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Rajasthan Student Union Election : छात्रसंघ चुनाव में करीब 60 फीसदी छात्र अपने वोट का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे, ABVP ने की ये मांग

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Published : Aug 2, 2022, 12:16 PM IST

Updated : Aug 3, 2022, 6:24 AM IST

राजस्थान के विभिन्न महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में 26 अगस्त को होने वाले छात्रसंघ चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने चुनाव की तारीख 15 दिन आगे बढ़ाने की मांग की है.

Rajasthan Student Union Election
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जयपुर. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने छात्र संघ चुनाव की तारीखों पर आपत्ति जताई है. उन्होंने सरकार के छात्रसंघ चुनाव करवाने के फैसले का स्वागत किया, लेकिन इलेक्शन डेट 26 अगस्त होने के कारण चुनाव में बड़ी संख्या में विद्यार्थी वोट नहीं दे पाने को लोकतंत्र की हत्या बताते हुए इलेक्शन की तारीख 15 दिन आगे बढ़ाने की मांग की. साथ ही विश्वविद्यालय परिसर में घूम रही प्रदेश के बाहर की गाड़ियों और पूर्व छात्रों पदाधिकारियों की ओर से अब तक छात्र संघ कार्यालय हैंडोवर नहीं किए जाने को लेकर भी सवाल उठाए.

प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में 26 अगस्त को होने वाले छात्रसंघ चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है. हालांकि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का आरोप है कि है राज्य सरकार और प्रशासन के बीच तालमेल के अभाव की वजह से इस बार करीब 60 फीसदी छात्र अपने वोट का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री हुशयार मीणा ने कहा कि बिना तैयारी के साथ छात्रसंघ चुनावों की घोषणा की गई. अभी तक विद्यार्थियों के प्रवेश और परिणाम का कोई ठिकाना नहीं हैं. ऐसे में छात्रों के इस महापर्व में जब छात्र ही भाग नहीं लेंगे तो फिर ये कैसा चुनाव?

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10 अगस्त तक पीजी के एंट्रेंस टेस्ट लिए जाएंगे, आखिर में कब तक रिजल्ट आएगा और कब एडमिशन होंगे. ऐसे में उन्होंने छात्रों को चुनाव में भाग लेने का मौका देने के लिए कम से कम 15 दिन चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने की मांग की. वहीं, हुशयार मीणा ने कहा कि अब तक छात्र संघ कार्यालय खुले हुए हैं. डीएसडब्ल्यू ने उन्हें खाली नहीं करवाया. ये दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसा पहली बार हुआ है कि नोटिफिकेशन आने के बाद भी छात्र संघ के कार्यालय की चाबी छात्र कल्याण अधिष्ठाता ने नहीं ली है. उन्होंने आरोप लगाया कि इन छात्र संघ कार्यालय में देर रात तक शराब की पार्टी और गुंडागर्दी चलती रहती है. इस पर भी प्रशासन मौन है. इस दौरान उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय कैंपस में धड़ल्ले से घूम रही दूसरे राज्यों की गाड़ियों को लेकर भी सवाल उठाए और उन पर नकेल कसने की मांग की.

इसके अलावा एबीवीपी ने महाराजा कॉलेज की जमीन अधिग्रहण के फैसले को वापस लेने, गंदगी फैलाने वाले छात्र नेताओं के खिलाफ जुर्माना करने, मुख्य द्वार पर पीने के पानी की व्यवस्था करने, टूटी हुई सड़कों और छात्रावासों की जर्जर इमारतों की मरम्मत करने, नई लाइब्रेरी को तुरंत शुरू करने, कुलपति को बर्खास्त करने, विश्वविद्यालय कैंपस में वाईफाई और 24 घंटे चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की भी मांग रखी. चूंकि 2 साल तक छात्रसंघ चुनाव नहीं हुए, ऐसे में चुनाव लड़ने के लिए आयु सीमा में छूट देने की भी मांग की. हालांकि बताया जा रहा है कि सोमवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के ही एक छात्र नेता ने इस संबंध में हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की है.

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वहीं, राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव के रंग देखने को मिल रहे हैं. कैंपस में जगह-जगह पोस्टर-बैनर, चुनावी जन सभाओं और रैलियों के बीच फिलहाल एडमिशन प्रक्रिया की धीमी रफ्तार छात्र संगठनों के लिए चिंता का सबब बनी हुई है. इसे लेकर सोमवार को एनएसयूआई ने प्रदेश प्रभारी गुरजोत सिंधु के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया. साथ ही यूनिवर्सिटी प्रशासन को 15 अगस्त तक का समय दिया. हालांकि उन्होंने छात्र संघ चुनाव को लेकर सरकार ने जो डेट फाइनल की है, उसे स्वीकार करते हुए कहा कि सभी छात्रों को मतदान का पूरा मौका मिले. इसलिए प्रशासन के सामने मांग रखी है कि वह एडमिशन प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करें. इस दौरान गुरजोत सिंधु ने एबीवीपी की ओर से लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यदि बाहरी राज्यों से कोई गाड़ियां आ रही है तो उस पर प्रशासन सख्ती करे, ये गाड़ियां एनएसयूआई की नहीं.

अलवर में भी विरोध प्रदर्शन: प्रदेश सरकार ने हाल ही में अगस्त माह में छात्र संघ चुनाव कराने के आदेश दिए हैं. सरकार के इस फैसले के विरोध में अलवर के कला कॉलेज के बाहर भी मंगलवार को बड़ी संख्या में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों ने कॉलेज प्रशासन को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा. छात्रों ने कहा कि चुनाव की तिथि में बदलाव होना चाहिए. साथ ही आयु सीमा में 2 साल बढ़ाने की भी मांग की है. उनका कहना है कि अभी लास्ट ईयर के रिजल्ट नहीं आए हैं. न ही नए वर्ष की प्रवेश प्रक्रिया शुरू हुई है. ऐसे में प्रथम वर्ष के छात्र चुनाव में वोट डालने से वंचित रह जाएंगे. इसलिए सरकार को सितंबर माह में चुनाव कराने चाहिए.

अजमेर में एबीवीपी का विरोध प्रदर्शन- गहलोत सरकार ने 23 अगस्त को छात्रसंघ चुनाव की तिथि की घोषणा की है. लेकिन कई यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में परीक्षा परिणाम तक अभी जारी नहीं हुआ है. ऐसे में परिणाम आने के बाद ही दाखिला प्रक्रिया होगी. यही वजह है कि छात्र संघ चुनाव की तिथि सितंबर में करवाने और एमडीएस यूनिवर्सिटी कैंपस की विभिन्न समस्याओं के निराकरण के संबंध में छात्र संगठनों ने मंगलवार को जमकर विरोध प्रदर्शन किया.

एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने भी किया प्रदर्शन- छात्र संघ चुनाव की तिथि आगे बढ़ाने की मांग को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने भी एमडीएस यूनिवर्सिटी कैंपस में विरोध प्रदर्शन किया. इससे पहले एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी के बाहर रोड पर जाम लगा दिया. बाद में नारेबाजी करते हुए एबीवीपी के कार्यकर्ता यूनिवर्सिटी कैंपस में बृहस्पति भवन के बाहर पहुंचे, जहां कुलपति अनिल कुमार शुक्ला को बुलाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करने लगे. एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने छात्र संघ चुनाव सितंबर में करवाने की मांग कुलपति के समक्ष रखी है. उनका कहना है कि यूनिवर्सिटी में कई परीक्षाएं अभी तक जारी है ऐसे में कब परिणाम आएगा और कब मैं दाखिले होंगे. अगस्त माह में छात्रसंघ चुनाव किसी भी सूरत में संभव नहीं है.

Last Updated :Aug 3, 2022, 6:24 AM IST
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