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Rajasthan Year Ender 2021 : राजस्थान में बढ़ा महिला अपराध का ग्राफ, दलित अत्याचार में भी इजाफा

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Published : Dec 24, 2021, 6:36 PM IST

Updated : Dec 24, 2021, 8:10 PM IST

Crime Graph in Rajasthan
राजस्थान में बढ़ा महिला अपराध का ग्राफ

राजस्थान पुलिस हर साल महिला अपराधों और एससी/एसटी अत्याचारों पर लगाम लगाने के लिए अनेक तरह के अभियान चलाती है. इसके बावजूद प्रदेश में महिला अपराधों व एससी/एसटी अत्याचारों के आंकड़े (Crime Graph in Rajasthan) कम नहीं हो रहे हैं. महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों पर नकेल कसने के लिए (Rajasthan Police Action Plan on Crime) राजस्थान के प्रत्येक जिले में पुलिस नवाचार भी किए जाते हैं, लेकिन सकारात्मक प्रभाव नहीं दिख रहा है. देखिय ये रिपोर्ट...

जयपुर. राजस्थान में महिला अपराध का ग्राफ (Women Crime in Rajasthan) बढ़ता जा रहा है. इससे राजस्थान की छवि खराब हो रही है. साथ ही यह राजस्थान पुलिस व सरकार के लिए भी चिंता का विषय है. वर्ष 2021 खत्म होने जा रहा है, लेकिन राजस्थान में महिला अपराध का आंकड़ा इस साल भी शर्मसार कर देने वाला है.

राजस्थान में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के खिलाफ (Atrocities Against SC ST in Rajasthan) होने वाले अत्याचारों में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. सरकार व पुलिस के अनेक प्रयास भी इन अत्याचारों पर लगाम लगाने में पूरी तरह से फेल साबित हुए हैं. वहीं, महिला अत्याचारों व एससी/एसटी अत्यचारों को लेकर विपक्ष भी लगातार सरकार को घेरने का काम कर रही है.

डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने क्या कहा...

वर्ष 2021 में अपराधों में बढ़ोतरी : एडीजी क्राइम डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा के मुताबिक महिला अत्याचारों में वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में नवंबर माह तक दहेज आत्महत्या का दुष्प्रेरण में 4%, महिला उत्पीड़न में 24.16%, बलात्कार में 20%, छेड़छाड़ में 5%, अपहरण में 27% व अन्य अपराधों में 4% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

हालांकि, दहेज मृत्यु के प्रकरणों में वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में 5.11% की कमी दर्ज की गई है. वहीं, कुल महिला अत्याचारों की बात की जाए तो वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में महिला अत्याचारों के प्रकरणों में 17.70% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

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अनुसूचित जाति अत्याचार मामले भी वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में 7.38% तक बढ़े हैं. वहीं, अनुसूचित जनजाति अत्याचारों में वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में 13.56% की बढ़ोतरी (Dalit Atrocities Increased in Rajasthan) दर्ज की गई है. यदि बात एफआर प्रतिशत की करें तो वर्ष 2021 में दर्ज हुए महिला अत्याचारों में एफआर प्रतिशत 46.42% रहा है. अनुसूचित जाति अत्याचारों में एफआर प्रतिशत 50.73% और अनुसूचित जनजाति अत्याचारों में एफआर प्रतिशत 52.96% रहा है.

प्रकरण अनुसंधान में 73 से 76 दिन : एडीजी क्राइम डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा के मुताबिक कानून के अनुसार महिला अत्याचारों व एससी/एसटी अत्याचारों के प्रकरणों का अनुसंधान 2 महीने यानी कि 60 दिन के अंदर पूरा होना चाहिए. लेकिन इन अनुसंधान को पूरा करने में राजस्थान पुलिस को अभी 73 से 76 दिन का समय लग रहा है. पुलिस मुख्यालय से भी लगातार तमाम रेंज आईजी और जिला एसपी को इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं. पूरी कोशिश की जा रही है कि इन प्रकरणों में अनुसंधान के समय को और कम किया जाए और उसे 60 दिन के भीतर पूरा किया जाए.

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हालांकि, राजस्थान पुलिस ने इन प्रकरणों के अनुसंधान में पहले की तुलना में काफी सुधार किया है. वर्ष 2018 में इन प्रकरणों के अनुसंधान का औसत समय 300 दिन हुआ करता था. जिसमें सुधार कर उसे 73 से 76 दिन किया गया है और उसे लगातार कम करने के प्रयास जारी हैं.

इसके साथ ही महिला अत्याचारों व एससी/एसटी अत्याचारों से संबंधित जो भी प्रकरण पेंडिंग चल रहे हैं, उनके शीघ्र निस्तारण के लिए 2 महीने का एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है जो नवंबर में शुरू किया गया और 31 दिसंबर तक चलाया जाएगा. इस विशेष अभियान के तहत पिछले 1 वर्ष से पेंडिंग चले आ रहे प्रकरणों के निस्तारण के आदेश जारी किए गए हैं.

महिला व एससी/एसटी अत्याचारों का तुलनात्मक अध्ययन :

Crime Graph in Rajasthan
राजस्थान में बढ़ते अपराध...
Last Updated :Dec 24, 2021, 8:10 PM IST
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