ETV Bharat / city

Rajasthan bypoll Effect : 'कमल' मुरझाने से भाजपा के इन दिग्गजों का सियासी कद हुआ कमजोर, अब बनेगा रिपोर्ट कार्ड

author img

By

Published : Nov 2, 2021, 6:37 PM IST

Updated : Nov 2, 2021, 6:52 PM IST

Rajasthan bypoll Effect
Rajasthan bypoll Effect

राजस्थान के मेवाड़ की दो विधानसभा सीटों वल्लभनगर और धरियावद में भाजपा की हार ने कई प्रश्न खड़े किये हैं. अंदरखाने पार्टी में पहले ही घमासान चल रहा था. अब इन परिणामों से उस घमासान को धार मिलेगी. पार्टी के अंदर ही विरोधी खेमा जिम्मेदार नेताओं के पर कतरने के लिए जयपुर से दिल्ली तक कवायद करेगा.

जयपुर. धरियावद और वल्लभनगर विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा का कमल मुरझा गया. साल 2023 से पहले हुए इस उपचुनाव को सत्ता का सेमीफाइनल माना जा रहा था. हालांकि जो परिणाम आया उससे राजस्थान की सियासत में कोई बड़ा बदलाव नहीं आएगा, लेकिन इन दोनों ही सीटों पर भाजपा की हार से बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है.

जिन भाजपा नेताओं को उपचुनाव की जिम्मेदारी मिली थी, अब परिणाम के आधार पर उनका रिपोर्ट कार्ड भी बनेगा. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के खाते में धरियावद सीट थी. लेकिन इस बार यह सीट भी भाजपा से फिसलकर कांग्रेस के हाथ में चली गई है. वहीं वल्लभनगर में भाजपा को बड़ी हार का मुंह देखना पड़ा है. उपचुनाव में पार्टी का पूरा दारोमदार प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया के जिम्मे था, लेकिन संगठनात्मक दृष्टि से इन दोनों ही क्षेत्रों में कई वरिष्ठ नेताओं को भी उपचुनाव की जिम्मेदारियां दी गई थीं. ऐसे में इन तमाम नेताओं की प्रतिष्ठा भी मौजूदा परिणाम के बाद धूमिल हुई है.

हार के बाद भाजपा के दिग्गजों का सियासी कद घटा

इन नेताओं के सियासी भविष्य पर पड़ेगा सीधा असर

डॉ. सतीश पूनिया (भाजपा प्रदेश अध्यक्ष) - हाल ही में अलवर और धौलपुर जिले में पंचायत राज चुनाव में बीजेपी की हार हुई और अब मेवाड़ की धरियावद और वल्लभनगर विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भी भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के नाते इसकी पूरी जिम्मेदारी सतीश पूनिया पर आती है.

क्योंकि वर्तमान में राजस्थान में भाजपा का नेतृत्व पूनिया ही कर रहे हैं और उन्हीं के नेतृत्व में यह उपचुनाव लड़ा गया. अब उपचुनाव में भाजपा की हार हुई तो भाजपा के ही भीतर पूनिया विरोधी खेमे के नेता सक्रिय होंगे और इस हार का सियासी फायदा लेने की भी कोशिश करेंगे.

गुलाबचंद कटारिया (नेता प्रतिपक्ष) - उदयपुर संभाग के भाजपा के सबसे बड़े नेताओं में शामिल नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की प्रतिष्ठा भी उपचुनाव में मिली हार से धूमिल हुई है. दोनों ही सीटों पर जीत का पूरा दारोमदार कटारिया पर था. हालांकि वल्लभनगर में कटारिया उदय लाल डांगी को भाजपा प्रत्याशी बनाने के पक्ष में थे. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. धरियावद में खेत सिंह मीणा को टिकट कटारिया की मंशा पर ही दिया गया था. ऐसे में अब हार की पूरी जिम्मेदारी भी कटारिया के ही माथे आई है. अब कटारिया विरोधी नेता उन पर हावी होंगे और बढ़ती उम्र का हवाला देकर भाजपा से कटारिया के रिटायरमेंट के भी प्रयास करेंगे.

पढ़ें- उपचुनाव में हार पर भड़के पूर्व विधायक राजावत, कहा-वसुंधरा को आगे नहीं किया तो 2023 में भी होगा बुरा हाल

राजेंद्र राठौड़ (उपनेता प्रतिपक्ष) - प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ को मौजूदा उपचुनाव में धरियावद क्षेत्र में बतौर उप चुनाव प्रभारी लगाया गया था. ऐसे में इस सीट पर चुनावी मैनेजमेंट से लेकर भाजपा की तमाम गतिविधियां उनके इशारे पर ही हो रही थी. लेकिन बीजेपी यहां जीत नहीं पाई. लिहाजा राठौड़ का सियासी कद भी कम हुआ है.

अर्जुनराम मेघवाल (केंद्रीय मंत्री) - केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को वल्लभनगर सीट पर भाजपा ने उप चुनाव प्रभारी लगाया था. लेकिन भाजपा का कमल यहां पर भी नहीं खिल पाया. स्थिति इतनी खराब रही कि भाजपा यहां मुकाबले में ही नजर ही नहीं आई और कांग्रेस, आरएलपी और जनता सेना के बाद चौथे नंबर पर रही. यहां से भाजपा प्रत्याशी हिम्मत सिंह झाला की जमानत तक जब्त हो गई. ऐसे में केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का कद न केवल राजस्थान में बल्कि केंद्र में भी छोटा हुआ है.

वल्लभनगर हार से भाजपा के इन नेताओं का कद हुआ कम

वल्लभनगर विधानसभा सीट पर भाजपा की हार के बाद भाजपा सांसद सीपी जोशी, दीया कुमारी, विधायक सुरेश रावत, फूल सिंह मीणा का सियासी कद भी कम हुआ है. वल्लभनगर सीट पर हिम्मत सिंह झाला को टिकट दिलवाने में सांसद सीपी जोशी का अहम रोल रहा है. साथ ही सीपी जोशी को यहां सह प्रभारी की जिम्मेदारी भी दी गई थी. इसी तरह दीया कुमारी, सुरेश रावत और फूल सिंह मीणा को भी यहां जिम्मेदारियां पार्टी ने दी थी. लेकिन भाजपा प्रत्याशी की हार के बाद इन नेताओं की प्रतिष्ठा पर भी इसका असर पड़ा है.

पढ़ें- Exclusive : उपचुनाव में भाजपा के प्रदर्शन पर बोले सतीश पूनिया..कांग्रेस इस जीत की खुशी 2023 में कायम नहीं रख पाएगी

धरियावद में इन भाजपा नेताओं का कद हुआ कम

धरियावद सीट पर भाजपा ने राजेंद्र राठौड़ को भले ही उप चुनाव प्रभारी बनाया हो, लेकिन उनके साथ विधायक जोगेश्वर गर्ग, अमृत लाल मीणा, चंद्रभान सिंह आक्या, प्रदेश महामंत्री सुशील कटारा और पूर्व विधायक नानालाल अहारी को भी जिम्मेदारियां दी गई थीं. मतलब उपचुनाव में मिली हार से इन दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा भी धूमिल हुई और इनका सियासी कद भी पार्टी में कमजोर पड़ा.

अब विरोधी खेमे के नेता होंगे सक्रिय

सियासत में मौका देख कर आगे की रणनीति बनती है. अब जब दोनों उपचुनाव सीटों पर भाजपा हार गई तो केवल कांग्रेस नेता ही नहीं बल्कि भाजपा के भीतर भी विरोधी खेमे के कई नेता सक्रिय होंगे. बस फर्क इतना होगा कि कांग्रेस के नेता खुलकर बयान देंगे तो भाजपा में विरोधी खेमे के नेता अंदरखाने प्रदेश नेतृत्व और मौजूदा टीम के पर कतरने का काम जयपुर से दिल्ली तक करेंगे.

Last Updated :Nov 2, 2021, 6:52 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.