ETV Bharat / bharat

स्पेलिंग की वजह से मनरेगा सूची से काटे जा रहे हैं मजदूरों के नाम, फिर से बढ़ा पलायन

author img

By

Published : Jun 25, 2023, 12:36 PM IST

एमजीएनआरईजीएस योजना से लाभार्थियों के नाम काटे जा रहे हैं. सरकार का कहना है कि मनरेगा जॉबकार्ड और आधार कार्ड पर जिनके नामों की स्पेलिंग एक नहीं है उनका नाम काटा जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

Etv Bharat
Etv Bharat

रायगड़ा : ओडिशा में ओडिशा के रायगड़ा जिले के काशीपुर ब्लॉक में रहने वाले एमजीएनआरईजीएस मजदूर इन दिनों फिर से पलायन का सोच रहे हैं. क्योंकि उनके नाम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस) के तहत लाभार्थी सूची से हटा दिए गए है. एमजीएनआरईजीएस गरीब परिवार के कम से कम वयस्क सदस्य को सालाना कम से कम 100 दिनों का भुगतान वाला काम प्रदान करता है. इस योजना से बड़ी संख्या में मजदूरों के नाम काटे जा रहे हैं. जिसके पीछे कारण बताया जा रहा है मनरेगा जॉबकार्ड और आधार कार्ड पर उनके नामों की स्पेलिंग एक ना होना. वर्तनी की एक छोटी सी गलती के कारण आज सैकड़ों लोग इस योजना से बाहर हो चुके हैं.

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 30 जनवरी को एक आदेश पारित किया था. आदेश में मनरेगा मजदूरों को होने वाले भुगतान को आधार से जोड़ने का आदेश दिया गया था. इस काम के लिए अंतिम तिथि 30 जून तय की गई थी. जैसे-जैसे राज्य इस तारीख की ओर बढ़ रहे हैं एमजीएनआरईजीएस योजना से नाम कटने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ रही है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल 23 जून तक, 61 लाख पंजीकृत श्रमिकों का नाम सूची से हटा दिया गया है. इसके पीछे या तो मजदूरों के काम करने की अनिच्छा या फिर जॉब कार्ड के फर्जी होने का कारण दिया गया है. अनुसंधान समूह लिब टेक के एक विश्लेषण के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 में सूची से हटाए गए श्रमिकों की संख्या में 244.3% की वृद्धि देखी गई. 2021-22 में 1.8% यानी 1.49 करोड़ श्रमिकों को सूची से हटाया गया था. यह संख्या 2022-23 में 14.28% यानी 5.13 करोड़ पर पहुंच गई. हालांकि, सरकार का दावा है कि यह एक रूटीन प्रक्रिया है. जिससे योजना में भ्रष्टाचार को खत्म किया जाता है.

अंग्रेजी अखबार द हिंदू के रिपोर्ट के मुताबिक, ओडिशा के रायगड़ा जिले के काशीपुर ब्लॉक के दौरे से पता चलता है कि इस प्रक्रिया में कई वास्तविक लाभार्थियों के नाम भी कट गये हैं. काशीपुर ब्लॉक में बड़ी संख्या में आदिवासी आबादी है. जानकारी के मुताबिक देश भर में सबसे अधिक नाम (प्रतिशत आधार पर) इसी ब्लॉक से कटे हैं. बताया जाता है कि गांव दर गांव आधार और जॉब कार्ड के विवरणों के नहीं मिलने के कारण लाभार्थियों के नाम सूची से हटा दिये गये हैं.

ये भी पढ़ें

काशीपुर ब्लॉक के डांगेहस्कल गांव के आदिवासी नाइक ने अंग्रेजी अखबार को बताया कि हाल ही में काम की तलाश के दौरान पता चला कि उनका जॉब कार्ड अब सिस्टम में नहीं है. नाइक के गांव में पंजीकृत 547 मनरेगा श्रमिकों में से 90 का नाम सूची से हटा दिया गया है. नाइक के तरह ही 'काम करने का इच्छुक नहीं' कारण बताते हुए 33 श्रमिकों के नाम सूची से हटा दिए गए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.