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रीट में 'चीट' : कोटा में पकड़ा गया मुन्ना भाई निकला सरकारी टीचर, बुआ के बेटे की जगह देने आया था परीक्षा

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Published : Sep 27, 2021, 3:15 PM IST

Updated : Sep 27, 2021, 4:15 PM IST

रीट परीक्षा में फर्जी अभ्यर्थी, Fake candidates in reet exam
बुआ के बेटे की जगह दे रहा था परीक्षा

कोटा में पुलिस ने रीट परीक्षा में एक आरोपी को पकड़ा था जो दूसरे अभ्यर्थी की जगह परीक्षा देने पहुंचा था. इस मामले का ग्रामीण एसपी शरद चौधरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए खुलासा किया.

कोटा. ग्रामीण पुलिस ने रविवार को रीट परीक्षा के दौरान एक मुन्ना भाई को पकड़ा था. जिसके बारे में पुलिस ने सोमवार को खुलासा किया. ग्रामीण एसपी शरद चौधरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि आरोपी अपने बुआ की बेटे के जगह परीक्षा देने पहुंचा था. आरोपी थर्ड ग्रेड टीचर की सरकारी नौकरी जालौर जिले में करता है. आरोपी ने इसके लिए 7 लाख रुपए भी लिए हैं. इसके अलावा परीक्षार्थी के आधार कार्ड में खुद का फोटो लगा लिया था.

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एसपी ग्रामीण ने बताया कि पकड़ा गया फर्जी अभ्यर्थी थर्ड ग्रेड टीचर सुरेश कुमार है, जो जालोर जिले के करेड़ा थाना के बड़ा गांव का निवासी है. साथ ही वह राजकीय प्राथमिक विद्यालय अरणाय तहसील सांचौर में कार्यरत है. आरोपी अपने जिस भाई के लिए परीक्षा देने पहुंचा था वह बाड़मेर जिले के सेढ़वा थाना के भंवार गांव निवासी हनुमान राम है.

बुआ के बेटे की जगह दे रहा था परीक्षा

लगातार पुलिस को भी करता रहा गुमराह

एसपी चौधरी ने बताया कि आरोपी पूछताछ में पुलिस को घंटों गुमराह करता रहा. हर बार वह अपना नाम अलग-अलग बताता रहा. जब परीक्षार्थी के घर पर बाड़मेर पुलिस को भेजा गया, तब सामने आया कि यह परीक्षार्थी फर्जी है. उसने पहले अपने आपको हरीश विश्नोई बता दिया था. इस मामले में पुलिस जल्द ही हनुमान राम को भी गिरफ्तार करेगी.

रिश्तेदारों को भी नाम बताएं समान

पुलिस ने कहा कि सुरेश चौधरी को कैथून थाना पुलिस के ताथेड़ स्कूल सेंटर से इसे दूसरे की जगह परीक्षा देते हुए पकड़ा था. इसके लिए एसओजी ने इनपुट दिया था. ऐसे में घंटों तक पूछताछ जारी रही, लेकिन यह अधिकांश जानकारी सही बता रहा था. क्योंकि यह परीक्षार्थी खुद उसकी बुआ का बेटा है, लेकिन पुलिस का शक बरकरार रहा.

सुरेश का फोटो किया हनुमान ने उपलोड

जब आरोपी से कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसकी बुआ के बेटे हनुमान राम के लिए ही वह परीक्षा देने के लिए आया है. साथ ही इसके लिए उसने 7 लाख रुपए भी हनुमान राम से लिए हैं. हनुमान राम ने जब रीट का फॉर्म भरा था, तभी उन्होंने यह बात तय कर ली थी और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के लिए रीट आवेदन करते समय ही हनुमान राम ने उसके फोटो का प्रयोग किया था.

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इसके अलावा हनुमान राम ने अपने आधार कार्ड में भी बदलाव करते हुए फोटो करेक्शन कराते हुए सुरेश का फोटो लगा दिया था. जिससे कि फर्जी परीक्षा देने जाते समय उसे सेंटर के वीक्षक और पर्यवेक्षक नहीं पकड़ सके. हालांकि जब इसकी अन्य आईडी चेक की गई तो पैन कार्ड में दोनों का फोटो अलग-अलग मिला. जिसके बाद ही सुरेश के फर्जी होने की बात सामने आई.

Last Updated :Sep 27, 2021, 4:15 PM IST
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