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पर्यावरण संरक्षण की जागरूकता को लेकर वन विभाग ने करवाया हेरिटेज भ्रमण

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Published : Sep 22, 2019, 7:43 PM IST

राजस्थान वानिकी एवं वन्य जीव प्रशिक्षण संस्थान ने प्रकृति संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से रविवार को 10 दिवसीय पखवाड़े का शुभारंभ किया. जिसके तहत लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया.

Environmental Protection News, जयपुर न्यूज

जयपुर. राजस्थान वानिकी एवं वन्य जीव प्रशिक्षण संस्थान की ओर से प्रकृति संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से रविवार को 10 दिवसीय पखवाड़े का शुभारंभ किया गया. जिसके तहत लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया. जलमहल में वेस्ट आउट ऑफ बेस्ट पर आधारित प्रदर्शनी लगाई गई.

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प्रदर्शनी के माध्यम से बताया गया कि किस तरह विभिन्न अनुपयोगी चीजों से उपयोगी सामान बनाकर कचरे का प्रबंधन किया जा सकता है. इस दौरान सभी प्रतिभागियों से संकल्प पत्र भरवाया गया, जिसमें सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने और प्रदूषण नहीं फैलाने का संकल्प दिलाया गया.

साथ ही प्रतिभागियों ने फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी प्रतियोगिता में भाग लिया. इस मौके पर जयपुर महापौर विष्णु लाटा भी जलमहल पहुंचे. जहां पर उन्होंने आमजन को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया. इसके साथ ही नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन कर लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया गया.

जयपुर में वन विभाग ने करवाया हेरिटेज भ्रमण

राजस्थान वानिकी एवं वन्य जीव प्रशिक्षण संस्थान के डायरेक्टर डॉ. एनसी जैन ने बताया कि अभियान के पहले दिन पांच प्रमुख स्थानों का प्राकृतिक भ्रमण करवाया जाएगा. जिसकी थीम ट्रैक फॉर क्लीन हेरिटेज रखी गई है. जिसमें गेटोर की छतरियां, आमेर की पहाड़ियां, गलताजी जलमहल और पापड़ के हनुमानजी को चिंहित किया गया है.

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आम जनता में बढ़ते हुए कचरे की समस्या को लेकर जागरूक करना, अनुपयोगी वस्तुओं को पुनः उपयोगी बनाना, गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग निष्पादित करने, कचरे से घर पर खाद बनाना, प्लास्टिक और अजैविक पदार्थों का कम से कम उपयोग करना और इसके उपयोग न करने के बारे में भी प्रेरित करना था. जिससे जयपुर शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाया जा सके.

Intro:जयपुर
एंकर- प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए वन विभाग ने प्राकृतिक हेरिटेज भ्रमण करवाया। राजस्थान वानिकी एवं वन्य जीव प्रशिक्षण संस्थान की ओर से प्रकृति संरक्षण के प्रति जनचेतना जागृत करने के उद्देश्य से आज रविवार को 10 दिवसीय पखवाड़े का शुभारंभ किया गया। प्राकृतिक हेरिटेज भ्रमण में आमजन के साथ कई सामाजिक संगठनों और स्कूल कॉलेज के छात्र छात्राओं ने भी भाग लिया।


Body:प्राकृतिक भ्रमण कार्यक्रम के तहत लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया। गेटोर छतरियों से गढ़ गणेश मंदिर, चरण मंदिर हथिनीकुंड, आमेर की पहाड़ियों में सागर से भूतेश्वर महादेव, गलता गेट से सूर्य मंदिर, जलमहल से मनसा माता मंदिर और पापड़ के हनुमानजी का प्राकृतिक भ्रमण करवाया गया।
प्रकृति भ्रमण के दौरान सभी प्रतिभागियों ने प्लास्टिक और अजैविक पदार्थों के रूप में उपलब्ध कचरे को एकत्रित किया। सभी ट्रैक से आने वाले लोग जलमहल की पाल के अंतिम छोर पर पहुंचे। जहां वेस्ट आउट ऑफ बेस्ट पर आधारित प्रदर्शनी लगाई गई। प्रदर्शनी के माध्यम से बताया गया कि किस तरह विभिन्न अनुपयोगी चीजों से उपयोगी सामान बनाया जा सकता है और कचरे का प्रबंधन किया जा सकता है। इस दौरान सभी प्रतिभागियों से संकल्प पत्र भरवाया जिसमें सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने और प्रदूषण नहीं फैलाने का संकल्प लिया। प्रतिभागियों ने फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी प्रतियोगिता में भाग लिया। इस मौके पर जयपुर महापौर विष्णु लाटा भी जलमहल पहुंचे। जहां पर उन्होंने आमजन को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया। और अनुपयोगी वस्तुओं से बनी प्रदर्शनी की सराहना की। इसके साथ ही नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन कर लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आम जनता में बढ़ते हुए कचरे की समस्या के बारे में जागृत करना, अनुपयोगी वस्तुओं को पुनः उपयोगी बनाना गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग निष्पादित करने, कचरे से घर पर खाद बनाना, प्लास्टिक और अजैविक पदार्थों का कम से कम उपयोग करना और इसके उपयोग करने के बारे में भी प्रेरित करना था। जिससे जयपुर शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाया जा सके।

राजस्थान वानिकी एवं वन्य जीव प्रशिक्षण संस्थान के डायरेक्टर डॉ. एनसी जैन ने बताया कि अभियान के पहले दिन पांच प्रमुख स्थानों का प्राकृतिक भ्रमण करवाया जाएगा। जिसकी थीम ट्रैक फॉर क्लीन हेरिटेज रखी गई है। जिसमें गेटोर की छतरियां, आमेर की पहाड़ियां, गलताजी जलमहल और पापड़ के हनुमानजी को चिन्हित किया गया। इन पांचों स्थानों के आस-पास भ्रमण करवाने के बाद यहां से ट्रेक पर वापस आते वक्त बीच रास्ते में प्लास्टिक और कचरा एकत्रित किया। इसके बाद सभी लोग जलमहल के अंतिम छोर पर आकर एकत्रित हुए जहां "वेस्ट आउट ऑफ बेस्ट" पर आधारित एक प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें वेस्ट आइटम को कैसे यूज लिया जा सकता है इसके बारे में लोगों को प्रदर्शनी के माध्यम से जानकारी देकर जागरूक किया।

बाईट- डॉ. एनसी जैन, निदेशक, राजस्थान वानिकी एवं प्रशिक्षण संस्थान




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