथ वसूली की जा रही है, तो विकास अधिकारी नवनीत गौतम को जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए. इस पर ग्राम विकास अधिकारी गौतम ने जांच कर मेट लवराज सिंह को नरेगा श्रमिकों से पैसा लेना पाया. इस पर लवराज को ब्लैकलिस्ट करने के लिए पंचायत समिति हिंडोली को पत्र लिखकर सूचित कर दिया है. नरेगा श्रमिकों से जो भी इस तरह की हरकत करेगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.

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पिछले दिनों सोशल मीडिया पर मनरेगा श्रमिकों से अवैध वसूली के वीडियो वायरल हुए थे. वायरल वीडियो में मेट श्रमिकों को एक जगह बैठा कर वसूली करते नजर आया. श्रमिकों ने अवैध वसूली व रुपये ना देने पर मस्टरोल से नाम काटने की शिकायत लेकर उपखंड अधिकारी से की थी. लेकिन उपखंड अधिकारी की गैर मौजूदगी में तहसीलदार को ज्ञापन देकर मनरेगा में व्याप्त भ्रष्ट्राचार रोकने, धांधली करने वाले मेटों को ब्लैकलिस्ट करने की मांग की थी.

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पीड़ित श्रमिकों ने आरोप लगाया था कि सरपंच व मेट की मिलीभगत से काम चल रहा है. घर बैठे लोगों की हाजरी भरी जा रही है. फोटो किसी का खिंचा जा रहा, जबकि मस्टरोल में नाम किसी और का दर्ज है. मनरेगा के तहत कोई कार्य नहीं हो रहा है. बावजूद इसके निरीक्षण कर्ता केवल कागजी खानापूर्ति करके वापस लौट आते हैं.

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